फेस मास्क किसी भी तरह का हो उसे पहनने का तरीका सही होना चाहिए : डा. यश गर्ग

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  • 1 से 12 जनवरी तक जिला में फेस मास्क न पहनने वाले 8510 तथा 100 कमर्शियल संस्थानों के किए जा चुके है चालान

  • गुरूग्राम, 13 जनवरी। जिला उपायुक्त डा. यश गर्ग ने कहा कि हमे फेस मास्क को सही तरीके से लगाने के साथ साथ उसका ठीक से निस्तारण करना होगा तभी हम कोरोना संक्रमण से अपना व अपने परिजनों का बचाव कर सकते हैं। उन्होंने बताया कि 1 जनवरी से लेकर 12 जनवरी तक जिला में फेस मास्क ना पहनने वाले 8510 लोगों के चालान किए जा चुके हैं। इसके साथ ही, जिला में 100 कमर्शियल संस्थानों व संगठनों में कोविड प्रोटोकॉल की उल्लंघना करने पर चालान किए गए हैं।

  • उन्होंने कहा कि हमें कोरोना से डरने की बजाय इससे लड़ने की जरूरत है तभी हम इस दौरान सुरक्षित रह सकते हैं। उन्होंने कहा कि हमंे घर से बाहर निकलने से पहले फेस मास्क जरुर पहनना होगा। डॉ यश गर्ग ने कहा कि कोरोना संक्रमण की रोकथाम के लिए फेस मास्क पहनना अत्यंत आवश्यक है । जिला प्रशासन द्वारा फेस मास्क ना पहनने वालों के चालान भी नियमित तौर पर किए जा रहे हैं । उन्होंने सभी को मास्क पहनने का तरीका बताते हुए कहा कि फेस मास्क किसी भी तरह का हो, उसे पहनने का तरीका सही होना चाहिए। मास्क से पूरा चेहरा ढका होना चाहिए। मास्क में साइड से हवा नहीं आनी चाहिए और मास्क को बार-बार नहीं छूना चाहिए। सार्वजनिक स्थानों पर जाने से पहले मास्क लगाना जरूरी है।

  • मास्क का उपयोग करने से इन्फेक्शन एक से दूसरे में नहीं फैल सकता है। उन्होंने कहा कि अपने मंुह पर और आंखों पर हाथ लगाने से बचे और सरकार द्वारा समय-समय पर जारी की जाने वाली हिदायतों का अनुसरण करें। अगर कोई भी व्यक्ति बिना मास्क व सार्वजनिक स्थानों पर थूकता है तो उस पर जुर्माने का प्रावधान है। फेस मास्क नही लगाने वालों पर 500 रूप्ये का जुर्माना लगाया जा रहा है। सरकार द्वारा जारी दिशा निर्देशांे का सख्ती से पालन किया जा रहा है। इसके अलावा, कोरोना संक्रमण नियंत्रित करने को लेकर जिला में 7 इंसीडेंट कमांडरों के अलावा क्षेत्रवार टीमें गठित की गई हैं। स्वास्थ्य विभाग द्वारा कंटेनमेंट जोन में टीमें लगाते हुए डोर टू डोर स्क्रीनिंग व मोनिटरिंग की जा रही है।

  • उपायुक्त ने कहा कि गुरूग्राम जिला में कोरोना संक्रमण की स्थिति अभी नियंत्रण मे हैं और बेशक से कोरोना के मरीजों की संख्या बढ़ी है लेकिन ज्यादातर मरीज हल्के लक्षणो वाले हैं। केवल एक से दो प्रतिशत मरीजों को ही अस्पताल में दाखिल हाने की जरूरत पड़ रही है। इसलिए जिलावासी घबराएं नहीं बल्कि आवश्यक सावधानी बरतें। जिला में कोरोना संक्रमण को लेकर स्थिति नियंत्रण में हैं और हमारा प्रयास है कि लोगों को अच्छी व बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएं दी जाएं।

  • उन्होंने कहा कि कोरोना संक्रमण की दूसरी लहर के दौरान आई परेशानियों को ध्यान में रखते हुए जिला में ऑक्सीजन आपूर्ति बढ़ाई गई है और अस्पतालों में बेड की भी पर्याप्त संख्या उपलब्ध है। डा. गर्ग ने बताया कि जिला में वर्ष 2021 मंे 11 सरकारी अस्पतालों व स्वास्थ्य केद्रों पर 4150 एलपीएम क्षमता के ऑक्सीजन प्लांट लगाए गए हैं। जिन 11 स्वास्थ्य केंद्रों व सरकारी अस्पतालों मंे ये प्लांट लगाए गए हैं उनमें 1750 एलपीएम क्षमता के प्लांट नागरिक अस्पताल सैक्टर 10, पटौदी उपमण्डल नागरिक अस्पताल में 500 एलपीएम क्षमता, एसडीएच सोहना में 500 एलपीएम, ईएसआईसी सैक्टर-9 में 500 एलपीएम, ईएसआईसी सैक्टर-3 मानेसर में 500 एलपीएम, पोलीक्लिनिक सैक्टर 31 में 100 एलपीएम, सीएचसी घंघौला में 75 एलपीएम, सीएचसी भांगरौला में 75 एलपीएम तथा सीएचसी फरूखनगर में 150 एलपीएम क्षमता का ऑक्सीजन प्लांट लगाया गया है। इसके अलावा, 50 बेड से ज्यादा क्षमता वाले निजी अस्पतालों मे भी अब पीएसए ऑक्सीजन प्लांट लगाए जा चुके हैं। इसलिए जिलावासियों को अब ऑक्सीजन उपलब्धता के बारे में घबराने की जरूरत नही है।

  • उन्होंने बताया कि कार्यस्थल पर काम करने वाले सभी कर्मचारियों के लिए भी फेस मास्क का प्रयोग अनिवार्य किया गया है। इसके साथ साथ निजी व सरकारी संस्थानों में कार्यरत सभी अधिकारियों व कर्मचारियों कोरोना रोधी वैक्सीन की दोनों डोज लगी होनी अनिवार्य है ।यदि व्यक्ति को खांसी, जुकाम , बुखार आदि के लक्षण दिखाई देते हैं तो तुरंत स्वास्थ्यकर्मियों से संपर्क करें और घरों से बाहर निकलने व अन्य व्यक्ति के संपर्क में आने से बचे। उन्होंने कहा कि बीपी, शूगर, हृदय की बीमारी, कैंसर , 65 वर्ष से अधिक आयु, गर्भवती महिलाएं घरों से निकलने से बचे।

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