टूंडलाका सीआरपीएफ कैंप मामले में 51 सदस्यीय कमेटी का गठन

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 31 दिसंबर को पुन्हाना अनाज मंडी में होगी महापंचायत

बीजेपी छोड़ सभी राजनीतिक दल, चौधरी व समाजसेवी हुए एकजुट 

 महापंचायत की जिम्मेदारी मेवात विकास सभा को सौंपी

वकीलों की 11 सदस्य लीगल कमेटी गठित होगी

यूनुस अलवी

मेवात :  मेवात ज़िला के पुन्हाना उपमंडल के गांव टूंडलाका में गत 18 दिसबंर को जिला प्रसाशन ने पीला पंजा चलाकर पंचायत कि जमीन से अवैध कब्जे हटाने के नाम पर तोडे गये करीब 80 परिवारों के घरों का मामला अब आये दिन तूल पकडता जा रहा है। सोमवार को नूंह के पीडब्लयूडी रेस्ट हाउस में आयोजित कि गई विचार-विमर्श कमेठी में टूंडलाका में सीआरपीएफ कैंप और वहां ठंड के मौसम में हटाये गये करीब 80 परिवारों के मामले को लेकर कई कठोर फैंसले लिये गये। बैठक कि अध्यक्षता जमियते-उलेमा-हिंद हरियाणा, पंजाब, हिमाचल प्रदेश, चंदीगढ के महासचिव मोलाना हाजी रजमान साहब ने की।

 

विचार-विमर्श कमेठी में 52 पाल के चौधरी एंव विधायक जाकिर हुसैन, पूर्व परिवहन मंत्री आफताब अहमद, पूर्व मंत्री मोहम्मद इलयास, विधायक नसीम अहमद, पूर्व डिप्टी स्पीकर आजाद मोहम्मद, कांग्रेस मामन खां इंजिनियर, मोहम्मदी बेगम, मेवात विकास सभा के राष्ट्रीय अध्यक्ष उमर मोहम्मद पाडला, अखतर हुसैन, इब्राहीम इंजिनियर, रजमान चौधरी, नूरदीन नूर आप पार्टी, मोलाना हकीमुद्दीन, मुफ्ति जाहिद हुसैन, हारून खां स्वराज इंडिया, रोहित, शाहिद, दीन मोहम्मद, साबिर, बुरहान और अतीक सहित काफी प्रमुख लोग, राजनेता और खाप-पालों के चौधरी मौजूद थे।

 

   समाजसेवी और स्वाराज इंडिया के नेश्रल नेता रमजान चौधरी ने बताया कि गांव टूंडलाका में गत 18 दिसंबर को कडकडाती ठंड के मौसम में प्रशासन ने पीला पंजा चलाकर करीब 80 गरीब परिवारों के मकानों को तोड दिया था। जिसकी वजह से काफी वो लोग बेघर हो गये जिनके पास रहने तक को जमीन नहीं हैं। प्रशासन कि इस कार्रवाई कि विचार विमर्श बेठक  में कडी निंदा कि गई।

 

बैठक में सरकार से कहा गया कि टूंडलाका कि जमीन पर सीआरपीएफ कैम्प क्यों? और यूनिवर्सटी क्यों नहीं? सभी राजनेता और समाजसेवियों ने कहा कि सरकार के इस बर्रतापूर्ण कार्रवाई के खिलाफ जमकर आवाज बुलंद कि जाऐगी। लोगों को उजाडकर किसी भी कीमत पर सीआरपीएफ कैंप बनने नहीं दिया जाऐगा। टूंडलाका मामले पर बीजेपी नेताओं कि गैरहाजरी में सभी नेता और समाजसेवी एक मत नजर आये। वहीं बेठक में सरकार से सभी विस्थापित किये गये लोगों को दुबारा बसाने और जिन लोगों के मकान तोडे गये हैं उनके प्रयाप्त मुआवजा देने कि भी मांग रखी गई।

 51 सदस्य कमेठी में राजनेता, उलेमा, समाजसेवी व खाप-पाल के चौधरी शामिल 

 बेठक में फैंसला लिया गया कि जो राजनेता इस मुहिम में साथ नहीं देगा उसका सामाजिक और राजनेतिक बहिष्कार किया जाऐगा। आगामी 31 दिसंबर को पुन्हाना कि अनाज मंडी में महापंचायत कि जाऐगी जिसमें हरियाणा, उत्तरप्रदेश, राजस्थान आदि इलाकों से मेव समाज के खाप और पालों के सभी बडे चौधरी, समाजसेवी और अधिक्तर राजनेताओं के अलावा युवा शक्ति भाग लेगी। इस प्रकरण की अगुवाई मेवात का अग्रणी संगठन मेवात विकास सभा करेगी। आलिम हज़रात, राजनेता, समाजिक कार्यकर्ता और युवाओं 51 सदस्य वर्किंग कमेटी बनाने का फैंसला लिया गया। एक 11 सदस्य लीगल कमेटी फॉर्म का गठन किया गया जो इसके कानूनी पहलुओं पर गौर करेगा।

मामला क्या है ?

आप को बता दें कि गत 18 दिसंबर को प्रशासन ने गांव टूंडलाका में सीआरपीएफ कैंप बनाने को लेकर 70/80 पक्के मकानों को तोड़ दिया था। लोगों के पास रहने के लिए मकान न होने की वजह से फिलहाल लोग उसी जगह पर झोपड़ी तान कर रहने को मजबूर हैं। गांव टूंडलाका की 686 कनाल यानी करीब 85 एकड़ जमीन सरकार द्वारा सीआरपीएफ कैंप बनाने को मंजूरी दी है इसी वजह से पिछले 30-40 वर्षों से रहे करीब 80 परिवारों के मकान तोड़ कर खाली कराया था। सीआरपीएफ कैंप के लिए जो जगह दी गई है उसमें गांव के दो कब्रिस्तान दो तालाब स्कूल की जगह को भी शामिल किया गया है जो इस जगह से करीब एक किलोमीटर दूर पर है। लोगों का आरोप है कि ये सब खाना पूर्ति के लिए किया गया है। 

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