कानून व्यवस्था खोखली होने का आरोप लगाया
कहा, हरियाणा से हजारों उद्योग पलायन कर चुके हैं
अनूप कुमार सैनी
रोहतक, 19 जून। हरियाणा सर्वजन पार्टी के अध्यक्ष व पूर्व विधायक रोशन लाल आर्य ने राज्य सरकार से जाट आरक्षण आंदोलन में हुए नुक्सान पर श्वेत पत्र जारी करे। जिससे प्रदेश की जनता को पता चल सके कि इतने नुक्सान से हरियाणा कितना पिछड़ गया है। वे आज कैनाल रेस्ट हाऊस में पत्रकार वार्ता को सम्बोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि जाट आरक्षण आंदोलन के दौरान लगभग 3000 शस्त्र जिनमें बंदूक व रिवाल्वर शामिल हैं उनकी रिकवरी के लिए सरकार क्या कदम उठा रही है ताकि प्रदेश में कानून व्यवस्था को बिगाडऩे वाले तत्वों को निशस्त्र किया जा सके।
रोशन लाल आर्य ने कहा कि हरियाणा सरकार अपने उस फैसले पर पुर्नविचार करे जिसके अन्तर्गत सुरक्षा बलों से लडऩे वाले एवं कानून को तोडऩे वाले जिन लोगों को सरकारी नौकरियां दी गई हैं और मुआवजा दिया गया है। सरकार कानून व्यवस्था के हित में इन दोनों फैसलों को वापिस ले क्योंकि सरकार ने अपराधियों को नौकरी व मुआवजा देकर अपराध को उद्योग का दर्जा दे दिया है। इससे युवा वर्ग में तकनीकी एवं शिक्षा के स्थान पर अवैध हथियार बनाने और चलाने का प्रशिक्षण लेगा और कानून व्यवस्था बिगाडऩे की ट्रेनिंग लेगा। जिससे हरियाणा में जंगल राज स्थापित हो जायेगा।
पूर्व विधायक ने कहा कि जाट आरक्षण आंदोलनकारियों पर दर्ज किये गये मुकदमें वापिस लेकर सरकार ने भविष्य में उन्हें आंदोलन करने के लिए प्रोत्साहन देने का कार्य किया है। यह बड़ी चिंताजनक कड़ी बन जायेगी कि वो अपराध करेंगे, सरकार मुकदमें वापिस लेगी। इसका कोई अंत नहीं होगा, इसलिए इस पर तुरन्त रोकथाम होनी चाहिए।
मुख्यमंत्री के विदेशी दौरे पर टिप्पणी करते हुए रोशनलाल आर्य ने कहा कि जब हरियाणा में कानून व्यवस्था खोखली है, बिजली की स्थिति गंभीर है तथा उपलब्ध नहीं है। इसके अतिरिक्त हरियाणा से हजारों उद्योग पलायन कर चुके हैं तो इन हालातों में विदेशों से हरियाणा में आकर कोई उद्योग क्यों लगायेगा जबकि यहां हर 15वें दिन जाट आरक्षण के नाम पर कानून व्यवस्था लकवाग्रस्त हो जाती है और सरकार अपाहिज होकर बैठी रहती है। ऐसे में विदेशी उद्योगपति हरियाणा जैसे उपद्रव ग्रस्त प्रदेश में क्यों आयेंगे।
उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री सरकारी खर्चे पर हर साल विदेशों में पिकनिक मनाने जाते हैं कि वो उद्योग लेकर आयेंगे। पिछले तीन वर्षों में मुख्यमंत्री के प्रयासों से कितने उद्योगपतियों ने हरियाणा में कितना निवेश किया है, इसकी घोषणा भी सरकार द्वारा की जानी चाहिये। मुख्यमंत्री मनोहर लाल की कार्य शैली में हरियाणा की जनता द्वारा दिए गए जनादेश का अपमान किया है।
लोगों ने जाट नेताओं द्वारा हरियाणा में 35 बिरादरी का हक मारने के विरोध में गैर जाट मुख्यमंत्री बनाया था। जिसने जाकर जाटों के आगे समर्पण कर दिया। जोकि हरियाणा के इतिहास में पहली बार हुआ है कि हरियाणा में मुख्यमंत्री के पद की गरिमा मिट गई है। मुख्यमंत्री का पद हास्यास्पद हो गया है। हरियाणा में सरकार कौन चला रहा है इस बात का पता किसी को नहीं चल पा रहा है।
सर्वजन पार्टी नेता ने संघ के नेताओं को चुनौती दी कि वे पर्दे के पीछे से बुरका पहनकर हरियाणा में शासन न करें बल्कि राजनीतिक चोला पहनकर राजनीतिक आकांक्षाओं को पूरा करें। एक तरफ तो संघ सामाजिक संगठन है तो वहीं दूसरी तरफ भाजपा के सिर पर प्रेत की तरह चढ़ा बैठा है। हरियाणा की जनता हैरान है कि वोट तो भाजपा को दिया था तो यह संघ के पास कैसे पहुंच गई।
प्रैस वार्ता के दौरान अनूप सिंह गुर्जर, मुकेश चौहान, धर्म सिंह सैनी, सोनू सरोहा, रामनिवास प्रजापति, प्रेमचंद व चन्द्रशेखर आदि मुख्य रूप से मौजूद रहे।