गुरुग्राम पहुंचते ही मुख्यमंत्री काम पर लग गए , वरिष्ठ अधिकारियों के साथ की गुरुग्राम की बेहतरी पर चर्चा

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– जर्मन टेक्नीक वाली एजी डॉउटर्स नामक कंपनी ने मुख्यमंत्री के समक्ष कचरे और सीवरेज के पानी से बिजली व फ्यूल बनाने की तकनीक पर दी प्रेजेंटेशन
– इस तकनीक का गुरुग्राम के सोहना में किया जा सकता है प्रयोग
– मुख्यमंत्री ने सोहना नगर पालिका क्षेत्र के लिए डीपीआर बनाने के लिए कंपनी के प्रतिनिधियों को कहा
– सोहना में प्रयोग सफल हुआ तो प्रदेश के अन्य शहरों में कंपनी को मिल सकता है काम
– कंपनी केवल ठोस कचरा और सीवरेज के पानी के अलावा संयंत्र के लिए केवल जगह मांग रही है, बाकी सारा खर्चा कंपनी वहन करेगी, रखरखाव भी स्वयं करेगी।
– कंपनी का दावा है कि इस वेस्ट टू एनर्जी प्लांट में सीवरेज के 40 एमएलडी पानी से बन सकती है 400 मेगावाट बिजली।
– नगर निगम गुरुग्राम ने प्रेजेंटेशन के माध्यम से अपनी भविष्य की योजनाओं पर प्रकाश डाला और बताया कि किस प्रकार गुरुग्राम शहर की बेहतरी के कार्यों में लगा हुआ है निगम।

गुरुग्राम 14 जुलाई। हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल आज गुरुग्राम पहुंचते ही काम पर लग गए और जिला के वरिष्ठ अधिकारियों के साथ गुरुग्राम की बेहतरी पर चर्चा की। उन्होंने आते ही गुरुग्राम के नवनिर्मित स्वर्ण जयंती लोक निर्माण विश्राम गृह में जिला के वरिष्ठ अधिकारियों के साथ बैठक की जिसमें विशेष रूप से नगर निगम गुरुग्राम द्वारा शहर की बेहतरी के लिए किए जा रहे कार्यों पर चर्चा की गई। इस बैठक में प्रदेश के लोक निर्माण मंत्री राव नरबीर सिंह के अलावा गुरुग्राम के विधायक उमेश अग्रवाल तथा मेयर श्रीमती मधु आजाद भी शामिल हुई।
बैठक में जर्मन तकनीक से वेस्ट टू एनर्जी बनाने वाली कंपनी एजी डॉउटर्स के प्रतिनिधियों ने एक प्रेजेंटेशन के माध्यम से बताया कि उनकी कंपनी ठोस तथा तरल कचरे से फ्यूल और बिजली का उत्पादन करती है। इसके लिए कंपनी ने ठोस कचरा तथा सीवरेज के पानी के अलावा संयंत्र लगाने को जगह की मांग की है और कहा है कि संयंत्र लगाने का सारा खर्च तथा उसकी मेंटेनेंस कंपनी स्वयं वहन करेगी। कंपनी का दावा है कि 40 एमएलडी सीवरेज के पानी से 400 मेगावाट बिजली का उत्पादन हो सकता है। सरकार से कंपनी को कोई धनराशि नहीं देनी होगी। मुख्यमंत्री ने कहा कि इस नई तकनीक का पायलट प्रोजेक्ट का प्रस्ताव सोहना नगर पालिका क्षेत्र के लिए तैयार करके लाएं। सोहना में प्रयोग सफल होने के बाद प्रदेश के अन्य शहरों में इस तकनीक की परियोजनाओं का विस्तार किया जा सकता है। कंपनी के प्रतिनिधियों ने दावा किया कि संयंत्र लगाने में 9 महीने से लेकर 12 महीने तक का समय लगेगा। साथ ही यह भी दावा किया गया कि इस तकनीक से संयंत्र में ठोस तथा तरल कचरे से बिजली, पानी तथा फ्यूल बना कर देंगे। उन्होंने बताया कि इस नई तकनीक के संयंत्र में धुआं नहीं निकलता और ना ही राख बनती है। कंपनी को स्टार्टअप पावर भी नहीं चाहिए और इस प्रकार के संयंत्र नासा, यूएस आर्मी, नेवी और एयरफोर्स में लगाए गए हैं। इसके अलावा दिल्ली में गाजीपुर में जमा कचरे से बिजली बनाने का कार्य भी कंपनी को दिया गया है। इस तकनीक में ठोस कचरे के सेग्रीगेशन अर्थात अलग अलग करने की आवश्यकता भी नहीं है और धान की पराली से भी बिजली बनाई जा सकती है।
इसके अलावा मुख्यमंत्री के समक्ष नगर निगम द्वारा शहर की बेहतरी के लिए करवाए जा रहे कार्यों की प्रेजेंटेशन दी गई जिसमें नगर निगम आयुक्त यशपाल यादव ने बताया कि इन दिनों नगर निगम के विभिन्न वार्डों में व्याप्त समस्याओं को दूर करने के लिए नगर निगम आपके द्वार कार्यक्रम चलाया हुआ है। अब तक नगर निगम द्वारा कचरा जलाने तथा अन्य प्रावधानों के उल्लंघन के लिए 958 चालान किए गए हैं जिनसे 16 लाख रुपए से अधिक का जुर्माना भी वसूला गया है। उन्होंने बताया कि स्वच्छता और अतिक्रमण हटाने के लिए भी नगर निगम द्वारा विशेष मुहिम चलाई गई है। सी एंड डी वेस्ट अर्थात निर्माण तथा तोड़फोड़ के कार्यों से उत्पन्न होने वाले कचरे को डंप करने के लिए 17 जगहों की पहचान की गई है। उन्होंने बताया कि रविवार को पौधारोपण का कार्य किया जाता है। उन्होंने बताया कि यह विशेष अभियान 1 जुलाई से शुरू होकर 2 सितंबर तक चलेगा और अब तक नगर निगम के 10 वार्ड कवर हो चुके हैं। नगर निगम आयुक्त ने यह भी बताया कि निगम क्षेत्र में 42 माइक्रो एसटीपी लगाने के लिए जगहों की पहचान की जा चुकी है और उनसे शोधित होने वाले पानी का प्रयोग पार्कों में हरियाली के लिए किया जाएगा। मुख्यमंत्री ने इसकी समय सीमा पूछी तो उन्होंने बताया कि पहले चरण का यह कार्य 4 से 6 महीने की अवधि में पूरा कर लिया जाएगा। साथ ही मुख्यमंत्री ने रेन वाटर हारवेस्टिंग सिस्टम 500 वर्ग गज तथा इससे बड़े प्लाटों में बने घरों तथा संस्थानों में सुनिश्चित करने के आदेश दिए हैं। इस पर नगर निगम आयुक्त ने बताया कि रेन वाटर हारवेस्टिंग सिस्टम बनवाने और उसकी मेंटेनेंस सुनिश्चित करने के लिए योजना तैयार की जा रही है। उन्होंने यह भी बताया कि शहर में विभिन्न जगहों पर लगे 110 रेन वाटर हारवेस्टिंग सिस्टम को हाल ही में साफ भी करवाया गया है। श्री यादव ने पब्लिक टॉयलेट का भी उल्लेख किया और कहा कि इनका रखरखाव इन शौचालयों पर विज्ञापन लगा कर उससे प्राप्त होने वाले राजस्व से किया जाएगा। इसके अलावा श्री यादव ने नगर निगम द्वारा बनाए गए ग्रीन प्लान को भी मुख्यमंत्री तथा अधिकारियों के साथ सांझा किया और बताया कि 29 जुलाई को निगम के सभी वार्डों में पौधारोपण अभियान चलाया जाएगा।
इस अवसर पर गुरुग्राम महानगर विकास प्राधिकरण के मुख्य कार्यकारी अधिकारी वी उमाशंकर, हरियाणा शहरी विकास प्राधिकरण गुरुग्राम के प्रशासक चंद्रशेखर खरे, उपायुक्त विनय प्रताप सिंह, अतिरिक्त उपायुक्त आर के सिंह सहित जिला के कई वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।
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