नई दिल्ली : कांग्रेस पार्टी पिछले कई दिनों से संसद के भीतर और बाहर अमेरिकी जाँच एजेंसी और अदालत में चल रहे कथित अडानी घूस मामले को उठा रही है. आज एक बार फिर पार्टी की राष्ट्रीय प्रवक्ता सुप्रिया श्रीनाते ने कांग्रेस मुख्यालय में इस मामले को प्रमुखता से उठाने के लिए पत्रकार वार्ता आयोजित की और नरेंद्र मोदी सरकार व भाजपा पर गंभीर आरोप लगाये . उन्होंने प्रेसवार्ता में मीडिया पर कटाक्ष करते हुए कहा कि ” ‘WASHOUT’: ये मीडिया, कमांडो वॉरियर एंकर्स का प्रिय शब्द है। ये शब्द रोज टीवी में दिखता है। भारत का संसद गलबहियां और कॉफ़ी पीने के लिए नहीं है। संसद देश के ज्वलंत मुद्दों पर चर्चा के लिए है। ” उन्होंने दावा किया कि नरेंद्र मोदी के चहेते उद्योगपति पर संगीन आरोप लगे हैं, जिसे मोदी के दखल के बाद अलग-अलग देशों में डील मिलती है। उसी उद्योगपति के खिलाफ दुनिया के अलग-अलग देश जांच कर रहे हैं, डील रद्द कर रहे हैं और यहां ऐसा माहौल बनाया जाता है- जैसे कुछ हुआ ही नहीं।
कांग्रेस प्रवक्ता सुप्रिया श्रीनाते ने यह कहते हुए आरोप लगाया कि नरेंद्र मोदी की सरकार, देश की जांच एजेंसियां.. अडानी को लेकर जो शिथिलता दिखा रहीं है, वो भारतीय मार्केट, इंवेस्टर और उद्योग जगत के लिए बहुत बुरे संकेत हैं। उन्होंने कहा कि Moody’s और Fitch जैसी बड़ी रेटिंग एजेंसियों ने अडानी की कंपनी को डाउनग्रेड कर दिया है।
उन्होंने आज देश के कुछ नामी वकीलों की और से निजी प्रेसवार्ता आयोजित कर किये गए दावे पर तंज सवाल खड़ा करते हुए कहा कि आज सुबह अडानी के तंत्र ने एक शिगूफा छोड़ा है, जिसमें कहा गया- डिपार्टमेंट ऑफ जस्टिस के काउंट 1 से 5 में अडानी का नाम नहीं है, लेकिन वो ये बताना भूल गए कि अमेरिका का Foreign Corrupt Practices Act (FCPA) वहीं के नागरिकों पर लागू होता है, वो विदेशी नागरिकों पर लागू नहीं होता। कांग्रेस नेता ने तर्क दिया कि उसी FCPA में Azure Power का नाम है जो कि एक अमेरिकन कंपनी है और अडानी की पार्टनर है। उनका कहना था कि लगता है अडानी मामले पर लोगों को गुमराह करने वालों ने ग्रैंड जूरी के आरोप नहीं पढ़े।
सुप्रिया श्रीनाते ने ग्रैंड जूरी के आरोप में उल्लेखित बिंदुओं के बारे में भी पत्रकारों को बताया :
• “गौतम अडानी, सागर अडानी और अन्य लोगों ने भारत में रिश्वत देने, रिश्वत की पेशकश करने, रिश्वत का वादा करने की एक योजना तैयार की, जिस रिश्वत के बदले भारत सरकार बिजली कंपनियों को केंद्रीय PSU SECI के साथ बिजली खरीदने के करार के लिए बाध्य करेगी”
• अडानी और उनके लोगों ने राज्य की बिजली वितरण कंपनियों द्वारा PSAs को लागू करवाने के लिए भारत सरकार के अधिकारियों को क़रीब 2,300 करोड़ रुपए की रिश्वत दी, साथ ही और घूस देने का वादा किया।
• सागर अडानी और विनीत जैन ने “SECI की 2.3 GW PPA आवंटित करने वाली प्रक्रिया को भी ग़लत तरीक़ों से प्रभावित किया।
सुप्रिया श्रीनाते ने कटाक्ष करते हुए कहा कि सच्चाई ये है कि भारत में अडानी पूरी तरह सेफ हैं – यहां उनसे कोई सवाल नहीं पूछे जाएंगे। उन्होंने केंद्र सरकार के तंत्र और भाजपा पर गंभीर आरोप लगाया . उन्होंने कहा कि देश में “हालात ये हैं कि संसद में अडानी का नाम लेने पर सदन स्थगित कर दिया जाता है. सभापति चीख-चीख कर कहते हैं- कुछ भी रिकॉर्ड पर नहीं जाएगा. BJP उनका बचाव करती है, उनके लिए क़ानून बदले जाते हैं . BJP सरकार और उसके सारे मंत्री अडानी की पैरवी करते हैं . ”
कांग्रेस प्रवक्ता ने कहा कि सोलर एनर्जी कॉर्पोरेशन ऑफ इंडिया भारत सरकार की एक PSU है, जो Ministry of New and Renewable Energy के अंदर आती है, जिसके मंत्री पीयूष गोयल, आरके सिंह और प्रहलाद जोशी रह चुके हैं। इन सभी लोगों को पूरे मामले पर जवाब देना चाहिए।
सुप्रिया श्रीनाते के बयान के महत्वपूर्ण बिंदु :
• फ्रांस की कंपनी टोटाल एनर्जी ने फैसला किया है कि वे भविष्य में अडानी ग्रुप में कोई निवेश नहीं करेंगे
• टोटाल एनर्जी दुनिया की 7 सुपर पॉवर एनर्जी कंपनी में से एक है और अडानी ग्रीन में उसका 20% हिस्सा है
• अमेरिकी एजेंसी भी रिव्यू कर रही है कि वो अडानी समर्थित श्रीलंकाई पोर्ट के लिए फाइनेंस रिलीज किया जाए या नहीं.. ये करार करीब 553 मिलियन डॉलर का है
• श्रीलंका खुद अडानी पॉवर की डील को रिव्यू कर रहा है
• इजराइल के हाइफा पोर्ट पर अडानी के खिलाफ श्रमिक विरोध कर रहे हैं
• केन्या की सरकार ने अडानी की पॉवर और एयरपोर्ट डील रद्द कर दी
• बांग्लादेश के कोर्ट ने अडानी पॉवर डील की जांच के आदेश दिए हैं
• ऑस्ट्रेलिया में पहले से ही अडानी के खिलाफ जबरदस्त विरोध प्रदर्शन हो रहा है
• स्विट्जरलैंड ने मनी लॉन्ड्रिंग और जालसाजी की जांच के तहत अडानी से जुड़े कई स्विस बैंक खातों में 2,617 करोड़ रुपए फ्रीज कर दिए
• अमेरिका ने अडानी पर धोखाधड़ी और घूस देने के लिए वारंट निकाले हैं
हर ओर से घिरे अडानी सिर्फ भारत में ही सेफ हैं, क्योंकि यहां नरेंद्र मोदी के चलते कोई उनका कुछ नहीं कर सकता।
देश की जांच एजेंसियां मूक-दर्शक बनी बैठी हैं, वरना इन आरोपों के आधार पर तो अभी तक उनकी गिरफ़्तारी हो जानी चाहिए थी।
सुप्रिया श्रीनाते यह भी कहा :
बेवकूफी भरी दलील दी जा रही है कि अमेरिका में लगे आरोपों से आप क्यों परेशान हैं?
सच्चाई ये है कि..
अमेरिका में लगे आरोपों पर इसी मोदी सरकार के कार्यकाल में CBI ने दो मामलों की जांच की है।
– 2016 में ब्राजीलियन कंपनी Embraer के ऊपर FCPA लगी थी, उसी के आधार पर नरेंद्र मोदी के कार्यकाल में CBI ने Embraer कंपनी की जांच की थी।
– अमेरिकन कंपनी Louis Berger केस में करोड़ों की रिश्वत देने के मामले में भी CBI ने जांच की थी।
हिंदुस्तान की SEBI और अमेरिका की SEC के बीच एक बाइलेक्ट्रल एग्रीमेंट है।
अगर SEC की जांच में इतने गंभीर आरोप सामने आए हैं, तो यह SEBI की जिम्मेदारी है कि वह भी जांच करे।
लेकिन अब इन आरोपों में अडानी का नाम है तो सरकार और जांच एजेंसियों को सांप सूंघ गया है।