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गुरुग्राम, 16 जनवरी। जिला के जिन विद्यालयों ने अब तक भारत सरकार के यू-डाइस पोर्टल पर रजिस्ट्रेशन नही किया है, उन्हें इस प्रक्रिया को पूरा करने के लिए 23 जनवरी तक का समय दिया गया है अन्यथा हरियाणा सरकार द्वारा विद्यालयों को दी गई एनओसी रद्द् कर दी जाएगी।
यह बात आज सर्व शिक्षा अभियान के हरियाणा स्कूल शिक्षा परियोजना के निदेशक एस एस फुलिया ने कही। वे आज गुरुग्राम के राज्य शैक्षिक अनुसंधान एवं प्रशिक्षण परिषद् (एससीईआरटी) में प्रैस संवाददाताओं को संबोधित कर रहे थे। इससे पूर्व आज श्री फुलिया ने गुरुग्राम मंडल में पडऩे वाले जिलों में चल रही सर्व शिक्षा अभियान(एसएसए) तथा राष्ट्रीय माध्यमिक शिक्षा अभियान(आरएमएसए) योजना की प्रगति संबंधी कार्यों की समीक्षा करने पहुंचे थे। इस प्रकार की बैठक हिसार, रोहतक व अंबाला मंडल में आयोजित की जा चुकी है।
मीडिया प्रतिनिधियों से मुखातिब होते हुए श्री फुलिया ने बताया कि आज की बैठक में यूनिफाइड डिस्ट्रिक्ट इंफोरमेशन सिस्टम फॉर एजुकेशन (यू-डाइस) के मुद्द्े पर मुख्य रूप से चर्चा की गई। उन्होंने कहा कि भारत सरकार के पोर्टल पर कई विद्यालयों ने अभी तक अपना रजिस्ट्रेशन नही किया है। गुरुग्राम जिला में अब तक 43 स्कूलों ने रजिस्ट्रेशन नही किया है। उन्होंने कहा कि गुरुग्राम में एक लाख 27 हज़ार बच्चों की एंट्री पोर्टल पर की जानी है। इस पोर्टल पर बच्चो संबंधी बहुत सी जानकारी जैसे बच्चे का नाम, पता, उसका अकाऊंट नंबर सहित विभिन्न प्रकार की जानकारी का फार्म भरा जाता है। उन्होंने कहा कि यह पोर्टल भारत सरकार का है जिस पर विद्यालयों का रजिस्ट्रेशन अनिवार्य है और जिन विद्यालयों ने अभी तक रजिस्ट्रेशन नही किया है उन्हें 7 दिन का समय दिया गया है। यदि वे इस अवधि में भी स्वयं को रजिस्टर्ड नही करते तो उनके खिलाफ नियमानुसार कार्यवाही होनी तय है। उन्होंने कहा कि हमारा उद्द्ेश्य किसी संस्था को परेशान करने का नही है बल्कि भारत सरकार की रिक्वायरमेंट को पूरा करना है। उन्होने कहा कि नियम सबके लिए समान है और इसके अनुसार ही काम होना आवश्यक है।
श्री फुलिया ने बताया कि आज यहां हुई बैठक में कक्षा 10वीं के लिए 5 फरवरी से शुरू होने वाले नेशनल अचीवमेंट सर्वे सहित सिविल वर्कस तथा अन्य महत्वपूर्ण मुद्दे पर भी चर्चा की गई। यह सर्वे पूरे भारत वर्ष में किया जाएगा जिसके आधार पर पॉलिसी व फ्रेमवर्क तैयार किया जाता है। इस सर्वे से यह पता चलता है कि शिक्षा के स्तर को किस प्रकार से सुधारा जा सकता है और अध्यापकों की ट्रेनिंग ,बच्चों के आऊटकम आदि के आधार पर विश£ेषण किया जाता है।
श्री फुलिया ने कहा कि वर्ष 2002 से विभाग के बहुत से ऐसे सिविल वर्कस थे जो किसी कारणवश शुरू नही हो पाए थे। इस विषय को गंभीरता से लेते हुए लगभग 5560 सिविल वर्कस को विभाग ने टेक अप करके उन पर काम शुरू किया है, जिस पर लगभग 261 करोड़ रूपये की राशि खर्च की जाएगी। इन सिविल वर्कस के पूरा होने से इन्फ्रास्ट्रक्चर में काफी सुधार आया है। उन्होंने इसे ऐतिहासिक उपलब्धि बताते हुए कहा कि आज तक स्कूलों मे इन्फ्रास्ट्रक्चर में सुधार लाने के लिए इतना बड़ा कदम नही उठाया गया है। उन्होंने कहा कि प्रदेश में शिक्षा के स्तर में सुधार लाने के लिए लगभग 12 हज़ार अध्यापकों की भी नियुक्ति की गई है। हमारा प्रयास है कि बच्चो को अच्छी व उच्च गुणवत्ता की शिक्षा मिले।
श्री फुलिया के साथ उपस्थित गुरुग्राम के अतिरिक्त उपायुक्त श्री प्रदीप दहिया ने एक सवाल के जवाब में बताया कि प्राइवेट स्कूल यू-डाइस के काम को गंभीरता से नही ले रहे है जिसके लिए उन्हें पिछले सप्ताह जिला प्रशासन द्वारा नोटिस जारी कर दिया गया है। जिला प्रशासन द्वारा उन्हें एक नोटिस और चेतावनी के तौर पर दिया जाएगा। यदि इसके बाद भी विद्यालय रजिस्ट्रेशन नही करता है तो नियमानुसार कार्यवाही होना तय है। उन्होंने एक अन्य सवाल के जवाब में बताया कि सर्व शिक्षा अभियान के तहत सिविल वर्कस संबंधी कार्य में जिन अधिकारियों या कर्मचारियों द्वारा लापरवाही बरती गई है उन्हें कारण बताओं नोटिस जारी कर दिया गया है।