गुरुग्राम को मलबा मुक्त बनाने की तैयारी
गांव बसई में लगभग साढ़े तीन एकड़ भूमि पर स्थापित होगा प्लांट
चंडीगढ़, 22 मई : हरियाणा के गुरुग्राम शहर को मलबा मुक्त स्वच्छ गुरूग्राम बनाने के लिए हरियाणा का पहला कंस्ट्रक्शन एंड डिमोलिशन वेस्ट प्रोसैसिंग प्लांट गुरूग्राम में बनाया जाएगा। यह प्लांट गुरुग्राम के गांव बसई में लगभग साढ़े तीन एकड़ भूमि पर बनाया जाएगा और प्लांट का निर्माण एवं संचालन आईएल एंड एफएस कंपनी द्वारा किया जाएगा।
हालांकि प्लांट का निर्माण कार्य एक वर्ष में पूरा करने का लक्ष्य रखा गया है, लेकिन कंपनी प्रतिनिधियों द्वारा यह आश्वासन दिया गया है कि वे इस वर्ष के अंत तक प्लांट में पहला प्रोडक्ट बनाना शुरू कर देंगे। उन्होंने बताया कि नगर निगम मलबा डालने के लिए अलग-अलग स्थान चिन्हित करेगा, जहां पर सीएंडडी वेस्ट डाला जा सकेगा। इन स्थानों से कंपनी द्वारा मलबा उठाकर प्लांट में लाया जाएगा और उससे सीमेंट ब्रिक्स, ब्लॉक टाईल्स, टाईल्स सहित कई प्रकार के प्रोडक्ट बनाए जाएंगे। उन्होंने बताया कि गुरूग्राम में बनने वाला प्रदेश का यह पहला प्लांट होगा। प्लांट के शुरू होने के बाद शहर में इधर-उधर मलबा दिखाई नहीं देगा।
तेजी से बढ़ते शहरीकरण और बुनियादी ढ़ांचे के विकास के कारण गुरूग्राम में उत्पन्न सीएंडडी वेस्ट की मात्रा में काफी वृद्धि हुई है और इसमें प्रतिवर्ष 10 प्रतिशत और अधिक वृद्धि होने का अनुमान है। उन्होंने कहा कि वर्तमान में मिलेनियम सिटी में सीएंडडी वेस्ट के प्रोसैसिंग की कोई वैज्ञानिक प्रणाली नहीं है। यह वेस्ट या तो सडक़ के किनारे या अरावली क्षेत्र में फैंक दिया जाता है या कूड़े के साथ मिलकर लैंडफिल में चला जाता है। इस तरह से यह नालों को रोकता है, यातायात को बाधित करता है और पानी को प्रदूषित करता है तथा शहर भी गंदा दिखाई देता है। साथ ही वायु प्रदूषण भी होता है।
आईएल एंड एफएस कंपनी के अनुसार प्लांट की क्षमता प्रतिदिन 300 टन मलबा प्रोसैसिंग की होगी। प्लांट के निर्माण पर लगभग 13 करोड़ रूपए की लागत आएगी। शहर में जिन स्थानों पर फिलहाल मलबा पड़ा हुआ है, उन स्थानों की पहचान कर ली गई है तथा अब वहां से मलबा उठाकर प्लांट तक लाया जाएगा। इससे एक ओर जहां शहर साफ-सुथरा दिखाई देगा, वहीं प्लांट में मलबे से बनने वाले प्रोडक्ट अन्य निर्माण कार्यों में उपयोग होंगे। कंपनी द्वारा फिलहाल दिल्ली के बुराड़ी तथा शास्त्री पार्क में प्लांट संचालित किए जा रहे हैं।