कन्नड़ नव वर्ष दिवस उगाड़ी के आयोजन में पीएम्
केंद्रीय मंत्री एम वेंकैया नायडू के निवास पर आयोजन
नई दिल्ली : पीएम नरेंद्र मोदी ने कहा कि आतंकवाद , आज मानवता के सामने एक बड़ी चुनौती है . लोगों को इस बुराई से निबटने के लिए प्राचीन ग्रंथों से प्रेरणा लेने की जरूरत है. उन्होंने आगाह किया कि आतंकवाद ने पूरी दुनिया को अपने गिरफ्त में ले लिया है. यदि हम प्राचीन ग्रंथों में उल्लेखित घटनाओं का विश्लेषण करें और उन्हें वर्तमान संदर्भ में पेश करें तो मैं कहूंगा कि जटायु आतंकवाद से लड़ने वाला पहला प्राणी था. उसने निडरता का संदेश दिया.
उन्होंने रामायणचर्चा करते हुए कहा कि इस महान ग्रन्थ में उल्लेख है कि रावण जब सीता का अपहरण कर ले जा रहा था तब गिद्ध जटायु ने सीता को बचाने की कोशिश में वीरतापूर्वक लड़ते हुए अपने जीवन की बलि दे दी. जटायु ने महिला की मर्यादा की रक्षा के लिए बलशाली व्यक्ति से लड़ते हुए अपनी जान दे दी. उन्होंने कहा की जटायु की लड़ाई हमें आतंकवाद से लड़ने की प्रेरणा देती है. यह हमें मानवता के लिए जीने का संदेश भी देती है.
मोदी रविवार को तेलुगू और कन्नड़ नव वर्ष दिवस उगाड़ी को मनाने के लिए यहां केंद्रीय मंत्री एम वेंकैया नायडू के निवास पर एक सभा को संबोधित कर रहे थे.
देश की विभिन्न भाषाओं एवं संस्कृतियों का उल्लेख करते हुए मोदी ने कहा कि विभिन्न राज्यों को लेागों के बीच सांस्कृतिक आदान प्रदान सुनिश्चित करना चाहिए. हरियाणा और तेलंगाना पहले ही इस संबंध में एक समझौता कर चुके हैं. उन्होंने कहा कि एक राज्य की संस्कृति एवं भाषा के प्रसार के लिए दूसरे राज्य में सांस्कृतिक विनिमय और प्रश्नोतरी प्रतिस्पर्धाएं आयोजित की जा सकती हैं. भारत की विविधता उसकी पहचान एवं ताकत दोनों है.
प्रधानमंत्री ने उगाड़ी पर देश को बधाई देते हुए कहा कि उत्सव प्रकृति के बदलते स्वरूप को परिलक्षित करते हैं और वे संस्कृति एवं परंपराओं से जुड़े हैं. अपनी सरकार की पहल ‘एक भारत, श्रेष्ठ भारत’ का हवाला देते हुए उन्होंने कहा कि यह आने वाली पीढ़ियों को विभिन्न राज्यों की सांस्कृतिक विविधता को समझने में समर्थ बनाएगी.
इस मौके पर नायडू ने कहा, ‘प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में अच्छे दिन आ गये हैं तथा और भी अच्छे दिन आने वाले हैं देश में.’ उन्होंने कहा कि मोदी के नेतृत्व में देश में उगाड़ी से समृद्धि एवं विकास लाएगा. इस मौके पर लोकसभा अध्यक्ष सुमित्रा महाजन, दिल्ली के उपराज्यपाल अनिल बैजल, कानून एवं न्याय मंत्री रविशंकर प्रसाद एवं कई केंद्रीय मंत्री थे. तमिलनाडु, कर्नाटक, केरल, तेलंगाना और आंध्रप्रदेश के कलाकारों ने सांस्कृतिक प्रस्तुतियां पेश कीं.