दुर्घटनाएं रोकने के लिए प्रशासन ने नहीं उठाए कोई कदम : वशिष्ठ कुमार गोयल

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प्रशासन ने बाईपास निकालने के लिए नहीं बनाए प्रपोजल

गुड़गांव : सोहना से तावडू को जोड़ने वाले सोहना घाटी के मार्ग को लेकर अधिकारियों की लापरवाही इतनी अधिक है कि उसकी व्याख्या भी नहीं की जा सकती। यह कहना है नव जन चेतना मंच के संयोजक वशिष्ठ कुमार गोयल का।रविवार को सोहना कार्यालय में नव जन चेतना मंच कार्यकर्ताओं की बैठक में सोहना घाटी की समस्या पर चर्चा की गई, कार्यकर्ताओं ने बैठक में कहा कि सोहना घाटी की चड़ाई वाली सड़क इतनी खतरनाक है कि आए दिन यहां दुर्घटनाएं होती रहती हैं। पिछले पांच-सात सालों में यहां दुर्घटनाओं में कई मौतें भी हो चुकी हैं। घायलों की संख्या तो इतनी अधिक है कि बताया भी नहीं जा सकता। यहां से निकलने वाले लोडेड वाहन अक्सर दुर्घटनाग्रस्त होते हैं।जिससे यहां जान माल का खतरा बना रहता है।
श्री गोयल ने कहा कि कई बार सोहना घाटी से उतरने वाले ट्रक बेकाबू होकर या तो किसी दुकान के अंदर घुस चुके हैं या फिर नीचे खाई में गिर चुके हैं। दर्जनों एफ आई आर पुलिस की फाइलों में बंद है, इस संदर्भ में वशिष्ठ कुमार गोयल ने कहा कि यह प्रशासन की सबसे बड़ी लापरवाही दर्शाता है। अगर प्रशासनिक अधिकारियों ने सोहना घाटी को जोड़ने के लिए कोई नया प्रपोजल तैयार किया होता तो सरकार अब तक उस पर काम जरूर शुरू कर चुकी होती। लेकिन अधिकारियों की लापरवाही की वजह से आम जनता रोजाना ट्रैफिक जाम से जूझ रही है। या फिर दुर्घटनाओं का शिकार बन रही है।
वशिष्ठ कुमार गोयल ने कहा कि सोहना घाटी को जोड़ने वाले इस मार्ग के लिए नया प्रपोजल बनवाने के लिए वह खुद उच्च अधिकारियों से मिलेंगे। जरूरत पड़ी तो चंडीगढ़ तक पैरवी करके किसी भी हाल में सोहना घाटी की इस समस्या को दूर कराएंगे।इसके अलावा सोहना से तावडू को जोड़ने वाले मार्ग कई स्थानों पर टूटे हुए हैं। जिनको सही कराने के लिए भी अधिकारियों से मिलेंगे, उन्होंने कहा कि इसी तरह सोहना के आसपास लगते 2 दर्जन से अधिक ऐसे गांव हैं जिन गांवों को जोड़ने वाली ग्रामीण सड़कें खस्ताहाल हो चुकी है।
उन्होंने आश्वस्त किया कि उन सड़कों के नवीनीकरण के लिए भी उच्च अधिकारियों से बात करेंगे।जिससे कि सोहना क्षेत्र के लोगों को साइबर सिटी गुड़गांव में मिलने वाली सभी सुविधाएं गांव गांव तक पहुंच सकें।नव जन चेतना मंच के सभी सदस्य जल्द ही हर वर्ग खुशहाल घर घर खुशहाल अभियान के तहत लोगों से मिलकर उनकी समस्याओं को साझा करेंगे।साथ ही ग्रामीण क्षेत्र की समस्याओं को शासन प्रशासन के समक्ष रखकर उनका तत्काल निदान कराएंगे।

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