धरना पर बैठें किसानों को इनेलो नेताओं का समर्थन

Font Size

मिट्टी पानी की सुविधा बहाल लेकिन धरना पर बैठे हैं किसान

फरीदाबाद : ईस्टर्न पेरीफेरल (कुंडली-गाजियाबाद-पलवल) के लिए फरीदाबाद के गांव फज्जूपुर-शाहाजहांपुर के बीच बने  यमुना पुल पर चढऩे-उतरने की मांग को लेकर धरने पर बैठे किसानों का दसवेंं दिन धरना चालू रहा। इस धरना पर बैठें किसानों को रविवार को इनेलो के नेताओं ने अपना समर्थन दिया। जहां इनेलो नेताओं ने कहा किसानों की मांग को जायज ठहराते हुए कहा कि उनकी मांग जायज है और वे सभी तरीके से किसानों के साथ है। वहीं इन पुल के लिए किसानों द्वारा बंद की गई मिट्टी पानी की सुविधा को बहाल कर दिया गया है। जिससे पुल का कार्य शुरू हो गया है। लेकिन किसान धरना पर लगातार अपनी उपस्थिति बनाएं हुए है।
किसान संघर्ष समिति के बनैर तले चल रहा धरना रविवार को अपने दसवें दिन में प्रवेश कर गया है,लेकिन धरना स्थल पर न तो महिलाओं की भीड कम हो रही है न ही युवाओं की। धरना देने वाले किसानों को समर्थन देने पहुंचती इनेलो नेत्री शशिबाला, इनेलो के पूर्व चैयरमैन धर्मपाल यादव, प्रवक्ता लखन बैनिवाल, वरिष्ठ नेता बेगराज नागर, युवा नेता हातम अधाना तिगांव के अलावा करीब दो दर्जन से अधिक इनेलो नेताओं ने किसानों को समर्थन दिया। किसानों को संबोधित करते इन नेताओं ने वे हर संभव मदद को तैयार है। किसानों की आवाज को दबाया नहीं जा सकता। वहां किसानों के साथ थे हैं और रहेंगे इनेलो पूर्णतया किसानों की पार्टी है जो किसानों की किसानों हर संभव मदद के लिए सदा अग्रसर रही है।
एसडीएम की वार्ता लाई रंग,बहाल हो गई पानी-मिट्टी सुविधा :- हाल ही में बल्लभगढ़ एसडीएम पार्थ गुप्ता की धरना देने वाले किसानों से हुई बातचीत पूरी तरह रंग ले आई है। आज किसान एसडीएम बल्लभगढ़ की बात पर कुछ सहमत दिखाई दिए । धरना स्थल पर बैठे किसान नेता सूरजपाल भूरा ने बताया कि किसानों द्वारा पुल के कार्य में जरूरत पडऩे वाली पानी मिट्टी को किसानों ने बहाल कर दिया गया है। क्योंकि प्रशासन ने किसानोंं की मांग को गंभीरता से लेते हुृए गांव इमामुद्दीन पुर में पिछले तीन दिनों से पैमाइस का कार्य शुरू किया हुआ है। इसी कारण किसानों ने बंद की गई मिट्टी-पानी को फिर से चालू करा दिया है। लेकिन किसान तब तक धरना पर बैठे रहेेंगे जब तक उनकी मांग पर पूर्णतया कार्य शुरू नहीं हो जाता है । इसके अलावा उन्होंने यह भी कहा कि अगर धरना के रहते पुल कार्य को अमलीजामा नहीं पहनाया जाता है तो वह अनशन से भी पीछे नहीं हटेंगे।

You cannot copy content of this page