मुंबई। रिलायंस कंपनी के चेयरमैन अनिल अंबानी ने कांग्रेस पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी को पत्र लिखकर कहा है कि राफेल लड़ाकू विमान सौदे के मामले में दुर्भावनापूर्ण निहित हितों और कॉर्पोरेट प्रतिद्वंद्वियों द्वारा पार्टी को ‘‘गलत सूचना, भ्रामक जानकारी दी गई है और गुमराह किया गया है।’’
रिलायंस इंफ्रास्ट्रकचर लि. ने एक बयान जारी कर कहा है कि अंबानी ने पिछले हफ्ते राहुल गांधी को पत्र लिख कर ‘‘निरंतर व्यक्तिगत हमलों पर गहरी पीड़ा व्यक्त करते हुए’’ सभी आरोपों को ‘‘आधारहीन, भ्रामक और दुर्भाग्यपूर्ण’’ बताया है। इस सौदे में रिलांयस की भूमिका पर उनकी ओर से स्पष्टीकरण देते हुए लिखा गया है कि राफेल जेट्स का निर्माण रिलायंस या दासाल्ट रिलायंस संयुक्त उद्यम द्वारा नहीं किया जाएगा।
बयान में बताया गया है कि अंबानी ने कहा है कि गांधी ने आरोप लगाया है कि रिलायंस डिफेंस की स्थापना सरकार द्वारा 10 अप्रैल, 2015 के फ्रांस के राफेल जेट खरीदने के फैसले से 10 दिन पहले की गई, जो पूरी तरह गलत है। अंबानी ने कहा है कि रिलायंस समूह ने राफेल सौदे से महीनों पहले दिसंबर 2014-जनवरी 2015 में रक्षा उत्पदान कारोबार में उतरने की घोषणा की थी । इसके बारे में शेयर बाजार को फरबरी 2015 में सूचित किया गया था ।
अंबानी ने अपने पत्र में यह भी जानकारी दी है कि सभी 36 लड़ाकू विमानों का 100 फीसदी उत्पादन फ्रांस में किया जाएगा । वहां से भारत आयात किया जाएगा। अंबानी ने स्पष्ट किया कि इन विमानों के एक रुपये मूल्य के भी पूर्जों का निर्माण रिलायंस नहीं करेगी।
उन्होंने साफ कहा है कि इस सौदे में हमारी भूमिका सीमित है और 100 से ज्यादा सूक्ष्म ,लघु और मध्यम (एमएसएमई) कंपनियों, बीईएल और डीआरडीओ जैसी सरकारी कंपनियों के साथ हमारी भूमिका इस सौदे में काफी सीमित है।
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