मोदी सरकार के खिलाफ दिल्ली की सड़कों पर उतरीं महिलाएं

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नई दिल्ली। देश में कानून व्यवस्था को लेकर महिलाओं में गुस्सा बढ़ने लगा है। अलग अलग राज्यों में बढ़ रहे महिला अत्याचार व दुष्कर्म की घटनाओं के विरोध तथा महिलाओं को सुरक्षा मुहैया कराने जैसी बुनियादी मांगों को लेकर वामपंथी संगठन ऑल इंडिया डोमेस्टिम वूमैन एसोसिएशन (एआईडीडबल्यूए) के नेतृत्व में देश के अलग-अलग हिस्सों से आई सैकड़ों महिलाओं ने प्रदर्शन किया। केंद्र सरकार के खिलाफ नारेबाजी करते हुए भारी बारिश में भी आज इन महिलाओं ने संसद की ओर मार्च किया।

महिलाओं के खिलाफ बढ़ती हिंसा दहशत बेरोजगारी और भूख से आजादी की मांग को लेकर मंगलवार को महिला संगठनों ने मंडी हाउस से लेकर जंतर मंतर तक मार्च किया। भारी बारिश भी इन महिलाओं का हौसला नहीं तोड़ सकी। लगातार हो रही बरसात के बावजूद महिलाओं ने मार्च स्थगित नहीं किया। इस मार्च में सामाजिक कार्यकर्ता वकील और नेता भी शामिल रहे।

मार्च में शामिल कठुआ बलात्कार पीड़िता की वकील दीपिका राजावत ने मीडिया से बातचीत में कहा कि महिलाएं हिंसा, न्याय, बराबर की हिस्सेदारी और लिंचिंग जैसी घटनाओं के खिलाफ सड़क पर उतरी हैं। दीपिका राजावत ने सरकार से गुहार लगाई कि महिलाओं के खिलाफ उत्पीड़न करने वाले लोगों को कड़ी सज़ा मिले।

महिलाओं के मोर्चे का नेतृत्व कर रही सीपीआईएम के नेता वृंदा करात ने मोदी सरकार पर हमला करते हुए कहा कि सरकार लोगों से झूठे वायदे कर रही है, जबकि सच्चाई में महिलाओं की स्थिति पहले से बदतर हो गई है। उनका कहना था कि भाजपा शासित राज्यों में महिलाओं से अधिक अत्याचार हो रहे हैं। केंद्र सरकार जुमलेबाजी में व्यस्त है जनता त्रस्त है।

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