सरकार द्वारा निर्धारित समय अवधि में आवेदनों का निपटारा करें : उपायुक्त

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जिला स्तरीय क्लीयरेंस कमेटी की बैठक आयोजित 

 
गुरुग्राम,01 फरवरी। जिला स्तर पर एक एकड़ भूमि अथवा 10 करोड़ रूपए तक की लागत के उद्योगों को अनापत्ति पत्र तथा कन्सेंट आदि प्रदान करने के लिए उपायुक्त की अध्यक्षता में गठित जिला स्तरीय क्लीयरेंस कमेटी की बैठक आज आयोजित की गई . इसमें उपायुक्त  विनय प्रताप सिंह ने सभी विभागों के अधिकारियों को आदेश दिए कि वे सरकार द्वारा निर्धारित समय अवधि में आवेदनों का निपटारा करें।
 
उन्होंने कहा कि आवेदक द्वारा सभी कागजात संलग्र करने उपरांत एनओसी, कन्सेंट या अप्रुवल आदि के आवेदनों के निपटारें में किसी प्रकार ढिलाई ना करें और सरकार की मंशा के अनुरूप जल्द से जल्द आवेदनों का निपटारा करें। इन मामलों में अनावश्यक देरी के लिए संबंधित अधिकारी की जिम्मेदारी तय की जा सकती है। उन्होंने श्रम विभाग के अधिकारियों से कहा कि उद्योग लगाने से संबंधित उनके विभाग में 45 दिन से ज्यादा अवधि से लंबित मामलों में अगली बार आवेदकों को भी बैठक में आमंत्रित करें। उन आवेदकों से यह समझने के प्रयास किए जाएंगे कि आखिर क्या वजह है कि इतने दिनों में भी विभाग से नोटिस प्राप्त होने के बावजूद आवेदन में कमियां दूर क्यों नही हो पा रही है।  
 
बैठक में हरियाणा राज्य औद्योगिक संरचना विकास निगम के अधिकारियों ने बताया कि सरकार द्वारा उनके विभाग से संबंधित नियमों में किए गए सरलीकरण के परिणामस्वरूप अब बिल्डिंग प्लान के लिए आर्कीटैक्ट द्वारा दिया गया सैल्फ सर्टिफिकेशन ही काफी है। यह भी बताया गया कि आक्युपेशन सर्टिफिकेट के आवेदन में भी सैल्फ सर्टिफिकेशन का ऑन्पशन उपलब्ध है। उसके बाद विभाग के अधिकारी औचक तौर पर किसी भी ईकाई का निरीक्षण कर सकते हैं और उसमें यदि गड़बड़ी पाई जाती है तो जिस आरकीटैक्ट ने सैल्फ सर्टिफिकेशन करके दिया था उसका लाईसेंस रद्द किया जा सकता है। 
 
उपायुक्त ने बैठक में बिल्डिंग एण्ड कन्स्ट्रक्शन वर्कर रजिस्ट्रेशन की प्रक्रिया समझाने के लिए श्रम विभाग के अधिकारी प्रशिक्षण शिविर लगाएं ताकि आवेदकों को ज्ञात हो सके कि ऑनलाईन रजिस्टे्रशन किस प्रकार करना है। 
 
ईज ऑफ डुईंग बिजनेस के तहत राज्य सरकार ने उद्यमियों को राहत पहुंचाने के लिए एक-ऐकड़ भूमि पर अथवा 10 करोड़ रूपए तक की लागत वाले उद्योगों की स्थापना के लिए समस्त प्रक्रिया पूरी करने तथा आवश्यक प्रमाण पत्र जारी करने के लिए प्रत्येक जिला में उपायुक्त की अध्यक्षता में जिला स्तरीय क्लीयरेंस कमेटी का गठन  किया हुआ है। इस विषय में कोई भी व्यक्ति उद्योग लगाने के लिए आवश्यक स्वीकृति प्राप्त करने के लिए द्बठ्ठ1द्गह्यह्लद्धड्डह्म्4ड्डठ्ठड्ड.ठ्ठद्बष्.द्बठ्ठ वैबसाईट पर आवेदन कर सकता है। 
इस बैठक में अतिरिक्त श्रमायुक्त नरेश नरवाल, कमेटी के सदस्य सचिव एवं जिला उद्योग केंद्र के संयुक्त निदेशक भागमल तक्षक, उप श्रमायुक्त दिनेश व आर के सैनी, हरियाणा राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के क्षेत्रीय अधिकारी जे बी शर्मा सहित संबंधित विभागों के अधिकारीगण उपस्थित थे।  

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