अदालत का थाना के मालखाना को निर्देश
नोटबंदी के कारण पुरानी करेंसी हो गई है बंद
गुडग़ांव (अशोक): अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायाधीश बलवंत सिंह की अदालत ने भ्रष्टाचार के मामले में पुलिस के एएसआई को एक वर्ष सजा सुनाई थी। गुडग़ांव स्थित राज्य चौकसी ब्यूरो थाना द्वारा एएसआई पर कार्यवाही की गई थी। शिकायतकर्ता द्वारा एएसआई को देने के लिए 20 हजार रुपए राज्य चौकसी ब्यूरो थाना प्रभारी को दिए गए थे। अदालत ने इस मामले में अपना फैसला दे दिया और अदालत के फैसले के खिलाफ कोई अपील भी नहीं की गई तो शिकायतकर्ता ने अपनी अधिवक्ता डा. अंजूरावत नेगी के माध्यम से उक्त अदालत में गुहार लगाई कि उसके द्वारा जमा कराई गई 20 हजार रुपए की धनराशि उसे लौटाई जाए। क्योंकि नोटबंदी के चलते पुरानी करेंसी अब मान्य नहीं रही है।
अदालत ने शिकायतकर्ता रिशी शर्मा की गुहार का निपटारा करते हुए संबंधित थाना के मालखाना को आदेश दिए हैं कि रिशी शर्मा द्वारा जमा किए गए 20 हजार के नोट पूरी जानकारी एकत्र करने के बाद उसे लौटा दिए जाएं। शिकायतकर्ता का कहना है कि वह धनराशि प्राप्त कर दिल्ली स्थित आरबीआई से एक-एक हजार के 20 नोट बदलवाने का प्रयास करेगा।
अधिवक्ता का कहना है कि यह पहला मामला है कि जिसमें भ्रष्टाचार के लिए दी गई धनराशि अदालत द्वारा रिलीज करने के आदेश दिए गए हैं। पीडि़त अदालत के आदेश की प्रति लेकर आरबीआई से संपर्क कर पुराने नोट बदलवाएगा। गौरतलब है कि वर्ष 2013 की 20 अगस्त को भीम नगर की एक महिला ने अपने पति रिशी शर्मा व उसके परिजनों के खिलाफ न्यू कालोनी पुलिस चौकी में मारपीट करने का मामला दर्ज कराया था। इस मामले की जांच एएसआई अशोक कुमार द्वारा की जा रही थी। एएसआई ने जांच के दौरान रिशी शर्मा से संपर्क कर मामले से बाहर निकालने के लिए एक लाख रुपए रिश्वत की मांग की थी।
40 हजार रुपए में उनकी डील फाइनल हो गई थी। 20 हजार रुपए एएसआई ने ले लिए थे और बाकी 20 हजार रुपए देने के लिए रिशी शर्मा पर दबाव बना रहा था। रिशी ने इसकी सूचना राज्य चौकसी ब्यूरो थाना प्रभारी को 27 अगस्त को दी थी। थाना प्रभारी ने उच्चाधिकारियों से संपर्क कर ड्यूटी मजिस्ट्रेट की नियुक्ति कराई और छापामार टीम का गठन कर एएसआई को रिशी शर्मा से 20 हजार रुपए की रिश्वत लेते हुए रंगेहाथों गिरफ्तार कर लिया था और उससे रिश्वत की रकम भी बरामद कर ली थी।
मामला उक्त अदालत में चला। गत वर्ष नवम्बर माह में उक्त अदालत ने भ्रष्टाचार अधिनियम के सैक्शन 7 व 13 (1) (डी) के तहत एएसआई को एक साल की कैद व एक हजार रुपए के जुर्माने की सजा सुनाई थी। मामले का फैसला हो जाने के बाद उक्त राशि को थाना के मालखाना में केस प्रोपर्टी के रुप में जमा करा दिया गया था। इस मामले में अभी तक कोई अपील भी उच्च अदालत में दायर नहीं हुई है। केंद्र सरकार द्वारा नोटबंदी के चलते पुराने एक हजार के नोट बंद कर दिए गए हैं। जबकि रिश्वत में दी जाने वाली राशि एक हजार के पुराने नोट में है तो उसे बदलवाने के लिए रिशी शर्मा ने अदालत से गुहार लगाई थी।