सात माह 6 दिन में लगातार बिना किसी बाधा के 4570.72 किमी. पैदल चले
अपना वजन 120 किलोग्राम में 30 किलोग्राम से अधिक वजन कम किया
अपने घर से मारुति कार्यालय आने और जाने के दौरान करीब 18 किमी. पैदल चलते रहे
प्रतिदिन समय निकाल कर करीब 20 किमी. पैदल चले
कुलदीप जांघू ने लिम्का बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड में आवेदन किया
गुरुग्राम/12 जनवरी। औद्योगिक-आर्थिक गतिविधियों का केंद्र दक्षिण-पश्चिम हरियाणा में 10 लाख से ज्यादा श्रमिक विभिन्न संस्थाओं-कंपनियों में कार्यरत हैं। वर्षों से इन श्रमिकों-कर्मचारियों के श्रम अधिकारों के लेकर गुरुग्राम मारुति कंपनी में कार्यरत श्रमिक नेता कुलदीप जांघू आवाज बुलंद करते रहे हैं। लेकिन, अब कुलदीप केवल श्रमिक अधिकारों ही नहीं बल्कि अपनी दिनचर्या, रहन-सहन व खानपान, व्यायाम आदि से स्वस्थ्य जीवन जीने को प्रेरणास्त्रोत भी बन गए हैं। लगातार सात माह 6 दिन में लगातार बिना किसी बाधा या रूकावट के 4570.72 किमी. पैदल चले। इस दौरान उन्होंने अपना वजन 120 किलोग्राम में 30 किलोग्राम से अधिक वजन कम किया। अभी जांघू का वजह 90 किग्रा. है।
उन्होंने बीते करीब 6 माह से अपनी पर्सनल गाड़ी का प्रयोग भी नहीं किया। कुलदीप जांघू अबतक लगातार काम करते हुए 226 दिनों में प्रतिदिन करीब 20.26 किमी. के हिसाब से 4579.72 किमी. पैदल चले। जांघू नियमित रूप से प्रतिदिन अपने घर से मारुति कार्यालय आने और जाने के दौरान करीब 18 किमी. पैदल चलते रहे हैं।
बीते 226 दिनों में कई बार ऐसे समय भी आए जब जांघू के सामने विपरित परिस्थितियां पैदा हुईं। वे इस दौरान गुरुग्राम से बाहर पांडिचेरी और अमृतसर जैसे शहरों में काम के सिलसिले में जाना पड़ा। परंतु, वहां भी जांघू ने प्रतिदिन समय निकाल कर करीब 20 किमी. पैदल चले। गुरुग्राम के आसपास वे द्वारिका, मानेसर, पटौदी, फरीदाबाद और रेवाड़ी जाने के क्रम में भी उन्होंने नियमित पैदल चलने के क्रम को नहीं तोड़ा।
मीटिंग, धरना-प्रदर्शन, शादी या अन्य किसी महोत्सव में भी भाग लेने के दौरान भी कुलदीप ने अपनी दिनचर्या को इस प्रकार से तैयार किया कि पैदल चलने के क्रम में बाधा न आए या फिर पैदल चलने के कारण समय पर पहुंचने में देर न हो।
कुलदीप जांघू ने संस्था लिम्का बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड के लिए निवेदन किया है। जांघू ने अपने इन तमाम गतिविधियों को अपने मोबाइल एप्प ‘सैमसंग हेल्थ’ रिकॉर्ड किया है, जो प्रमाण के रूम में सामने रखा है।
इस संबंध में रिपोर्ट4इंडिया से बातचीत में कुलदीप जांघू ने कहा कि शुरू में वे अपने घर से सुबह दूघ लेने वैगरह के कार्यों को पैदल चलने का माध्यम बनाया। बाद में उन्होंने ठाना कि वे अब राजोना अपने घर से कार्यालय जो करीब एक तरफ से 9 किमी. दूर है, पैदल जाएंगे और लौटेंगे। इसके बाद उन्होंने, रोजमर्रा के कार्यों के बावजूद तय किया कि वे जहां भी होंगे, रोजाना बिना किसी रूकावट के चार-पांच घंटे तक पैदल चलेंगे। उन्होंने कहा, स्वास्थ्य की दृष्टि से इसका काफी लाभ मिला। जहां उनका वजन कम हुआ वहीं, उन्हें शारारिक रूप से कई परेशानियों से निजात भी मिला है। वे कहते हैं, व्यक्ति ठान ले तो कोई भी काम मुश्किल नहीं है, कोई भी बाधा आपको आपके लक्ष्य से अलग नहीं कर सकता।