जिला स्तर पर ‘सूखा निगरानी केंद्र’ बनाए जाएंगे : कैप्टन अभिमन्यु

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चंडीगढ़, 22 मई :  हरियाणा के  राजस्व एवं आपदा प्रबंधन मंत्री कैप्टन अभिमन्यु ने कहा कि प्रदेश में जिला स्तर पर ‘सूखा निगरानी केंद्र’ बनाए जाएंगे,इसके लिए अधिकारियों को निर्देश दिए गए हैं।

    वे आज यहां हरियाणा निवास में ‘संशोधित नियमावली के अनुसार सूखा प्रबंधन के लिए आयोजित प्रशिक्षण कार्यशाला’ को संबोधित करने के बाद मीडिया से बातचीत कर रहे थे।

इस अवसर पर प्रशिक्षण कार्यशाला में राजस्व एंव आपदा प्रबंधन विभाग की अतिरिक्त सचिव श्रीमती केशनी आनंद अरोड़ा, भारत सरकार के कृषि मंत्रालय के संयुक्त सचिव  के.एस श्रीनिवासन,  राजस्व विभाग के विशेष सचिव  विजयेंद्र सिंह, कृषि एवं किसान कल्याण विभाग के प्रधान सचिव डा० अभिलक्ष लिखी,नेशनल क्रोप फोरकास्ट सैंटर, नई दिल्ली के निदेशक एस.एस.रे के अलावा विभिन्न विभागों के वरिष्ठ अधिकारी तथा राज्य भर से आए जिला राजस्व अधिकारी भी उपस्थित थे।

    कार्यशाला के बाद मीडिया के सवालों का जवाब देते हुए राजस्व मंत्री ने बताया कि हालांकि मौसम विभाग के पूर्वानुमान के अनुसार इस बार देश एवं प्रदेश में मानसून सामान्य रहने के आसार हैं। इसके बावजूद जिम्मेदार सरकार होने के नाते किसी भी संभावित सूखे की स्थिति से निपटने के लिए हमारी पूरी तैयारी है। उन्होंनें कहा कि पिछले ढ़ाई सालों में जो भी प्राकृतिक आपदा आई हैं वर्तमान सरकार ने राज्य के इतिहास में सबसे तेज कार्रवाई करते हुए सबसे ज्यादा मुआवजा देने का रिकार्ड बनाने का काम किया है।

    उन्होंने बताया कि फसलों में सूखा की स्थिति से निपटने के लिए भारत सरकार ने दिसंबर 2016 में नियमों में परिवर्तन करके नई नियमावली बनाने का फैसला किया। उन्होंने बताया कि अब बारिश का डाटा,फसल की बुआई की गई भूमि ,जमीन की नमी,भूमिगत जल,संरक्षित पानी जैसे कई पैरामीटर की रिपोर्ट बनाने के लिए समय की सीमा निर्धारित की जा रही है। उन्होंने कहा कि भारत सरकार के अधिकारियों ने आज यहां कार्यशाला में हरियाणा के विभिन्न विभागों के अधिकारियों को नई नियमावली से संबंधित जानकारी दी है जिससे राज्य को तैयारी करने में आसानी होगी।

    आज की कार्यशाला में आपदा एवं राजस्व प्रबंधन विभाग की अतिरिक्त मुख्य सचिव श्रीमती केशनी आनंद अरोड़ा ने उक्त विभागों से संबंधित अधिकारियों को निर्देश दिए कि वे आगामी एक जून 2017 से अपने-अपने विभागों के आंकड़े नियमित रूप से राज्य सरकार को भेजें ताकि किसानों को मौसम की संभावित जानकारी दी जा सके और दुर्भाग्य से सूखे की स्थिति आ जाए तो उससे निपटने में देरी न हो,इसके अलावा सूखे से नुकसान का आंकलन भी सही लगाया जा सके।

क्रमांक-2017

Suvash Chandra Choudhary

Editor-in-Chief

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