मेवात में तलाक देना गुड्डा-गुड्डी का खेल बना : एक साल में दो दर्जन महिलाओं को तलाक

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 बेदीन यानि जिनको इस्लाम धर्म की जानकारी नहीं वही देते हैं तलाक : मुफ़्ती 

 तलाक देने में 20 से 35 वर्ष की आयू के युवा 99 फीसदी शामिल हैं

यूनुस अलवी

 
मेवात:    इसलाम धर्म में तलाक को भले ही जायज करार दिया गया है लेकिन जिन सूरतों में तलाक देना जायज होना चाहिये उनमें से एक बात भी सामने नहीं आ रही है। मेवात में जितनी भी तलाके दी गई हैं उनमें से अधिक्तर से इसलाम के वसूलों के खिलाफ है। मसलन इसलाम धर्म में उसी सूरत में तलाक दी जा सकती है जब मियां-बीवी का किसी भी कीमत पर निर्वाह ना हो रहा हो। मेवात इलाके में अब तक तलाक के जो मामले समाने आये हैं उनमें बीबी के माईके में रूठ कर चला जाना, किसी काम को करने से मना कर देता, दहेज कम देना या फिर शराबी पति को शराब पीने से मना करना शामिल है। दो दिन पहले ही पिनगवां कस्बे में एक पति ने अपनी बीवी को इसी बात पर तलाक दे दी थी कि उसने पति को जुआ-सट्टा खेलने और शराब पीने से मना किया था।
 
   जानकारी के अनुसार मलाई गांव में माईके रूठ कर चले जाने पर एक महिला को उसके पति ने फोन पर तलाक दे दिया। महिला के दो बच्चे हैं। बाद में बिरादरी की पंचायत ने 25 लाख रूपये में फैंसला कराया। नगीना खंड के गांव अटेरना-शमशादबाद में दंपति में किसी बात को लेकर मामूली कहासुनी और एक बच्चे कि मां अपने माईके चल गई करीब दस महिने बाद जब बीवी वापिस ससुराल नहीं लोटी तो पति ने मोबाईल पर तीन तलाक लिखकर अपने ससुर को भेज दिया। बाद में दोनो पक्षो कि पंचायत हुई और मामला 11 लाख में में सुलझा।
 
इसी तरह पुन्हाना खंड के गांव पिपरौली में दहेज कम देने कि वजह से एक विवाहिता के साथ ससुराल वालों ने पिटाई कि ओर बाद में तलाक देकर छोड दिया। लडकी के माईके वालों को ये बात नागवांर गुजरी और उन्होने लडका वालों को झांसे में लेकर फर्जी रिश्ता कर बारात के 21 आदमी बुला लिये। बाद में उनको तीन दिन तक बंधक बनाकर रखा। पंचातय में दोनो पक्षों का पांच लाख रूपये में फैंसला हुआ जिनमें से सवा दो लाख रूपये भी अदा कर दिये गये लेकिन राजनेतिक हस्तक्षेप के चलते उलटा ही लडकी पक्ष के करीब 40 लोगों के खिलाफ अपहरण, धोखाधडी आदि धाराओं के तहत मामला दर्ज हो गया।
 
वहीं हाल ही में फिरोजपुर झिरका खंड के गांव कुलढेहरा में पांच बच्चों कि मां अपनी पत्नि को रात के समय किसी गैरमर्द के साथ देख लिया और उसने भी अपनी पत्नि को तीन तलाक देकर छोड दिया। दो दिन पहले पुन्हाना खंड के कस्बा पिनगवां में एक महिला को अपने पति से शराब पीने और जुआ-सटटा ना खेलने कि नसीहत देना भारी पड गया और पति ने नशे कि हालत में दो बच्चों कि मां को तीन तलाक लेकर हमेशा के लिये अपने से जुदा कर दिया। वहीं पिनगवां कस्बे से दो किलोमीटर दूर अकबरपुर में भी सोमवार को एक युवक ने अपनी बीवी को तलाक दे दी है।
 

तलाक के मसले पर क्या कहते हैं उलेमा  ? 

 
 मेवात के मुफ्ति जाहिद हुसैन का तलाक के मसले पर कहना है कि जिन लोगों को इसलाम के नियमों कि जानकारी नहीं है वे ही तलाक देते हैं। खातौर से 20 से 30 साल के युवा जिनमें 99 फीसदी वे युवक शामिल हैं जो शराब, जुआ सट्टा आदि गल्त कार्यों में शामिल होते हैं। इसलाम धर्म कि हलाल चीजों में से अल्लाह को तलाक सबसे ज्यादा नापसंद हैं। अगर मियां-बीबी का आपस में रहना असंभव है तब भी एक दम तलाक नहीं देना चाहिये बल्कि पहले मियां-बीवी को समझाऐ, ना माने तो बीवी से अपना बिस्तर दूर रखे, फिर भी ना माने तो दोनो पक्षो के लोग मियां-बीवी में सुलेह कराने की कोशिश करें। अगर फिर भी बात ना बने तो मियां अपनी बीवी को हिदायत के तौर पर पहले एक तलाक देवे अगर औरत ना समझे तो दूसरी तलाक देवे फिर भी ना समझे तो तीसरी तलाक देकर एक दूसरे से हमेशा अलग हो सकते हैं। 

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