नई दिल्ली। जमकर खेला, जमकर लड़ा और करोड़ों चेहरों पर ना जाने कितनी बार मुस्कान बिखेरने वाले भारतीय क्रिकेट के ‘फाइटर’ ने आज अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट को अलविदा कह दिया है। आज भी वो हारा नहीं है, बस रफ्तार और उम्र के फेर के बीच शायद थोड़ा पीछे रह गया।
एक फाइटर जिसने मैदान पर भी हर मैच को जंग की तरह लिया और भारत को दो विश्व कप जिताने में अहम भूमिका निभाई, फिर जब शरीर पर वार हुआ (कैंसर) तब भी लड़कर लौट आया। उसी फाइटर ने आज मीडिया के जरिए देश को संदेश दे दिया कि सालों के प्यार के लिए शुक्रिया और देश की जर्सी में जो कुछ किया उसे कभी भुलाया नहीं जा सकेगा।
युवराज सिंह ने रविवार को ही मीडिया तक संदेश पहुंचा दिया था कि वो सोमवार को हमसे मुखातिब होना चाहते हैं। इशारा साफ था कि कुछ बड़ा ऐलान होने वाला है और मकसद भी जाहिर हो चुका था। युवी ने अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट से संन्यास का ऐलान किया और अब वो कभी भी भारत की तरफ से मैदान पर दहाड़ देते नहीं दिखाई देंगे। एक युग का अंत हुआ।
युवराज ने अपने करियर की शुरुआत सौरव गांगुली की कप्तानी में साल 2000 में नैरोबी में की थी। तब केन्या के खिलाफ पदार्पण वनडे मुकाबले में उनकी बैटिंग नहीं आई थी। युवी ने अपना आखिरी वनडे दो साल पहले 30 जून 2017 को वेस्टइंडीज के खिलाफ खेला था।