दहेज देने व लेने सहित एक दर्जन मुद्दों पर पाबंदी के लिये 25 को होगी महापंचायत 

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 सामाजिक संस्था अखिल भारतीय शहीदाने मेवात सभा की सामाजिक पहल 

 
यूनुस अलवी
 
मेवात: मेवात इलाके कि सबसे बडी सामाजिक संस्था अखिल भारतीय शहीदाने मेवात सभा और जन-जागरूकता अभियान के बेनर तले आगामी 25 फरवरी को गांव उटावड में दहेज और शादी कि रस्मों वे रिवाजों के खिलाफ होने वाली महापंचायत का आयोजन किया जा रहा है। महापंचायत में सभी राजनेतिक पार्टियों से जुडे नेता, सभी खाप और पालों से जुडे चौधरी, सभी सामाजिक संगठन और मेवात इलाके के पंच, सरपंच जिला पार्षद और धार्मिक उलेमाओं को महापंचायत में शामिल होने के लिये चिट्ठियां भेजी जा रही हैं। इस महा पंचायत में करीब 50 हजार लोगों को बुलाने का न्यौता दिया गया है।
 
  अखिल भारतीय शहीदाने मेवात सभा के राष्ट्रीय अध्यक्ष सरफूदीन मेवाती, सभा कि इंजिनियरिग सैल के राष्ट्रीय अध्यक्ष एंव पूर्व एसडीओ चौधरी खुरशीद खाईका, सभा के संयोजक हाकम अली, वरिष्ट उपप्रधान भीम सिंह और युवा अध्यक्ष असलम जैलदार ने रविवार को पुन्हाना और नगीना खंड के प्रमुख लोगों को महापंचायत में आने का न्योंता दिया।
 
   अखिल भारतीय शहीदाने मेवात सभा के राष्ट्रीय अध्यक्ष सरफूदीन मेवाती ने बताया कि आजकल दहेज मेवात में एक आफत बनती जा रही है। इसके अलावा शादी के दौरान बहुत से ऐसी रस्म और रिवाजे आम हैं, जिनकी वजह से लाखों रूपये फिजूल में खर्च हो जाते हैं। ऐसे में गरी परिवारों के लोगों को इन रस्मों को निभाना एक मुसीबत बन गई हैं। उन्होने बताया कि महापंचायत में दहेज के लेने-देने, बारातों के बडे काफिला पर पांबंदी लगाने, लडका पक्ष कि ओर से हजारों रूपये का पंचायती सामाने ले जाने, मांढा झंकाई, हर किस्म के शादी समारोह या उत्सव में डीजे, नांच गाने बजाने, आतिश बाजी करने और शराब मुक्त मेवात बनाने जैसे एक दर्जन मुद्दों को लेकर सर्वजातिये महापंचायत का 25 फरवरी को दादा बहाड चौक उटावड में आयोजन किया जा रहा है। उन्होने दावा किया कि इस महापंचायत में समाज से जुडे करीब 50 हजार चौधरी, नेता और प्रमुख लोग भाग ले रहे हैं। उन्होने बताया कि अधिक्तर लोगों को पंचायत में शामिल होने के लिये चिटठी भेज दी गई हैंं। कुल लोगों को आयोजन कमेठी के सदस्य खुद देकर आ रहे हैं। उन्होने कहा कि यह महापंचायत एक मील का पत्तर साबित होगी। वहीं उन्होने जमियते उलेमा हिंद द्वारा उठाये गये कदम की जमकर सराहना की है। उन्होने कहा कि जिन घरों में शौचालय नहीं उनका निकाह नहीं पढाना चाहिये ये उलेमाओं का अच्छा फैंसला है।

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