Font Size
यूनुस अलवी
मेवात: टीबी के मरीजों को अपने सामने ऐप के जरिये वीडियो बनाकर दवाई पिलाने का सरकार की योजना कारगर साबित हो रही है। मोबाइल ऑब्जेक्शियल थैरेपी (वीओटी) से टीबी के रोगियों को दवाई पिलाने से इसके मरीजों की ड्रॉप-आउट दर में कमी आई है।
टीबी के जिला कोर्डीनेटर वसीम अकरम ने बताया कि टीबी उपचार, अनुपालन और अनुपालन में सुधार के लिए स्वतंत्रता टीबी का एक प्रौद्योगिकी से जुड़े कार्यक्रम है। स्वतंत्रता टीबी भारत योजना के तहत मेवात जिले में करीब 3,000 टीबी रोगियों को शामिल किया गया है। टीबी मरीजों को मोबाइल ऑब्जेक्शियल थैरेपी (वीओटी) दृष्टिकोण के आधार पर टीबी के रोगियों के उपचार के लिए उनके गांव और घरों पर जाकर मरीजों को अपने सामने दवाई पिलाई जाती है जिसको एक ऐप के जरिये 10 सैकिंड का वीडियो बनाया जाता है। जो उच्च अधिकारियों तक पहुंच जाता है।
उन्होने बताया कि रोगियों को इलाज के लिए डीओटीएस केंद्र की यात्रा को कम करने में मदद मिलती है, जो पहले से ज्यादा समय और दूरी की वजह से सबसे बड़ी चुनौती थी, इससे मरीजों का केंद्र तक आने पर काफी खर्चा होता था लेकिन अब उनके घर जाकर ही दवाई पिलाई जाती है।
उन्होने बताया कि सरकार कि इस योजना को कारगर बनाने के लिये जेएमक्यू संगठन ने मेवात जिला मे 12 कर्मचारी लगाये हुए है। मेवात के पुन्हाना, फिरोजपुर झिरका और तावडू ख्ंड में दो-दो कर्मचारी और नगीना व नूंह खंड में तीन-तीन कर्मचारी नियुक्त किये हैं। जो मरीजो को घर घर जाकर दवाई अपने सामने खिलते है और उनका समय पर फॉलो उप करते है।