“ऑनलाइन लिंगानुपात निगरानी डैशबोर्ड सृजित करने वाला पानीपत देश का पहला जिला”

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शासन एसोसिएट्स और प्रशासनिक सचिवों की बैठक 

सीएम मनोहरलाल ने लिए कई महत्वपूर्ण निर्णय 

 गांवों से डाटा एकत्र कर मासिक तौर पर वैबसाइट में अपलोड करने का काम शुरू 

चंडीगढ़ :  ‘बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ’ के महत्वाकांक्षी कार्यक्रम के तहत पानीपत ऑनलाइन लिंगानुपात निगरानी डैशबोर्ड सृजित करने वाला सम्भवत: देश का पहला जिला बन गया है। मुख्यमन्त्री मनोहर लाल ने यहां उनके सुशासन एसोसिएट्स और प्रशासनिक सचिवों के साथ आयोजित एक ब्रेनस्टॉर्मिंग सैशन में यह जानकारी दी। मुख्यमन्त्री ने उनके सुझाव लेने के अतिरिक्त शिकायत निवारण तंत्र को और अधिक सरल बनाने और नई स्कीमों को लागू करने के लिये भी अनेक निर्णय लिये।
बैठक में बताया गया कि इस लिंगानुपात निगरानी डैशबोर्ड को जिला पानीपत में राष्ट्रीय सूचना विज्ञान केन्द्र (एनआईसी) के सहयोग से एक पायलट परियोजना के रूप में विकसित किया गया है। स्वास्थ्य तथा महिला एवं बाल कल्याण विभागों द्वारा सभी गांवों से एकत्रित किये गए डाटा को मासिक आधार पर वैबसाइट पर अपलोड किया जा रहा है। जिन गांवों पर और अधिक ध्यान दिये जाने की आवश्यकता है, उनकी पहचान की जा रही है ताकि तदानुसार प्रयास किये जा सकें। यह डैशबोर्ड स्वास्थ्य और महिला एवं बाल कल्याण विभागों के बीच सतही तालमेल में सुधार लाने के लिये एक प्रभावी टूल भी सिद्ध हो रहा है।

पशु मार्केट स्थापित करने की योजना 

बैठक में यह भी निर्णय लिया गया कि सार्वजनिक निजी भागीदारी पद्धति पर स्थायी पशु मार्केट स्थापित की जाएगी और हरियाणा पशु मेले अधिनियम, 1970 के प्रावधानों में संशोधन करने के लिये हरियाणा विधानसभा के आगामी सत्र में एक विधेयक पेश किया जाएगा। यह भी बताया गया कि हाल ही में करनाल में एक कार्यशाला आयोजित की गई, जिसमें निर्णय लिया गया कि 11 जिले समुदाय के सहयोग से आवारा पशुओं से निपटने के लिये फतेहाबाद मॉडल को अपनाएंगे। नूह प्रदेश का पहला आवारा पशुओं से मुक्त जिला बन गया है, जबकि यमुनानगर और फतेहाबाद फरवरी के अंत तक आवारा पशुओं से मुक्त जिले बन जाएंगे। शेष 8 जिले भी 30 जून तक इस उपलब्धि को हासिल करेंगे। शेष जिलों के लिये सोनीपत में 16 मार्च को एक कार्यशाला का आयोजन किया जाएगा।
    पुलिस शिकायतों के पंजीकरण और निपटान की निगरानी करने के दृष्टिगत मुख्यमन्त्री ने राष्ट्रीय आपातकालीन प्रतिक्रिया प्रणाली का उपयोग करके एक स्वतन्त्र शिकायत पंजीकरण तन्त्र स्थापित करने की सम्भावना की तलाश करने के निर्देश दिये, जिसकी फण्डिंग केन्द्र सरकार से हो। उन्होंने यह भी सुनिश्चित करने के निर्देश दिये कि पुलिस थानों में प्राप्त सभी शिकायतों को हरसमय पोर्टल, जो प्रत्येक शिकायत की निगरानी सुनिश्चित करने के लिये क्राइम एंड क्रिमिनल ट्रैकिंग नेटवर्क एंड सिस्टम्स (सीसीटीएनएस) के साथ जुड़ा है, पर अपलोड किया जाए।

उन्होंने इस प्रणाली पर सभी शिकायतों के अपलोड को सुनिश्चित करने के लिये प्रत्येक जिले में पायलट परियोजना के रूप में सार्वजनिक स्थल पर एक डैस्क की स्थापना करने के अलावा सभी पुलिस थानों में समर्पित हरसमय स्वागत डैस्क खोलने के भी निर्देश दिये। उन्होंने लोगों को कानूनी प्रक्रियाओं के बारे में शिक्षित करने तथा आवश्यक सहायता प्रदान करने के लिये सभी जिलों में लीगल ऐड क्लीनिक्स खोलने के भी निर्देश दिये। उन्होंने कानूनी सहायता और प्रक्रियाओं के बारे में लोगों को शिक्षित करने के लिये प्रदेश भर में 8500 स्थानों पर जागरूकता शिविर आयोजित करने के भी निर्देश दिये।
    उन्होंने सम्बन्धित अधिकारियों को वर्तमान हरसमय क्योस्क को लोकप्रिय बनाने और ऑनलाइन प्रणाली की सभी शिकायतों का पंजीकरण और उनकी शिकायतों की सुनवाई सुनिश्चित करके ऑनलाइन प्रणाली पर लोगों का विश्वास बढ़ाने के लिये जागरूकता शिविर आयोजित करने के भी निर्देश दिये। इसके अतिरिक्त, इस सुविधा का ई-दिशा केन्द्रों और अटल सेवा केन्द्रों में भी प्रचार किया जाना चाहिए।
    इस प्रणाली में सुधार लाने की आवश्यकता पर बल देते हुए श्री मनोहर लाल ने कहा कि इन डैस्क और क्लीनिक्स के पुलिसकर्मियों और स्टाफ को सॉफ्ट स्किल प्रशिक्षण प्रदान किया जाए। उन्होंने पुलिस विभाग से यह भी आग्रह किया कि कानून एवं व्यवस्था की स्थिति बनाए रखने में और अधिक जनभागीदारी को प्रोत्साहित किया जाए।

41 नई सेवाओं की पहचान

    मुख्यमन्त्री ने सम्बन्धित अधिकारियों को प्रदेश में आधार सक्षम अदायगी प्रणाली को बढ़ावा देने के लिये एक योजना तैयार करने के भी निर्देश दिये। इसके अतिरिक्त सूचना, जनसम्पर्क एवं भाषा विभाग को नकदीरहित लेन-देन को बढ़ावा देने के लिये एक राज्यव्यापी जन जागरूकता अभियान चलाने के भी निर्देश दिये। उन्होंने वित्त विभाग को नकदीरहित लेन-देन को और अधिक प्रोत्साहन प्रदान करने के लिये योजना तैयार करने के भी निर्देश दिये। सामुदायिक सेवा केन्द्रों द्वारा प्रदान की जा रही सेवाओं के अतिरिक्त 41 नई सेवाओं की पहचान की गई है और अटल सेवा केन्द्रों को आर्थिक रूप से व्यवहार्य बनाने के लिये 42 सेवाओं की फीस में संशोधन किया जाएगा।

 

पहली अप्रैल से सभी पंजीकरण और लाइसैंसिंग के लिए फ़ीस में संशोधन 

बैठक में यह भी बताया गया कि प्रदेश में पहली अप्रैल से सभी पंजीकरण और लाइसैंसिंग प्राधिकरणों (आरएलए) और क्षेत्रीय परिवहन प्राधिकरणों के लिये संशोधित फीस और मानक प्रक्रियाओं को क्रियान्वित किया जाएगा। एक क्लस्टर अनुसार वाहनों के लिये ऑटोमेटिड फिटनैस सैण्टर स्थापित किये जाएंगे। रोहतक में एक मॉडल सैण्टर पहले ही स्थापित किया जा चुका है और मुख्यमन्त्री द्वारा शीघ्र ही इसका उद्घाटन किया जाएगा। ई-दिशा केन्द्रों पर सुविधा डैस्क स्थापित किये जाएंगे और सभी अदायगियों के लिये एकल खिडक़ी बनाई जाएगी।

 
बैठक में बताया गया कि सीएम विण्डो पर शिकायत देने के लिये मानकीकृत एटीआर फॉरमैट का उपयोग करने से स्पष्टीकरण करने के अनुरोध की संख्या में 15 प्रतिशत तक कमी आई है। उप मण्डल स्तर पर 47 सीएम विण्डो शुरू करने से लेकर अब तक 5000 शिकायतें प्राप्त हुई हैं, जिसमें से 2000 शिकायतों का निपटान किया जा चुका है। इसके अतिरिक्त, सम्भावित क्रिटिकल शिकायतों की पहचान करने के लिये प्रणाली की शुरूआत की गई है, शिकायत के निपटान होने तक सीएम सैल द्वारा उसकी निगरानी की जाएगी। अब तक ऐसी 333 शिकायतें प्रकाश में आई हैं, जिसमें से 125 शिकायतों को नाजुक शिकायतों के रूप में चिह्नित किया गया है और 22 शिकायतों का निपटान हो चुका है। सीएम विण्डो पोर्टल को और अधिक यूजर फ्रैंडली बनाने के लिये उसे पुन: डिजाइन किया गया है।

 

डाटा की लाइव निगरानी की जा सकती है और साप्ताहिक प्रदर्शन को ग्राफिकल फॉरमैट में शामिल किया जा सकता है। साप्ताहिक समीक्षा बैठकों के आरम्भ होने से डाटा विश्लेषण के अनुसार 60 दिनों के भीतर शिकायतों के निपटान की संख्या बढक़र 60 प्रतिशत तक पहुंच गई है, जबकि इससे पूर्व, 30-40 शिकायतों का निपटान होता था। वर्ष 2016 में कुल प्राप्त 88 प्रतिशत शिकायतों का अब तक निपटान किया जा चुका है। छ: जिलों द्वारा 90 प्रतिशत या इससे अधिक शिकायतों का निपटान किया गया है। लगभग 65 प्रतिशत शिकायतें 10 विभागों की प्राप्त हुई हैं और 78 प्रतिशत शिकायतें 10 मुख्य मुद्दों से सम्बन्धित हैं, जिसमें से 50 प्रतिशत 4 मुद्दों नामत: सार्वजनिक सेवाओं की प्रदायगी में देरी, भ्रष्टाचार के आरोपों, आपराधिक लड़ाई-झगड़ों, चोरी व धमकी की है। 
    इसके अतिरिक्त, एसोसिएट्स द्वारा सोनीपत में ठोस कचरा प्रबंधन प्रणाली, भिवानी में खेल सूची पर नजर रखने की प्रणाली, हिसार में रोड असैट मैनेजमैंट प्रणाली, पंचकूला में गवर्नमैंट स्कूल एलूमनी नैटवक्र्स, जींद में डीसी डैशबोर्ड, कैथल में फाइल इण्डैक्सिंग सिस्टम और सिरसा के मिनी सचिवालय में हैल्प डैस्क सहित अपने सम्बन्धित जिला प्रशासन के सहयोग से शुरू की गई कुछ परियोजनाएं प्रस्तुत की गई।
    एसोसिएट्स के प्रयासों की सराहना करते हुए मुख्यमन्त्री ने उन्हें अपने-अपने जिलों में लोगों से सरकारी नीतियों के सम्बन्ध में फीडबैक लेने के निर्देश दिये। उन्होंने पांच एसोसिएट्स को उनके उत्कृष्ट प्रदर्शन के लिये प्रमाण पत्र भी दिये।
    बैठक में मुख्यमन्त्री के अतिरिक्त प्रधान सचिव डॉ० राकेश गुप्ता भी उपस्थित थे।

Suvash Chandra Choudhary

Editor-in-Chief

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