तीन दिन बीत जाने के बाद भी पुन्हाना अनाज मंडी में नहीं आया कोई खरीददार

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किसानों को करीब 60 हजार टन अनाज मंडी में पहुंच चुका है

यूनुस अलवी
मेवात: भले ही हरियाणा सरकार ने पहली अप्रैल से प्रदेश कि अनाजमंडियों में गेंहू खरीदने के आदेश कर दिये हैं लेकिन तीन दिन बीत जाने के बाद भी पुन्हाना अनाज मंडी में कोई भी खरीद एजेंसी नहीं पहुंची है और ना ही अभी तक अनाज भरने के लिये बारदार (कटटे) आऐ हैं। पिछले पांच दिन से किसान अपना अनाज बैचने के लिये पुन्हाना अनाजमंडी में डेरा डाले हुऐ हैं। सरकारी खरीद ना होने और बारदाना ना आने कि वजह से किसानों को करीब 60 हजार टन अनाज खुले में पडा हुआ है। इस दौरान अगर बारिश आ जाती है तो अनाज भीगने का नुकसान सरकार, आडती और खरीद एजेंसियों को नहीं बल्कि किसानो को इसका उठाना पडेगा।
 
    गांव लहरवाडी निवासी मोहम्मद इलयास, गांव आंधाकी निवासी शमशु और नई निवासी दीनू, याकूब नई, लियाकत दल्लाबास और बस्सी सिंगार किसानों का कहना है कि किसी के घर में शादी है तो किसी को कर्ज अदा करना करने के लिये पैसों कि सख्त जरूरत है। उनका कहना है कि वे अपना अनाज बैचने के लिये 30 मार्च से ही पुन्हाना अनाजमंडी में आऐ हुऐ हैं। उनको उम्मीद थी कि पहले को उनका अनाज बिक जाऐगा लेकिन आज 3 अप्रैल तक भी उनके अनाज कि खरीद नहीं हो सकी है। आसमान में बादल हो रहे हैं अगर बारिश होजाती है तो उनका ही अनाज खराब होगा जिसे बाद में एजैंसी खरीदने से मना कर देंगें। किसानों का कहना है कि पूरी रात मच्छर काटते हैं। उनके अनाज के चोरी होने का भी खतरा बना रहता है। इस लिये उनको मजबूर होकर अनाज के पास ही सोना पडता है। उन्होने सरकार से मांग कि है कि तुरंत उनके अनाज कि खरीद कि जाऐ।तीन दिन बीत जाने के बाद भी पुन्हाना अनाज मंडी में नहीं आया कोई खरीददार 2
 
   पुन्हाना अनाज मंडी के प्रधान संजीव शिकारिया, राजीव कुमार, कनहिया गौतम आडतियों का कहना है कि पुन्हाना में सरकार ने एफसीआई और वेयर हाउस एजैंसिंयों को पुन्हाना अनाज मंडी में खरीद कि जिम्मेदारी सौंपी हैं। सोमवार को एफसीआई एजैंसी को खरीद करनी थी लेकिन शाम तक ना तो एजैंसी का कोई कर्मचारी ही आया और ना ही कंपनी ने बारदाना ही भेजा है। उनका कहना है कि करीब 60 हजार टन अनाज पुन्हाना अनाजमंडी में खुले में पडा है। अगर बारिश आ गई तो किसानों को भारी नुकसान उठाना पडेगा।
 
 

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