लोगों को नीम, पीपल व बरगद की त्रिवेणी लगाने को प्रेरित करेगा वन बिभाग

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वन मंत्री राव नरबीर का अधिकारियों को निर्देश 

चंडीगढ़,30 मई :  हरियाणा के वन मंत्री राव नरबीर सिंह ने अधिकारियों को निर्देश दिए है कि इस वर्ष जुलाई माह में मनाए जाने वाले 68वें वन महोत्सव के दौरान लोगों को नीम, पीपल व बरगद की त्रिवेणी  लगाने के लिए प्रति प्रेरित करें, क्योंकि ग्लोबल वार्मिंग व जलवायु परिवर्तन के प्रभाव को कम करने में वनों का विशेष महत्व होता है। 
राव नरबीर आज यहां विभाग के अधिकारियों की बुलाई समीक्षा बैठक की अध्यक्षता कर रहे थे।  उन्होंने कहा कि भिवानी, महेन्द्रगढ़, सतनाली, लोहारु जैसे क्षेत्रों में रोहिड़ा के पेड़ों का अस्तित्व अधिक होने की सम्भावना है इसलिए वहां पर रोहिड़ा का विशेष हवाई बीजारोपण करवाया जाए। उन्होंने अधिकारियोंं को निर्देश दिए कि चरणबद्घ ढंग से बबूल अर्थात काबली कीकर  की जगह नीम, अमलतास  जैसे अन्य छायाकार पौधे  लगाए जाएं। 
बैठक में वन विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव सुनील गुलाटी ने मंत्री को अवगत करवाया कि विभिन्न 16 स्कीमों के तहत पौधारोपण किया जाता है। इस वर्ष स्वर्ण जयंती  वर्ष के दौरान प्रदेश की अढ़ाई करोड़ की जनसंख्या के बराबर ही वन महोत्सव के दौरान पौधरोपण करने का प्रस्ताव है जिसमें  60 लाख सफेदे, 13.50 लाख औषधीय पौधे तथा 20 लाख फलदार पौधे लगाए जाएंगे। वन मंत्री ने  कहा कि वन महोत्सव के दौरान इस बार गुरूग्राम में कम से कम 10 लाख पौधे लगाए जाए जाने चाहिए। 
मंत्री ने कहा कि गत वर्ष वन महोत्सव का राज्य स्तरीय समारोह रेवाड़ी जिले के बूढ़पुर गांव में आयोजित किया गया था और वन महोत्सव का शीर्षक भी ‘हर गांव पेड़ों की छांव’ रखा गया था जिसमें ग्रामीणों ने बढ़चढ़ कर हिस्सा लिया था। उन्होंने अधिकारियों को सुझाव दिया कि इस वर्ष वन महोत्सव का शीर्षक भी ऐसा ही होना चाहिए ताकि लोग त्रिवेणी लगाने व इसके संरक्षण के प्रति जागरूक  हो। 
वन मंत्री ने कहा कि सरकारी, पंचायती या अन्य खाली पड़ी भूमि पर पौधारोपण करने के कार्य में वन विभाग के साथ-साथ पंचायतों, विभागों, संस्थाओं और सामाजिक संस्थानों को भी आगे आना चाहिए। प्रदेश में कई जगहों की पहचान की गई है जहां पौधे लगाकर वन क्षेत्र व वृक्षों की संख्या बढ़ाई जाएगी। 
    वन मंत्री ने जन साधारण से अपील की है कि वे जन्मदिन, शादी, सालगिरह, किसी विशेष उपलब्धि, त्योहार या अन्य अवसरों पर पेड़ लगाकर ऐसे अवसरों को यादगार बनाएं। उन्होंने कहा कि भावी मानव जीवन व पशु पक्षियों के लिए वन क्षेत्र बढ़ाना बेहद जरूरी है। आम आदमी इसके महत्व को समझे और इस कार्य को एक मिशन के रूप में ले। पेड़-पौधों की संख्या कम होने से तरह-तरह की बीमारियां तो बढ़ती ही हैं, साथ ही भू-जल स्तर भी गिरता है, जिसे बचाना भविष्य के लिए बेहद जरूरी है। 

Suvash Chandra Choudhary

Editor-in-Chief

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