हरेन्द्र ढींगरा ने पीएम को लिखे पत्र में अप्पू घर मामले में किया चौकाने वाला खुलासा !

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सेक्टर 29 जमीन आवंटन के कथित घोटाले की स्वतंत्र जांच कराने की मांग की

आय कर रिटर्न भी कई वर्ष से  जमा नहीं कराने का लगाया आरोप  

लगभग 150 कर्मचारियों के ईएसआई/ पीएफ भी खाते में जमा नहीं 

मनोरंजन कर/सर्विस टैक्स /वैट वसूलते रहे लेकिन सरकारी खाते में जमा नहीं   

लम्बे समय से प्रॉपर्टी टैक्स लंबित लेकिन नगर निगम प्रशासन मूक दर्शक

 

सुभाष चौधरी/प्रधान संपादक 

गुरुग्राम : गुरुग्राम के सेक्टर 29 स्थित अप्पू घर मामले में आर टी आई एक्टिविस्ट हरेन्द्र ढींगरा द्वारा गत 26 अप्रैल को प्रधान मंत्री नरेन्द्र मोदी के नाम लिखे पत्र से कई चौकाने वाले तथ्य सामने आये हैं. पत्र में उन्होंने दावा किया है कि अप्पू घर प्रबंधन की ओर से न तो आय कर रिटर्न जमा कराया जा रहा है और न ही इस कंपनी में कार्यरत लगभग 150 कर्मचारियों के ईएसआई/ पीएफ जमा कराये जा रहे हैं. यहाँ तक कि मनोरंजन के नाम पर दर्शकों से लाखों वसूलने वाली यह कंपनी मनोरंजन कर/सर्विस टैक्स /वैट भी सरकार के खाते में जमा नहीं कर रही है. हाल ही में प्रॉपर्टी टैक्स भुगतान नहीं कराने वाले कई मैरिज गार्डन को सील करने वाला गुरुग्राम नगर निगम प्रशासन भी अप्पू घर पर पूरी तरह मेहरबान है. लम्बे समय से प्रॉपर्टी टैक्स लंबित रहने के बावजूद कोई कारवाई की या तो हिम्मत नहीं जुटा रहा है या फिर जानबूझ कर माले को दबाये हुए है. उन्होंने एक बार फिर पीएम से जनहित में इस कथित घोटाले की स्वतंत्र जांच कराने की मांग की है.    

क्या है जमीन आवंटन का मामला ? 

हरेन्द्र ढींगरा ने अपने पत्र में प्रधान मंत्री कार्यालय के पत्र संख्या 261/10/2017-एवीडी -2 के संदर्भ में 15/02/2017, 350/2 9/2017-एवीडी-III दिनांक 05/04 / 2017,261 / 10/2017-एवीडी -2 दिनांक दिनांक 07.04 02.06.2017 और 82 (103) 2018-पीएमएफ दिनांक 04/04/2018 का उल्लेख करते हुए पीएम से इस मामले में व्यक्तिगत हस्तक्षेप की मांग की है. उल्लेखनीय है कि पूर्व में भी इस आर टी आई एक्टिविस्ट ने पीएम को भेजी लिखित शिकायत के साथ यह कहते हुए एक लाख रु का चेक सौंपा था कि अगर उनकी शिकायत तथ्यात्मक नहीं हो तो उनके खाते से यह पैसे ऑफिसियल खर्चे के रूप में जब्त कर ली जाये औएर उन्हें किसी भी चौराहे पर फांसी पर लटका दिया जाए. उनका कहना है कि इस मामले में अभी तक कोई कार्रवाई नहीं हुई है. उनकी शिकायत पर वर्ष 2015 में हरियाणा के मुख्यमंत्री  मनोहर लाल ने विजिलेंस जांच के आदेश दिए थे लेकिन अब तक न तो उसकी रिपोर्ट आई है और न ही उस सम्बन्ध में की कारवाई की कोई जानकारी दी गयी है.     

गौरतलब है कि गुरुग्राम के सेक्टर 29 स्थित 42 एकड़ जमीन का आवंटन तत्कालीन मुख्यमंत्री भूपिंदर सिंह हुड्डा द्वारा कथित तौर पर संबंधित विभाग के सभी नियमों और विनियमों का उल्लंघन करते हुए आपू घर को कर दिया गया था , बावजूद इसके कि उक्त जमीन मास्टर प्लान में गुरुग्राम शहर वासियों के लिए बस अड्डे के निर्माण हेतु प्रस्तावित थी.  

 

विजिलेंस जांच अब भी फाइलों में सीमित 

 

श्री ढींगरा ने उपर्युक्त भूमि आवंटन में त्तकालीन सरकार द्वारा बरती गयी कथित अनियमितता की जांच सी बी आई से कराने की मांग करते हुए एक बार फिर पी एम् कार्यालय को पत्र लिख कर कई चौकाने  वाले तथ्यों का रहस्योद्घाटन भी किया है.  उन्होंने पत्र के माध्यम से इस बात पर दुःख जताया है कि उनकी लोकहित की यह शिकायत तीन साल बाद भी जांच के इंतजार में है.

गौरतलब है कि हरियाणा के मुख्यमंत्री ने 25/05/2015 को श्री ढींगरा की शिकायत पर मामले में विजिलेंस जांच का आदेश दिया था लेकिन पिछले तीन सालों से जांच फाइलों में बंद पड़ी है और अप्पू घर प्रबंधन सारे नियमों को ताक पर रख कर सरकारी खजाने को भारी नुक्सान पहुंचा रहा है.

 

आयकर के रूप में 172 करोड़ रुपये बकाया ? 

उन्होंने पब्लिक डोमेन,आरटीआई एवं कुछ आधिकारिक श्रोतों के माध्यम से अप्पू घर द्वारा बरती जा रही कई अन्य अनियमितताओं का भी खुलासा करने का दावा किया है.  उनका कहना है कि 31/03/2015 से अप्पू घर द्वारा कोई आय कर रिटर्न दाखिल नहीं किया गया है. इस सम्बन्ध में अब तक आईटी विभाग द्वारा इनके खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की गयी है. उन पर आयकर के रूप में 172 करोड़ रुपये बकाया है। बताया जाता है कि गुरुग्राम स्थित अप्पू घर पर वर्ष 2013 में आय कर विभाग का छापा पड़ा था और आय कर चोरी का मामला भी पकड़ा गया था. विभाग ने 2016  में 172 करोड़ रु आय कर का डिमांड नोट बना कर कंपनी को भेजा और उक्त राशि जमा कराने को कहा था. लेकिन यह मामला अब तक लंबित है और इसकी आड़ में कंपनी कई वर्षों से कोई रिटर्न दाखिल नहीं कर रही है.   

 

हुडा के रेंट भी लंबित ? 

 

अप्पू घर के नाम सेक्टर 29, गुरुग्राम में 25 एकड़ वेशकीमती जमीन आवंटित की गयी   जिसका किराया हुडा के खाते में 7/12/16 तक 36.19 करोड़ जमा कराना था लेकिन  आज तक लंबित है. इस सम्बन्ध में भी हुडा  द्वारा कोई कार्रवाई नहीं की गयी है. इन्हें दी गयी 42 एकड़ जमीन में 10 प्रतिशत नियमों को दरकिनार करते हुए इनके द्वारा 350 करोड़ रु में 400 निवेशकों बेच दी गयी. इस सम्बन्ध में भी दिल्ली में धोखाधड़ी का मामला दर्ज है क्योंकि यह विना अनुमति के किया गया, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई.

  

वर्ष 2012 से ही प्रॉपर्टी टैक्स का भुगतान नहीं ? 

 

हरेन्द्र ढींगरा ने बताया है कि वर्ष 2012 से ही अप्पू घर ने कथित रूप से प्रॉपर्टी टैक्स का भुगतान नहीं किया है. नगर निगम गुरूग्राम इनकी ओर से आँखें मूंदे हुए हैं. उन्होंने कहा कि एक तरफ आम आदमी या छोटा व्यापारी अगर छह माह से एक साल प्रॉपर्टी टैक्स जमा नहीं कराता है तो उनके मकान व दूकान सील कर दिए जाते हैं लेकिन अप्पू घर के खिलाफ कदम उठाने से ये कतराते हैं.

 

एंटरटेनमेंट टैक्स भी जमा नहीं ? 

 

इसके अलावा आर टी आई एक्टिविस्ट ने एंटरटेनमेंट टैक्स के मामले को भी उजागर किया है. उनके अनुसार अप्पू घर कई वर्षों से दर्शकों से यह टैक्स वसूलता तो है लेकिन सरकार के खाते में जमा नहीं कराता. हरियाणा सरकार का सम्बंधित विभाग इसको लेकर भी मूक दर्शक बना हुआ है. इसके भुगतान के लिए समय सीमा निर्धारित होती है लेकिन पब्लिक मनी पर अप्पू घर चांदी कूट रहा है और विभाग के अधिकारी इन पर मेहरबान हैं.

 

वैट व सर्विस टैक्स का मामला भी रहस्यमय ? 

 

यहाँ तक कि पिछले वर्षों में अप्पू घर आने वाले दर्शकों से वसूले गए वैट व सर्विस टैक्स भी कथित तौर पर कंपनी ने जमा नहीं कराये हैं, लेकिन कानूनी कार्रवाई के नाम पर शून्य।

ईएसआईसी और ईपीएफओ क्यों है मौन ? 

उन्होंने इस बात पर आश्चर्य व्यक्त किया कि जिस कंपनी ने एन जी टी के समक्ष स्वयं हलफनामे में यह स्वीकार किया है कि उनके यहाँ लगभग 150 कर्मचारी कार्यरत है उनकी ओर से कर्मचारियों की भविष्य निधि की राशि भी कथित तौर पर सबमिट नहीं कराई जा रही है. कर्मचारियों को ईएसआई की सुविधा देने के ममाले में भी यही स्थिति है. आज की तारीख में यह अविश्वसनीय लगता है लेकिन ईएसआईसी और ईपीएफओ दोनों इस कंपनी के मामले में मौन धारण कए हुए है जो एक बड़ा सवाल है .  

 

नेता, अधिकारी, खिलाड़ी और अप्पू घर की सांठगाँठ ? 

श्री ढींगरा ने आशंका व्यक्त की है कि सरकारी खाजने को चेपा लगाने का यह अनैतिक खेल वर्षों से चल रहा है और अब उन्हें दिल्ली बीजेपी के ही एक नेता का संरक्षण प्राप्त है. उन्होंने आरोप लगाया है कि इस खेल में हरियाणा के कुछ ऐसे अधिकारी भी शामिल हैं जो पीछली सरकार में भी मलाईदार पदों पर रहे थे. ऐसे अधिकारी वर्तमान हरियाणा सरकार को गुमराह कर अप्पू घर की अनियमितताओं की जांच में अडंगा डाल रहे हैं और किसी भी कार्रवाई से बचा रहे हैं. पीएम को भेजे शिकायती पत्र में आर टी आई एक्टिविस्ट ने एक प्रसिद्ध क्रिकेट खिलाड़ी की मिलीभगत होने की आशंका भी जताई है. उनका आरोप है कि नेता, सरकारी अधिकारी, खिलाड़ी और अप्पू घर प्रबंधन के बीच पब्लिक मनी खुर्दबुर्द करने की सांठगाँठ लम्बे अर्से से जारी है. उन्होंने इस मामले में पारदर्शी जांच और त्वरित कार्रवाई की मांग की है. 

क्या कहना है अप्पू घर प्रबंधन का ? 

इन गंभीर प्रकृति की अनियमितता को लेकर जब अप्पू घर के निदेशक संदीप बब्बर से उनका पक्ष जानने के लिए फोन पर संपर्क किया गया तो उन्होंने दावा किया कि ये आरोप बेबुनियाद हैं . उन्होंने कहा कि आज की परिस्थिति में ये अनियमितताएं व्यावहारिक नहीं है. नेटवर्क में व्यवधान के कारन हालाँकि उनकी आवाज स्पष्ट नहीं थी इसलिए उनसे दुबारा सम्पर्क किया गया. लेकिन उन्होंने अपनी व्यस्तता जाहिर करते हुए बाद में सम्पर्क करने का मेसेज भेजा.  इन आरोपों से सम्बंधित उनका पक्ष स्पष्ट करने के मेसेज भी उन्हें किए गए लेकिन उनकी ओर से कोई जवाब नहीं आया. 

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