मेवात मॉडल स्कूलस सोसाइटी में कार्यरत लेखाकार पर लगे कई गंभीर आरोप

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: एक दर्जन सरपंच और समाजसेवियों ने एसपी-डीसी और चेयरमैन को दी लिखित शिकायत

: एमडीए चेयरमैन ने दिए जांच के आदेश

: उसने ऐसा कुछ गलत काम नहीं किया है वह हर जांच का सामना करने को तैयार हैं:  रवि

यूनुस अलवी

 
मेवात :  मेवात मॉडल स्कूलों के विवादों का सिलसला थमने का नाम नहीं ले रहा। इस बार मेवात मॉडल स्कूलस सोसाइटी में कार्यरत लेखाकार रविंदर कुमार उर्फ़ रवि पर भारी अनियमिताओं, सरकारी नियमों के उलंघन और मनमानी करने के गंभीर आरोप लगाते हुऐ मेवात के एक दर्जन सरपंच और समाजसेवियों के एक प्रतिनिधि मंडल ने मेवात उपायुक्त अशोक कुमार शर्मा और एसपी नाजनीन भसीन और एमडीए चेयरमैन को लिखित शिकायत देकर आरोपी के खिलाफ उचित कार्यवाही की मांग की है। वहीं एसपी, डीसी और एमडीए के चेयरमैन ने मामले की निष्पक्ष जांच का आश्वासन दिया हैं। जांच में दोषी पाऐ जाने पर उचित कार्रवाई का भरोसा भी दिया है। वहीं लोगों ने आरोपी के खिलाफ कार्रवाई ना करने की सूरत में बड़े आन्दोलन की चेतावनी दी है।
   समाजसेवी रमजान चौधरी सहित कई शिकायतकर्ताओं का आरोप है कि रविन्द्र कुमार उर्फ़ रवि नें तत्कालीन निदेशिका विलियम्स आनंद के साथ मिलकर लगभग साढे तीन करोड़ का गबन किया था विजिलेंस विभाग नें उसके विरुद्ध एफआईआर भी दर्ज की थी। लेकिन रवि के उंची पहुंच रहने के कारण तफतीस के नाम पर लीपा पोती करवा दी गई और मुकदमा को बंद कर दिया गया। उन्होने आरोप लगाया कि रवि जून वर्ष 1991 में मेवात मॉडल स्कूल सोयायटी में भर्ती हुआ था उनके साथ एक और अन्य कर्मचारी भी था लेकिन रवि 2005 में अपने पद से इस्तीफा दे कर चला गया था और फरवरी 2006 में फिर अपने प्रभाव से वापस आ गया। सोसायटी ने के हेड रहे उपायुक्त ने उसे बिलकुल फ्रैस मानते हुए नौकरी पर रखा था लेकिन रविन्द्र कुमार उर्फ रवि ने तत्कालीन अधिकारियों से मिलकर अपनी पुरानी सेवा को जोड़ते हुए वेतन का गलत निर्धारण करवा कर लाखों रूपये ऐरियर भी ले लिया और इस प्रकार वह ना केवल अपने से सीनियर लेखाकार से भी सीनियर बन गया बल्कि पूरी सोसाइटी में सबसे अधिक वेतन ले रहा है, जो गलत है। रमजान चौधरी का कहना है कि जब एक सरकारी नोकर इस्तीफा देकर चला जाता है तो दुबारा से फ्रेस नोकरी पर रखा जाता है ना कि पहली वाली रेंक से ज्वाईन कराया जाता है। 
   हैरानी की बात यह है कि आज भी किसी स्कूल में बच्चों की सुरक्षा के लिए कैमरे नहीं लगाए गए है जबकि रवि नें अपने प्रभाव से अपने कार्यालय में सीसीटीवी कैमरे लगवा रखे हैं और वो भी सरकारी खर्चे पर। उन्होने आरोप लगाया कि रवि के खिलाफ एक महिला कर्मचारी से छेड़छाड़ करने बारे भी एफआईआर दर्ज हुई थी लेकिन कोई कार्यवाही नहीं हो पाई। हद तो तब हो गई जब इस कर्मचारी ने अपनी सेवा पुस्तिका खुद ही बना ली और वो भी बिना किसी रिकॉर्ड के क्यूंकि रिकॉर्ड तो अभी तक विलियम्स ने मेवात विकास अभिकरण को दिया ही नहीं है तो यह कर्मचारी अपनी सेवा पुस्तिका कैसे बना सकता है यह तो जांच से ही स्पष्ट हो पायेगा।
     शिकायतकर्ताओं ने उक्त कर्मचारी पर गलत तरीके से अपने चहेतों को लाभ पहुंचाने, कर्मचारियों को प्रताड़ित करने, रिकॉर्ड को खुर्दबुर्द करने और  सक्षम अधिकारियों के आदेशो को ना मानने का आरोप लगाते हुए मांग की कि आरोपी कर्मचारी को तुरंत प्रभाव से निलंबित किया जाए और नियमों के विरुद्ध अधिक लिया गया वेतन वसूल किया जाये वहीं एमडीए में हुऐ साढ़े तीन करोड़ के गबन के केस को दुबारा खुलवाया जाए और किसी उच्च अधिकारी से तुरंत जांच कराई जाऐ।
 

क्या कहते हैं चेयरमैन ? 

 
मेवात विकास अभिकरण के चेयरमैन खुरशीद राजाका का कहना है कि मेवात डीसी के माध्यम से उनके पास एमडीए में कार्यत रवि के खिलाफ मिली है इस मामले की जांच कराई जाऐगी। जांच के बाद रिपोर्ट आने पर कार्यवाई की जाऐगी।
 

क्या कहना है आरोपी का ? 

 
 आरोपी रविद्र कुमार उर्फ रवि ने कहा कि उसने ऐसा कुछ गलत काम नहीं किया है वह हर जांच का सामना करने को तैयार हैं। उन्होने ऐसा कुछ नहीं किया जिसका उस पर इलजाम लगाया जा सके। उनहोने कहा कि उनके ऊपर जो आरोप लग रहे हैं उनसे उसका कोई लेना देना नहीं हैं।

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