घायल गाय का सरकारी डॉक्टर नहीं कर रहे हैं इलाज !

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: गाय के इलाज के लिये भटक रहा है मुस्लिम गोपालक एंव किसान 

 

यूनुस अलवी

पुन्हाना:     भले ही हरियाणा सरकार ने गायों कि सुरक्षा के लिये गोसेवा आयोग बना दिया हो। गो हत्या करने वालो के खिलाफ खड़े कानून बना दिए हो लेकिन मेवात में बीमार और घायल गायों का कोई डॉक्टर इलाज नहीं करता। इसका भी कानून बन्ना चाहिये। ये कहना है कि गोपालक किसान अली शेर का। गांव नगीना के मुस्लिम गोपालक अलीशेर पुत्र धूपखां की डाक्टरों द्वारा उसकी गाय का इलाज ना किये जाने से कुछ दिन हजारों रूपये कि दुधारू गाय पहले मर चुकी है। अब एक गाय का पैर टुटा हुआ है। गाय के पैर की हड्डी निकली हुई है पर पशुपालन विभाग के डॉक्टर इलाज करना तो दूर घायल गाय को देखने तक नहीं आ रहे हे। 
  पशुपालक अली शेर ने बताया कि उसके पास करीब 15 गाये हैं मे अधिक्तर दूध देती है। जिनका दूध बैचकर अपने परिवार को पालता है। सभी गायों को जंगल में चराने के लिये वह सुबेह निकल जाता है और शाम को आता है। उसकी रोजी रोटी का गाय ही एक जरिया है। उन्होने बताया कि तीन दिन पहले वह जंगल में गायों को चराने के लिये गया था अचानक उसका पिछला पैर किसी गड्ढे में गिर गया और पैर टूट कर हड्डी बहार निकल आई। उन्होने बताया कि वह गाय का इलाज कराने के लिये जब भी पशु अस्पताल जाता है तो वहां बेठे कर्मचारी यह कहकर भगा देते हैं कि गाय का इलाज सीनियर ही करेगा। वह तीन-चार दिन से अपनी गाय का इलाज कराने के लिये इधर-उधर भटक रहा है लेकिन कोई डाक्टर सुनने को तैयार ही नहीं हैं। ऐसे कि कुछ समय पहले डाक्टरों द्वारा उसकी बिमार गाय का इलाज ना करने कि वजह से गाय मर चुकी है। अली शेर का कहना है कि जब सरकार गाय को इतना ही बडा दर्जा देती है तो फिर डाक्टर उनका इलाज क्यों नहीं करते। जो लापरवाह डाक्टर हैं उनके खिलाफ कार्रवाई कि जानी चाहिये।
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