ईशा फाउंडेशन ने कराया निर्माण
नई दिल्ली : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को महाशिवरात्रि के पावन अवसर पर भगवान शिव की 112 फुट ऊंची प्रतिमा का अनावरण किया। इसका निर्माण ईशा फाउंडेशन की ओर से कराया गया है। संस्था की ओर से जारी विज्ञप्ति बताया गया है कि धरती के इस सबसे विशाल चेहरे की प्रतिष्ठा मानवता को आदियोगी शिव के अनुपम योगदान के सम्मान में की गई है। उनकी ओर से कहा गया है कि यह प्रतिष्ठित चेहरा मुक्ति का प्रतीक है और उन 112 मार्गों को दर्शाता है, जिनसे इंसान योग विज्ञान के जरिए अपनी परम प्रकृति को प्राप्त कर सकता है।
सदा शिव की इस प्रतिमा का डिजाइन और प्राण-प्रतिष्ठा ईशा फाउंडेशन के संस्थापक सदगुरु द्वारा की गई है। बताया जाता है कि भारत सरकार के पर्यटन मंत्रालय ने अपने आधिकारिक अतुल्य भारत अभियान में इस भव्य चेहरे की प्राण-प्रतिष्ठा को एक गंतव्य स्थल के रूप में शामिल किया है।
इस कार्यक्रम के लिए पी एम नरेंद्र मोदी की कोयंबतूर यात्रा के मद्देनजर शहर और इसके आसपास पांच-स्तरीय सुरक्षा व्यवस्था की गई थी। तमिलनाडु-केरल की सीमा पर भी सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए गए थे। मीडिया की खबरों के अनुसार मानवाधिकार संगठनों, विभिन्न राजनीतिक पार्टियों, किसानों एवं जनजातीय संस्थाओं की ओर से विरोध प्रदर्शन की आशंका थी इसलिए कड़ी सुरक्षा के इंतजाम किए गए थे ।
खबरों में बताया गया है कि इन संस्थाओं ने आरोप लगाया गया है कि आदियोगी की आवक्ष प्रतिमा अतिक्रमित जमीन पर स्थापित की गई है और मोदी की यात्रा से इस जमीन का नियमितीकरण हो जाएगा। चेन्नई में माकपा और भाकपा ने प्रतिमा स्थापित करने में कथित तौर पर हुए कई कानूनों के उल्लंघन का आरोप लगाते हुए मांग की थी कि प्रधानमंत्री को कार्यक्रम स्थल पर नहीं जाना चाहिए।