आरक्षण का मामला उच्च न्यायलय में स्टे होने के कारण विचाराधीन
चण्डीगढ़ : आरक्षण के नाम पर कुछ लोग अपनी राजनीतिक रोटियां सेकने के लिए लोगों को बरगलाने का काम कर रहे है। प्रदेश के लोग शांतिप्रिय है और ऐसे लोगों के बहकावे में नहीं आएंगें। यह बात हरियाणा के मुख्य संसदीय सचिव डा. कमल गुप्ता ने आज हिसार में आयोजित प्रैसवार्ता के दौरान कहीं। उन्होंने कहा कि गत वर्ष जाट समाज के लगभग 70 गणमान्य व्यक्ति आरक्षण की बात को लेकर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी व गृह मंत्री राजनाथ सिंह से मिले थे। जाट वर्ग के गणमान्य लोगों को माननीय प्रधानमंत्री तथा गृह मंत्री ने आरक्षण की कैटेगरी में जाटों को शामिल करने का वायदा किया था।
बातचीत के दौरान भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव व हरियाणा के प्रभारी अनिल जैन भी साथ थे। हरियाणा सरकार ने आरक्षण का अधिक से अधिक लाभ देने के लिए आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग के लोगों की आय सीमा को ढाई से बढ़ाकर 6 लाख रूपये किया और साथ ही आरक्षण का लाभ 10 से 20 प्रतिशत कर दिया।
डा. कमल गुप्ता ने कहा कि इन बैठकों के बावजूद भी फरवरी, 2016 को प्रदेश में जाट आरक्षण के नाम पर असामाजिक तत्वों ने शांतिप्रिय आंदोलन का माहौल बिगाडक़र कई शहरों में आगजनी की घटनाओं को अंजाम दिया। आरक्षण के नाम पर कुछ लोगों ने बरगलाने व राजनीतिक रोटियां सेकने का काम कर सीधे-साधे लोगों को भडक़ाने का काम किया। इसके बावजूद भी सरकार ने सामाजिक समरसता की बैठकों का आयोजन कर पूरे प्रदेश में स्थिति को काबू करके शांति का माहौल बनाया। आरक्षण आंदोलन के दौरान हुई आगजनी से लोगों की प्रोपर्टी के नुकसान की भरपाई के लिए एक हजार करोड़ रूपये की मुआवजे की राशि वितरित की गई। इसमें 10-10 लाख रूपये की आर्थिक सहायता आंदोलन के दौरान मारे गए 19 लोगों के परिजनों को प्रदान की गई।
उन्होंने कहा कि आरक्षण से संबंधित प्रदेश सरकार का प्रस्ताव जून, 2016 में उच्च न्यायलय में स्टे होने के कारण विचाराधीन है और सरकार इस मामले की मजबूती से पैरवी कर रही है। जाट नेताओं की मांग के अनुसार हरियाणा सरकार ने केस की पैरवी के लिए एडवोकेट जयदीप धनखड़ को नियुक्त किया है। हाई कोर्ट से स्टे हटते ही जाट आरक्षण को लागू करने के लिए केन्द्र सरकार के पास तुरन्त भेज दिया जाएगा। इसके साथ-साथ आरक्षण आंदोलन के दौरान मारे गए लोगों के परिजनों को भी सरकार ने वायदे अनुसार नौकरियां देने काम किया है।
डा. गुप्ता ने कहा कि प्रदेश में पिछले कुछ दिनों से विपक्षी राजनीतिक दल जाट आरक्षण के नाम पर राजनीति कर रहे है। ऐसे लोगों से सावधान रहने की जरूरत है। उन्होंने आरोप लगाया कि चौटाला सरकार के 6 साल के कार्यकाल व हुड्डा सरकार के 10 वर्षो के कार्यकाल में जाट आरक्षण की दिशा में सरकार की ओर से कोई भी कदम नहीं उठाया गया। हुड्डा ने अपने कार्यकाल के अन्तिम समय में जल्दबाजी में आरक्षण को लागू करवाया, जोकि किसी प्रकार से तर्कसंगत नहीं था। श्री गुप्ता ने कहा कि यशपाल मलिक जाट आरक्षण के नाम पर प्रदेश के लोगों गुमराह करने का कार्य कर रहा है। सरकार हर स्थिति पर नजर रखे हुए है। कानून व्यवस्था बनाए रखने के लिए पर्याप्त संख्या में सुरक्षा बलों को लगाया गया है। शांति व्यवस्था को खराब करने वालों के साथ सख्ती से निपटा जाएगा। उन्होंने आरक्षण समिति के पदाधिकारियों से आह्वान किया कि वे बातचीत का रास्ता अपनाकर अपने धरनों को तुरन्त समाप्त करें।