गुरुग्राम महानगर विकास प्राधिकरण विधेयक को केबिनेट की मंजूरी

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आगामी विधान सभा सत्र में होगा बिल पेश 

मार्गदर्शन के लिए निवासी सलाहकार परिषद का होगा गठन 

स्थानीय विधायक, सांसद एवं अधिकारी होंगे परिषद के सदस्य 

काम काज की समीक्षा के लिए प्रत्येक पांच वर्ष पर कमेटी गठित करने का प्रावधान 

चंडीगढ़, 18 अप्रैल :  मुख्यमंत्री  मनोहर लाल की अध्यक्षता में आज यहां हुई मंत्रिमंडल की बैठक मेें गुरुग्राम महानगर विकास प्राधिकरण (जीएमडीए) विधेयक, 2017 को स्वीकृति प्रदान की गई . इसे विधान सभा के आगामी विशेष सत्र में पेश किया जाएगा। 

इस प्राधिकरण का उद्देश्य समेकित तथा समन्वित योजना, अवसंरचना विकास तथा शहरी सुविधाओं के प्रावधान के साथ-साथ रोजगार अवसरों के सृजन के माध्यम से निवासियों के गुणवत्तापरक जीवन तथा जीवनशैली के तर्कसंगत मानकों के माध्यम से गुरुग्राम महानगर क्षेत्र के सतत, स्थाई तथा संतुलित विकास के लिए एक दृष्टिïकोण विकसित करना है। इसका उद्देश्य मोबिलिटी मैनेजमेंट, शहरी पर्यावरण का स्थायी प्रबंधन तथा सामाजिक, आर्थिक और औद्योगिक विकास करवाना है ताकि उपरोक्त प्रयोजन के लिए एक वैधानिक प्राधिकरण स्थापित करके गुरुग्राम के तेजी से उभरते शहरी ढांचे के संदर्भ में स्थानीय प्राधिकरणों के समन्वय से शहरी शासन तथा प्रदायगी अवसंरचना को परिभाषित किया जा सके।  

जीएमडीए के तहत क्षेत्र 

राज्य सरकार, अधिसूचना द्वारा, गुरुग्राम जिले के अंदर आने वाले किसी भी क्षेत्र को गुरुग्राम महानगर क्षेत्र घोषित कर सकती है। 

संरचना 

मुख्यमंत्री इस प्राधिकरण के अध्यक्ष होंगे। प्राधिकरण के पदेन सदस्यों में नगर  एवं ग्राम आयोजना विभाग के मंत्री, शहरी स्थानीय निकाय विभाग के मंत्री, अधिसूचित क्षेत्र के अंदर आने वाले संसदीय निर्वाचन क्षेत्र का प्रतिनिधित्व करने वाले सांसद, अधिसूचित क्षेत्र के अंदर आने वाले विधानसभा निर्वाचन क्षेत्रों का प्रतिनिधित्व करने वाले विधायक, नगर निगम गुरुग्राम के महापौर और वरिष्ठ उप महापौर, जिला परिषद गुरुग्राम के चेयरमैन, नगर एवं ग्राम आयोजना विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव या प्रधान सचिव, शहरी स्थानीय निकाय विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव या प्रधान सचिव, राज्य सरकार द्वारा समय-समय पर मनोनीत किए जाने वाले राज्य सरकार के अधिकतम छ: अधिकारी, शहरी अवसंरचना, शासन, लोक प्रशासन, वित्त प्रबंधन, शहरी वानिकी, पर्यावरण, अभियांत्रिकी तथा शहरी आयोजना के क्षेत्र से राज्य सरकार द्वारा समय-समय पर मनोनीत किए जाने वाले अधिकतम छ: विशेषज्ञ, मंडलायुक्त तथा नगर निगम गुरुग्राम के आयुक्त, गुरुग्राम के पुलिस आयुक्त, गुरुग्राम के उपायुक्त और प्राधिकरण के मुख्य कार्यकारी अधिकारी शामिल होंगे।  

निवासी सलाहकार परिषद

प्राधिकरण को सलाह देने और इसकी शक्तियों के इस्तेमाल तथा इसके कार्यों के प्रदर्शन के संबंध में मार्गदर्शन करने के लिए एक निवासी सलाहकार परिषद होगी। मुख्य कार्यकारी अधिकारी इस परिषद के अध्यक्ष होंगे। इसमें न्यूनतम 10 और अधिकतम 15 सदस्य होंगे जोकि अधिसूचित क्षेत्र के निवासी होंगे। परिषद में रेजिडेंट वेलफेयर एसोसिएशनों, सिविल सोसायटी, श्रम, उद्योग, रियल एस्टेट डेवलपर्स, वाणिज्य तथा सेवा क्षेत्र को उचित प्रतिनिधित्व दिया जाएगा। यह परिषद अवसंरचना विकास, मोबिलिटी मैनेजमेंट प्लान तथा शहरी परिवेश के स्थाई प्रबंधन के लिए योजना हेतु वार्षिक कार्य योजना की निगरानी और कार्यान्वयन करेगी, सिफारिशें करेगी और परामर्श देगी। 

प्राधिकरण के कार्य

यह प्राधिकरण अधिसूचित क्षेत्र में समन्वित तथा समेकित अवसंरचना विकास तथा शहरी सुविधाओं, मोबिलिटी मैनेजमेंट, शहरी पर्यावरण का स्थायी प्रबंधन, शहरी सुधार और नवीकरण तथा सामाजिक, आर्थिक और औद्योगिक विकास सुनिश्चित करेगा। यह केन्द्र सरकार, राज्य सरकार या स्थानीय प्राधिकरण के समन्वय से ऐसे सभी उपाय करेगा जो उपरोक्त प्रयोजन के लिए आवश्यक तथा उपयुक्त हों। 

यह अधिसूचित क्षेत्र में आपदा प्रबंधन योजना तैयार करेगा और आपदा की रोकथाम तथा इसके प्रभावों को कम करने के लिए उपाय करेगा। अधिसूचति क्षेत्र के लिए आपात प्रतिक्रिया प्रणाली के जन सुरक्षा केन्द्र स्थापित व संचालित करेगा और इनका रख-रखाव करेगा। 

प्राधिकरण चल या अचल संपत्ति का अधिग्रहण, लीज, प्रबंधन, रख-रखाव तथा निपटान भी करेगा। यह अधिसूचित क्षेत्र में योजना उद्देश्यों तथा भूमि, अवसंरचना, शहरी सुविधाओं और शहरी परिवेश के लिए आधुनिक जियोस्पाइटल बेस्ड सिस्टम भी स्थापित करेगा। 

मोबिलिटी मैनेजमेंट

मुख्य कार्यकारी अधिकारी गुरुग्राम के पुलिस आयुक्त, नगर निगम गुरुग्राम के आयुक्त, गुरुग्राम के उपायुक्त तथा ऐसे अन्य परामर्शदाताओं के परामर्श से अधिसूचित क्षेत्र में मोबिलिटी मैनेजमेंट के लिए एक योजना तैयार करेगा। राज्य सरकार अधिसूचना द्वारा,  मुख्य कार्यकारी अधिकारी की सिफारिशों पर सिटी बस सेवा के संचालन के लिए मोटर यान अधिनियम, 1988 की धारा- 100 की उपधारा (3) के तहत योजना के प्रकाशन पर प्राधिकरण के एक अधिकारी को मिला कर एक क्षेत्रीय परिवहन प्राधिकरण (आर. टी. ए.) का गठन करेगी। यह आर. टी. ए. अधिसूचित क्षेत्रों में सिटी बस सेवा के लिए परमिट देने का कार्य करेगी तथा सार्वजनिक सेवा वाले मोटर वाहनों के लिए पार्किंग के स्थान इत्यादि  निर्धारित करेगा। 

पर्यावरण प्रबंधन

यह प्राधिकरण स्थाई पर्यावरण प्रबंधन के लिए योजना तैयार करेगा। इसके अतिरिक्त भवनों में जल संरक्षण, गंदे पानी की रिसाईकलिंग, बरसाती पानी का संग्रहण तथा छतों पर सौर ऊर्जा का प्रावधान सुनिश्चित करेगा। 

वित्त प्रबंधन

राज्य सरकार प्राधिकरण को वार्षिक रूप से अनुदान, ऋण या अग्रिम तौर पर राशि देगी। यह प्राधिकरण राज्य सरकार के अलावा अन्य स्रोतों जैसे कि ऋण, बॉन्ड या डिबेंचर इत्यादि के माध्यम से भी राशि जुटा सकती है। प्राधिकरण बाहरी विकास कार्यों के लिए अनुपातिक विकास शुल्क लेने का भी पात्र होगा। इसके अतिरिक्त, प्राधिकरण को अचल संपत्तियों के हस्तांतरण पर शुल्क लगाने का भी अधिकार होगा। 

राज्य सरकार इस प्राधिकरण के मूल्यांकन तथा प्रदर्शन की समीक्षा के लिए इस अधिनियम के लागू होने से पांच वर्ष के अंदर तथा प्रत्येक पांच वर्ष की समाप्ति के बाद एक कमेटी गठित करेगी। इस कमेटी में शहरी शासन, अवसंरचना विकास, पर्यावरण प्रबंधन और लोक प्रशासन के क्षेत्र से राष्टï्रीय ख्याति प्राप्त विशेषज्ञ शामिल होंगे।

Suvash Chandra Choudhary

Editor-in-Chief

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