नई दिल्ली। भारत ने हाल ही में भारत लघु रिएक्टर (बीएसआर) (220 मेगावाट पीएचडब्ल्यूआर) लगाने और भारत लघु मॉड्यूलर रिएक्टर (बीएसएमआर) विकसित करने की अपनी योजना की घोषणा की है। इस संदर्भ में, बीएसएमआर के लिए अनुसंधान और विकास शुरू किया गया है। इन रिएक्टर ऐसे क्षेत्र में होंगे जिनकी कैप्टिव बिजली की जरूरतें हैं। कई देशों ने एसएमआर के लिए भारत के साथ सहयोग करने में रुचि दिखाई है। वर्तमान में विभिन्न विकल्प अन्वेषण चरण में हैं।
यह जानकारी केंद्रीय विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) डॉ. जितेंद्र सिंह ने आज राज्यसभा में एक लिखित उत्तर में दी।
सरकार ने भारत लघु रिएक्टर स्थापित करने और देश के परमाणु ऊर्जा कार्यक्रम में निजी क्षेत्रों को शामिल करने की पहल की घोषणा की है। देश में पहले से ही बीएसआर की आपूर्ति श्रृंखला है, जिनमें से कई बीएसआर उत्कृष्ट सुरक्षा सुविधाओं और रिकॉर्ड निरंतर संचालन के साथ काम कर रहे हैं। आज, हमारे बीएसआर दुनिया भर के सबसे सस्ते एसएमआर में से एक हैं।
इसके अतिरिक्त भारत लघु मॉड्यूलर रिएक्टर (बीएसएमआर) और परमाणु ऊर्जा के लिए नई प्रौद्योगिकियों के विकास के लिए अनुसंधान एवं विकास कार्य शुरू किया गया है।