मुख्यमंत्री शहरी निकाय स्वामित्व योजना के तहत लगे आरोपों की गहनता से की जा रही है जांच

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  • नगर निगम गुरूग्राम की विजिलैंस विंग की जांच के आधार पर एक अधिकारी के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई हेतु शहरी स्थानीय निकाय निदेशालय को भेजा गया मामला
  • अन्य मामलों में भी की जा रही है गहनता से जांच, जांच के आधार पर दोषी पाए जाने वाले अधिकारियों एवं कर्मचारियों के खिलाफ की जाएगी नियमानुसार कार्रवाई

गुरूग्राम, 19 फरवरी। मुख्यमंत्री शहरी निकाय स्वामित्व योजना के तहत नगर निगम गुरूग्राम के अधिकारियों कर्मचारियों पर मामले में अनियमितता बरतने के आरोपों की गहनता से जांच की जा रही है। नगर निगम गुरूग्राम की विजिलैंस विंग द्वारा पूर्व में की गई जांच के आधार पर एक अधिकारी के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई के लिए शहरी स्थानीय निकाय निदेशालय को रिपोर्ट भेजी गई है।

इस बारे में जानकारी देते हुए नगर निगम गुरूग्राम के आयुक्त डा. नरहरि ङ्क्षसह बांगड़ ने बताया कि मुख्यमंत्री शहरी निकाय स्वामित्व योजना हरियाणा के मुख्यमंत्री श्री मनोहर लाल की फ्लैगशिप योजना है। इस योजना के तहत शहरी निकायों की तहबाजारी पर भूमि, किराए पर दुकान या मकान, लीज, लाइसैंस फीस पर 20 वर्ष या इससे अधिक अवधि के काबिज व्यक्तियों को स्वामित्व का अधिकार दिया गया है। नगर निगम गुरूग्राम क्षेत्र में योजना के तहत पात्र व्यक्तियों को स्वामित्व का अधिकार दिया गया है। उन्होंने बताया कि योजना के तहत तत्कालीन जोनल टैक्सेशन अधिकारी दिनेश कुमार पर अनियमितता बरतने के आरोप लगे थे। नगर निगम गुरूग्राम की विजिलैंस विंग द्वारा उन सभी आरोपों की गहनता से जांच की गई है तथा संबंधित अधिकारी के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई के लिए शहरी स्थानीय निकाय निदेशालय को रिपोर्ट भेजी जा चुकी है। निगमायुक्त ने बताया कि इस योजना के तहत आरोपों में अन्य कर्मचारियों की संलिप्तता की भी गहनता से जांच विजिलैंस विंग द्वारा की जा रही है। जांच के दौरान दोषी पाए जाने वाले कर्मचारियों के खिलाफ भी नियमानुसार कार्रवाई की जाएगी।

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