सुरक्षित स्कूल वाहन पॉलिसी की अवहेलना करने वालों के खिलाफ होगी कार्रवाई

Font Size

ट्रैफिक पुलिस व यातायात प्राधिकरण का 1 अक्टूबर से स्कूल बसों पर चलेगा डंडा 

गुरुग्राम, 7 सिंतबर। गुरुग्राम के उपायुक्त विनय प्रताप सिंह ने कहा कि सुरक्षित स्कूल वाहन पॉलिसी की अवहेलना करने वालों के खिलाफ अब जिला प्रशासन कड़ा रूख अपनाने जा रहा है। जिला के जो स्कूल अब पॉलिसी के तहत दी गई शर्तों को 30 सिंतबर तक पूरा नही करेंगे उनके खिलाफ जिला प्रशासन द्वारा सख्त कार्रवाई की जाएगी। वे आज लघु सचिवालय में सडक़ सुरक्षा को लेकर आयोजित बैठक की अध्यक्षता कर रहे थे। उन्होंने कहा कि गुरुग्राम ट्रैफिक पुलिस तथा क्षेत्रीय यातायात प्राधिकरण द्वारा संयुक्त रूप से 1 अक्टूबर से स्कूल बसों की चैकिंग के लिए अभियान चलाया जाएगा और उल्लंघना पाए जाने पर संबंधित स्कूल के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। 

उपायुक्त ने कहा कि स्कूल पॉलिसी के तहत निर्धारित मानदंडो को पूरा करना प्रत्येक स्कूल के लिए अनिवार्य है। उन्होंने कहा कि सुरक्षित स्कूल वाहन पॉलिसी के तहत बच्चो की सुरक्षा के मद्द्ेनज़र स्कूल बसों में सीसीटीवी कैमरे लगवाए जाने अनिवार्य है। उन्होंने कहा कि स्कूल की प्राइवेट बसों में दो सीसीटीवी कैमरे (बस के अंदर आगे व पीछे) लगे होने चाहिए जो ना केवल अच्छी गुणवत्ता के हो बल्कि उनमें डिजीटल वीडियों रिकॉर्डिंग व टील्ट ज़ूम आदि की क्षमता हो। इन सीसीटीवी कैमरों मे कम से कम 15 दिन की रिकॉर्डिंग की क्षमता होनी चाहिए। इसके साथ ही, स्कूलों को इन रिकॉर्डिंग का कम से कम 6 महीनों का बैकअप रखना अनिवार्य है। 

  इसके अलावा, जारी आदेशो में कहा गया है कि जिन स्कूल बसों में लड़कियां यात्रा करती है उन स्कूल बसों में महिला अटेंडेंट का होना अनिवार्य है। उपायुक्त ने कहा कि बच्चों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए स्कूल बसों में जीपीएस सिस्टम का होना अनिवार्य है ताकि बसों को जीपीएस सिस्टम के जरिए ट्रैक कर सके।

 
उन्होंने कहा कि स्कूल द्वारा रखे जाने वाले बस ड्राइवर के पास बस चलाने का कम से कम 5 साल का अनुभव होना चाहिए तथा उसका इन 5 सालों में 3 बार से अधिक चालान नहीं कटा होना चाहिए। उन्होंने बताया कि स्कूल बस के संचालक के पास स्कूल वाहन का परमिट या स्वीकृति पत्र पास होना अनिवार्य है। शहर में बसो की स्पीड अधिकतम 50 किलोमीटर प्रतिघंटा तक होनी चाहिए। 

उन्होंने कहा कि बसों में बच्चों की सुरक्षा के लिए नियुक्त किया गया स्टॉफ, कन्डेक्टर व महिला अटेंडेट पूरी तरह से ट्रैंड होने चाहिए व उनके साथ एक टीचर इंचार्ज भी अवश्य होना चाहिए। उन्होंने कहा कि स्कूलों में बाऊंडरीवॉल व पार्किं ग एरिया होना अनिवार्य है ताकि बच्चों को स्कूल छोड़ते समय व ले जाते समय उन्हें बाऊंडरीवॉल के भीतर से ही लिया जा सके। बसों में फस्ट एड किट के साथ फायर एक्सटींगशर होना भी अनिवार्य है। बसों में नियुक्त किया गया स्टॉफ अपनी यूनिफार्म में होना चाहिए तथा उसके पास सिविल सर्जन से मैडीकल फिटनेस का प्रमाण-पत्र होना चाहिए। 

स्कूलो की बसों संबंधी आवश्यक मानदंडो के बारे में जानकारी देते हुए उन्होंने कहा कि स्कूल बसे पीले रंग की होनी चाहिए और उस पर नीले गहरे रंग की पट्टी लगानी अनिवार्य है। स्कूल बसो के आगे सफेद चमकीली पट्टी तथा पीछे लाल रंंग की पट्टी होनी चाहिए। बसो की स्पीड कंट्रोल करने के लिए स्पीड गर्वनर लगे होने चाहिए। स्कूल बसो पर आगे तथा पीछे ‘स्कूल बस’ अवश्य लिखा होना चाहिए और यदि किराए पर बस हैै ऑन स्कूल ड्यूटी लिखा होना चाहिए। बस सुव्यवस्थित होनी चाहिए साथ ही सभी आवश्यक परमिट, इंश्योरेंस, रजिस्टे्रशन प्रमाण पत्र, पोलुशन प्रमाण पत्र आदि दस्तावेज पूरे होने चाहिए। इसके अलावा बस का चालक अनुभवी व कुशल होना चाहिए व उसके साथ एक परिचालक भी होने चाहिए। 

Suvash Chandra Choudhary

Editor-in-Chief

You cannot copy content of this page