सुप्रीम कोर्ट के सभी जजों से मिलेगा बार काउंसिल ऑफ़ इंडिया का 7 सदस्यीय प्रतिनिधि मंडल

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यह न्यायपालिका का आंतरिक मसला : मनन कुमार मिश्रा

नई दिल्ली : सुप्रीम कोर्ट के चार जजों द्वारा शुक्रवार को चीफ़ जस्टिस ऑफ़ इंडिया के ख़िलाफ़ प्रेस वार्ता का मामला शनिवार को भी गरमाया रहा. आज इस मामले पर बार काउंसिल ऑफ़ इंडिया की बैठक हुई. बैठक में जस्टिस जे चेलमेश्वर, जस्टिस रंजन गोगोई, जस्टिस मदन बी लोकुर और जस्टिस कुरियन जोसेफ द्वारा सीजेआई दीपक मिश्रा पर लगाए गए आरोपों पर गहन विचार किया गया.

बैठक के बाद बार काउंसिल ऑफ़ इंडिया के चेयरमैन मनन कुमार मिश्रा ने मीडिया से बात की. उन्होंने कहा कि सुप्रीम कोर्ट के जजों से मिलने के लिए बार काउंसिल ने 7 सदस्यीय प्रतिनिधि मंडल गठित किया है. यह समिति सुप्रीम कोर्ट के सभी जजों से बात करेगा और अंत में चीफ जस्टिस से मिलेगा .  उन्होंने स्पष्ट कर दिया है कि यह न्यायपालिका का आंतरिक मसला है और इसे आंतरिक रूप से ही सुलझाया जाएगा . उन्होंने राहुल गांधी सहती सभी राजनितिक दलों से इस मामले का राजिनितिकरण करने से बाज आने को कहा है. 

इस मामले पर सुप्रीम कोर्ट बार एसोसिएशन ने भी बैठक कर विचार विमर्श किया और दो प्रस्तावों को पारित किया. इस सम्बन्ध में सुप्रीम कोर्ट बार एसोसिएशन के अध्यक्ष विकास सिंह ने बताया कि बैठक में सर्वसम्मति से दो प्रस्ताव पास किया गया है. इसे सीजेआई को भेजा जाएगा. उन्होंने कहा कि हम चाहते हैं कि इस विवाद को जल्द से जल्द सुलझाया जाए .

दूसरी तरफ अटॉर्नी जनरल के के वेणुगोपाल ने भी कहा है कि सुप्रीम कोर्ट के इस मामले को इस स्थिति तक ले जाने से बचा जा सकता था. उल्लेखनीय है कि वेणुगोपाल ने शुक्रवार को प्रधान न्यायाधीश जस्टिस दीपक मिश्रा से मुलाक़ात की थी.  उन्होंने कहा था कि न्यायाधीशों को आपस में मिल बैठकर इस मामले को सुलझाना चाहिए.

इधर सुप्रीम कोर्ट के चार न्यायाधीशों की तरफ से की गई प्रेस कांफ्रेंस को भारतीय जनता पार्टी ने शुक्रवार को यह साफ़ कर दिया था कि यह सुप्रीम कोर्ट का आंतरिक मामला है.  कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गाँधी की ओर से की गई टिप्पणी को लेकर भाजपा ने कांग्रेस की आलोचना की और कहा कि इस मुद्दे का राजनीतिकरण नहीं किया जाना चाहिए.

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