भाजपा के पांच बागी विधायकों ने उमेश अग्रवाल का साथ देने का किया ऐलान

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सरकार की आलोचना की : कहा मुकदमा दर्ज करना राजनीतिक षडयंत्र है 

सरकार को एक बार फिर कटघड़े में खडा किया 

सभी विधायकों ने भाजपा अध्यक्ष अमित शाह से मिलने का समय माँगा 

गुरुग्राम : भारतीय जनता पार्टी के पांच बागी विधायकों ने बुधवार को अपने साथी गुरुग्राम के भाजपा विधायक उमेश अग्रवाल के साथ खड़ा रहने का ऐलान कर दिया. अब तक लुका छिपी करते रहे ये विधायक अग्रवाल के पक्ष में खुलकर आ गए। सभी ने एक स्वर से उमेश अग्रवाल के भाइयों पर धोखाधड़ी सहित अन्य कई संगीन धाराओं के तहत दर्ज मुकदमे को राजनीतिक षडयंत्र करार दिया . उन्होंने आरोप लगाया कि इस प्रकार के मुकदमे की कार्रवाई से सरकार भ्रष्टाचार और विकास के मुद्दों से जनता का ध्यान हटाना चाहती है। अपनी ही पार्टी की सरकार को एक बार फिर कटघड़े में खडा करते हुए उन्होंने नसीहत दी कि सरकार विकास और भ्रष्टाचार के मुद्दों पर चर्चा करे न कि आधारहीन  मुद्दों को उठाकर भाजपा के विधायकों की आवाज को दबाने का प्रयास करे.

 

विद्रोह के सुर दबने की सारी अटकलबाजियों को दरकिनार करते हुए बुधवार को उमेश अग्रवाल के शीतला माता रोड स्थित दफ्तर पर रेवाड़ी से भाजपा विधायक रणधीर सिंह कापड़ीवास, पटौदी की विधायक विमला चैधरी, नारनौल के विधायक ओमप्रकाश यादव, कोसली के विधायक विक्रम सिंह ठेकेदार तथा मुलाना की विधायक संतोष सारवान एकत्र हुए और सरकार के साथ उमेश अग्रवाल की लड़ाई में साथ खड़े रहने का खुला आश्वासन दिया. इस आशय का दावा करते हुए उमेश अग्रवाल के दफ्तर से जारी एक प्रेस विज्ञप्ति  में कहा गया है कि सभी विधायकों ने इस मामले की निंदा करते हुए इस बारे में पार्टी के वरिष्ठ नेताओं से मिलकर बातचीत करने का आश्वासन दिया.

 

उक्त विज्ञप्ति में सभी विधायकों के हवाले से कहा गया है विधायकों ने सरकार की तीव्र आलोचना की और कहा कि लोकतंत्र में इस प्रकार बदले की भावना से अपनी ही सरकार द्वारा कार्रवाई करना किसी भी प्रकार से ठीक नहीं है. सभी ने आशंका जताई कि इस तरह का कदम से कार्यकर्ताओं में निराशा फैलेगी तथा पार्टी और संगठन की बदनामी होगी. विज्ञप्ति में यहाँ तक बताया गया है कि सभी विधायकों ने कहा है कि सरकार की इस कार्रवाई का कड़ा विरोध किया जाएगा.

 

खबर है कि सरकार से नाराज चल रहे विधायकों ने भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह से मिलने का समय माँगा है.

दूसरी तरफ विद्रोही विधायकों को नेतृत्व प्रदान कर रहे गुरुग्राम के भाजपा विधायक उमेश अग्रवाल ने दावा किया है कि उनके दो भाईयों और अन्य दो लोगों ने गन्नौर में 2012-14 से जमीन खरीदी है. उस जमीन को कुछ लोगों ने गलत तरीके से कालोनी काटकर बेचने का प्रयास किया. इसके खिलाफ तीन मामले उनके भाईयों राकेश अग्रवाल ने एफआईआर नं. 0473 दिनांक 22/10/2016 व हितेश अग्रवाल ने एफआईआर नं. 0402 दिनांक 10 सितंबर 2016 को गन्नौर थाने में तथा भतीजे दीपक अग्रवाल ने एफआईआर नं. 0027 दिनांक 12 जनवरी 2016 को गुरुग्राम के सेक्टर-5 थाने में दर्ज करवाया है.

 

ये तीन मुकदमे दर्ज होने के बाद विधायक के भाईयों के खिलाफ शिकायत कर मुकदमा दर्ज कराने वाली कृष्णा देवी ने प्रदेश के पुलिस महानिदेशक सहित विभिन्न अधिकारियों को दीपक अग्रवाल व उनके पिता राकेश अग्रवाल के खिलाफ शिकायत करनी शुरू कर दी।. उसने एक शिकायत डीजीपी को भी भेजी.  डीजीपी ने इस शिकायत की जांच के आदेश दिये ।

 

उन्होंने दावा किया कि जांच करने के बाद गन्नौर के डीएसपी ने अपनी जांच रिपोर्ट में लिखा कि उन्होंने दोनों पक्षों से पूछताछ की है. यह मामला अदलत में विचाराधीन है लिहाजा इसमें पुलिस किसी प्रकार की कार्रवाई नहीं कर सकती है। इसके अलावा डीजीपी के आदेश पर एसएचओ मुरथल (सोनीपत), थानाध्यक्ष पालम विहार, एसीपी उद्योग विहार (गुरुग्राम) ने भी जाँच कर रिपोर्ट में नये सिरे से पुलिस कार्रवाई की आवश्यकता को पूरी तरह नकार दिया.

 

विधायक अग्रवाल का दावा है कि सरकार ने शिकायतकर्ताओं के खिलाफ ही मुकदमा दर्ज कर दिया. उन्होंने कहा कि पूरे प्रदेश की जनता यह अच्छी तरह समझ रही है कि बदले की भावना से इस तरह के मुकदमे दर्ज कर सरकार विधायक पर दबाव बनाना चाहती है.

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