सभी विभाग 16 जनवरी तक ऑनलाइन अप्रैंटिस पोर्टल पर पंजीकरण कर वेकेंसी जारी करेंगे

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25 जनवरी तक शिक्षुता हेतु प्राप्त आवेदको का चयन होगा 

प्रशिक्षुओ को 29 व 30 जनवरी तक ज्वाइन करवाएं जायेंगे 

अधिकारियों की बैठक में शिक्षुता नियुक्ति को लेकर सरकार के निर्देश पालन करने को कहा

 
गुरुग्राम, 12 जनवरी। गुरुग्राम के उपायुक्त विनय प्रताप सिंह ने शिक्षुता नियुक्ति को लेकर आज संबंधित विभागों के अधिकारियों के साथ बैठक की व उन्हें आवश्यक दिशा-निर्देश दिए। 
 
इस बैठक में उपस्थित सभी विभागों के प्रतिनिधियों को आज  राजकीय औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थान गुरुग्राम की प्रधानाचार्य ने प्रैजेंटेशन के माध्यम से शिक्षुता अधिनियम 1961 तथा सरकार द्वारा इस संदर्भ में जारी किए गए दिशा-निर्देशों के बारे में विस्तार से बताया। इस बैठक के दौरान उपायुक्त को बताया गया कि अब तक कुछ सरकारी विभागों ने ऑनलाइन अप्रैंटिस पोर्टल पर पंजीकरण नही करवाया है तथा 37 विभागों व शाखाओं ने प्रशिक्षुओं की रिक्तयां भी नही दर्शाई है। इसके अलावा, 82 विभाग व उनमें कार्यरत शाखाएं ऐसी हैं जिनका ऑनलाइन पोर्टल पर पंजीकरण तो है लेकिन उन्होंने प्रशिक्षु नियुक्ति की कार्यवाही शुरू नही की है। 
 
उपायुक्त ने इसे गंभीरता से लेते हुए सभी विभागों को निर्देश देते हुए कहा कि वे 16 जनवरी तक अपने कार्यालय को ऑनलाइन अप्रैंटिस पोर्टल पर पंजीकरण करना तथा प्रशिक्षुता की रिक्तियां दर्शाना सुनिश्चित करें। उन्होंने कहा कि सभी विभाग 25 जनवरी तक शिक्षुता हेतु प्राप्त आवेदको का चयन करना सुनिश्चित करें व प्रशिक्षुओ को 29 व 30 जनवरी तक ज्वाइन करवाएं। प्रशिक्षु सरकारी विभागों में 20 जनवरी तक ऑनलाइन आवेदन कर सकते हैं। बैठक में उपस्थित अतिरिक्त उपायुक्त श्री प्रदीप दहिया ने प्रशिक्षु नियुक्ति ना करने वाले सभी जिला अधिकारियों को कारण बताओं नोटिस जारी करने के निर्देश दिए। 
 
उपायुक्त  ने बताया कि प्रशिक्षु नियुक्ति सभी प्रतिष्ठानों, विभागों के लिए काफी लाभकारी हैं क्योंकि इसमें प्रतिष्ठान व विभाग मे उपलब्ध बुनियादी सुविधाएं ही प्रयोग में लाई जा सकती हैं व प्रशिक्षुओं को ऑन जॉब प्रशिक्षण लेने का भी एक बेहतरीन अवसर प्राप्त होगा जिससे उसकी कौशलता में वृद्वि होगी। अतिरिक्त श्रम आयुक्त नरेश नरवाल ने बताया कि प्रशिक्षु अधिनियम 1961 के प्रावधान अनुसार सभी प्रतिष्ठानों जिनकी संख्या 40 से अधिक हैं उन्हें 2.5 से 10 प्रतिशत तक प्रशिक्षु रखने अनिवार्य हैं जिसके लिए प्रतिष्ठान प्रत्येक शिक्षु को दिए जाने वाले स्टापंड का 25 प्रतिशत व अधिकतम 1500 रु0 राशि तक का रिमबर्समेंट भारत सरकार से ले सकते हैं तथा प्रशिक्षु नियुक्ति ना करने वाले सभी प्रतिष्ठानों को शिक्षुता अधिनियम 1961 के प्रावधानों अनुसार दंड का प्रावधान हैं। इसके विशेष प्रचार-प्रसार के लिए 06 दिनों तक लगातार वर्कशाप का आयोजन श्रम विभाग व राजकीय औद्योगिक प्रशिक्षण सस्ंथान, गुरूग्राम द्वारा संयुक्त रूप से किया जाएगा जिसका शुभारंम्भ उपायुक्त श्री विनय प्रताप सिंह द्वारा किया जाएगा।

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