: प्रसव के लिये महिला तड़पती रही और मेवात के सरकारी और गैरसाकारी डॉक्टर उसे करते रहे रेफर
यूनुस अलवी
मेवात: पुन्हाना कस्बे में काफी समय से एक पागल महिला बाजार में इधर-उधर घूम कर अपना पेट भरती है। इंसानियत कि सारी हदें पार करते हुऐ किसी अज्ञात आदमी ने उसके साथ दुष्कर्म कर उसे गर्भवति बना दिया। बच्चा पैदा होने के पूरे दिन होने पर जब उसे प्रसव कि पीडा सताने लगी तो पुन्हाना कि ही कुछ महिलाओं ने उसने दो दिन पहले पुन्हाना के सरकारी अस्पताल में भर्ती करा दिया लेकिन यहां के डाक्टरों ने अपने सिर से बला टालने कि वजह से उसे मांडीखेडा के सामान्य अस्पताल अल-आफिया रेफर कर दिया। लोग उसे अल-आफिया अस्पताल ले जाने कि बजाऐ उसे पुन्हाना स्थित सकूनत अस्पताल में छोड गये। सकूनत अस्पताल के डाक्टर भी बेदर्द निकले जिन्होने महिला कि डिलेवरी करने से मना कर दिया और सकूनत अस्पताल का संचालक सलीम खान खुद अपनी कार से उसे अल-आफिया मांडीखेडा छोड आया। अल-आफिया अस्पताल के नर्स और डाक्टरों ने भी उस पीडित महिला कि परेशान को दूर करने में कोई दिलचश्पी नहीं दिखाई और आन्न-फानन में उसे शहीद हसन खां मेडिकल कॉलेज नलहड के लिये रेफर कर दिया। सकूनत अस्पताल का संचालक दर्द से करहा रही पीडिता को मेडिकल कॉलेज में भर्ती कर और अपना पीछा छुडा का आ गया। जबकी सकूनत अस्पताल में ऐसे कैसों से निपटने के लिये डाक्टर मौजूद है।
शहीद हसन खां मेडिकल कॉलेज नलहड के डाक्टर और नर्सो को भी उस बेसहारा महिला पर दया नहीं आई और उन्होने भी उसे गुडगांव के सरकारी अस्पातल के लिये रेफर कर दिया। आखिरकार दर्द से करहाती एक बेजुबान महिला कि मेवात के किसी भी सरकारी और प्राईवेट अस्पताल ने महिला कि डिलेवरी नहीं की और कहीं आफत गले ना पड जाऐ, सोच कर उस पीडिता को जिले से ही बहार कर दिया। डाक्टर एक भगवान का रूप होता है आखिर वह इतना निर्दीय कैसे बन गया जो सरकारी से प्राईवेट अस्पताल जहां सामान्य और ऑपरेशन से हर महिने सैंकडों बच्चों को जन्म दिलाया जाता है। आखिकर एक बेजुबान पीडित महिला के लिये मेवात के डाक्टरों को दिल क्यों नहीं पसीजा।
क्या कहते हैं सकूनत प्राईवेट अस्पताल के संचालक ?
पुन्हाना स्थित सकूनत अस्पताल के संचालक सलीम का कहना है कि महिला दिमांग से पागल थी, उसकी हिफाजत कि बडी जिम्मेदारी थी इसी वजह से वह खुद मांडीखेडा के अल-आफिया अस्पताल में रेफर कर आऐ थे।
क्या कहते हैं एसएमओ पुन्हाना ?
पुन्हाना के एसएमओ अतुल कुमार का कहना है कि महिला के दर्द नहीं सही थे और पेट में बच्चे कि धडकन ठीक नहीं आ रही थी इस वजह से उसे मांडीखेडा के अल-आफिया अस्पताल रेफर कर दिया गया था।