अतिरिक्त उपायुक्त की अध्यक्षता में जिला के बैंकर्स की बैठक : सरकारी योजनाओं में सहयोग ना करने वाले बैंकों को किया जा रहा है चिन्हित

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-बैंक, मुख्यमंत्री अंत्योदय परिवार उत्थान योजना व पीएम स्वनिधि योजना के पात्र लाभार्थियों के ऋण आवेदनों का प्राथमिकता के साथ निपटान करें : विश्राम कुमार मीणा, एडीसी गुरुग्राम


-वित्त वर्ष 2022-23 की दूसरी तिमाही की समीक्षा हेतु आयोजित थी बैठक

गुरुग्राम, 14 दिसंबर। गुरूग्राम के अतिरिक्त उपायुक्त विश्राम कुमार मीणा की अध्यक्षता में लघु सचिवालय स्थित कॉन्फ्रेंस हॉल में जिला स्तरीय परामर्शदात्री समिति (डीएलसीसी) व जिला स्तरीय समीक्षा कमेटी की बैठक आयोजित हुई। बैठक में श्री मीणा ने जिला के जमा, अग्रिम तथा शासकीय योजनाओं के लक्ष्यों को पूर्ण करने के संबंध में विस्तार से चर्चा करने के साथ साथ विभिन्न स्वरोजगार एवं उद्यमी योजनाओं के ऋण आवेदनों की स्वीकृति एवं वितरण की बैंकवार समीक्षा की। बैठक में केनरा बैंक की रिजनल हैड आराधना त्रिवेदी, आरबीआई चंडीगढ़ के एजीएम विक्रम ढांडा, नाबार्ड से क्लस्टर हेड विनय कुमार त्रिपाठी सहित अग्रणी जिला प्रबंधक अशोक कुमार जुलाहा, रुड़सेट के निदेशक निर्मल यादव भी उपस्थित थे।


एडीसी श्री मीणा ने बैठक में बैंकों के ऋण जमा अनुपात, राष्ट्रीय शहरी आजीविका मिशन, हरियाणा अनुसूचित जाति वित्त एवं विकास निगम, प्रधानमंत्री रोजगार सृजन कार्यक्रम, खादी और ग्रामोद्योग बोर्ड, हरियाणा महिला विकास निगम, केसीसी लोन, पीएम फसल बीमा योजना, पीकेसीसी, पीएम स्वनिधि, मुख्यमंत्री परिवार समृद्धि योजना, पीएम मुद्रा योजना सहित मुख्यमंत्री अंत्योदय परिवार उत्थान योजना के तहत बैंकों में भेजे गए आवेदनों की प्रगति की समीक्षा कर आवश्यक दिशा निर्देश दिए।
उन्होंने सभी बैंक के अधिकारियों को निर्देशित किया कि वे जनहित में प्रदेश सरकार की योजनाओं के अंतर्गत पात्र लाभार्थियों को दिए जाने वाले ऋण आवेदनों पर सहानुभूति पूर्वक प्राथमिकता से आवेदनों का निस्तारण करें। साथ ही उन्होंने कहा कि कोई भी बैंक अकारण किसी आवेदन को लंबित ना रखते हुए निर्धारित समय में वित्तीय और भौतिक लक्ष्य को पूर्ण करें।


बैठक में श्री मीणा ने मुख्यमंत्री अंत्योदय परिवार उत्थान मेलों में प्राप्त ऋण आवेदनों व प्रधानमंत्री स्ट्रीट वेंडर्स (पीएम स्वनिधि) योजना के तहत पात्र लाभार्थियों के आवेदनों पर बैंकर्स के स्तर पर हो रही देरी पर नाराजगी जताते हुए कहा कि अंत्योदय के उत्थान के उद्देश्य के साथ शुरू की गई उपरोक्त दोनों योजना प्रदेश व केंद्र सरकार की फ्लैगशिप योजना है।इनमें मुख्यमंत्री अंत्योदय परिवार उत्थान योजना के तहत एक लाख रुपए की वार्षिक आय से नीचे जीवन यापन करने वाले परिवारों के सामाजिक व आर्थिक स्तर को ऊंचा उठाने के लिए 18 विभाग प्रयासरत है। वहीं आत्मनिर्भर भारत अभियान के तहत रेहड़ी व फड़ी लगाने वाले लोगों को अपना कारोबार खड़ा करने में मदद करने के उद्देश्य से पीएम स्वनिधि स्कीम लाई गई थी जिसमें सड़क किनारे ठेले या रेहड़ी-पटरी पर दुकान चलाने वाले, फल-सब्जी, लॉन्ड्री, सैलून और पान की दुकानें लगाने वाले, हॉकर्स आदि इस योजना के तहत छोटे लोन ले सकते हैं। ऐसे में बैंकिंग स्तर पर ऋण आवेदनों की मंजूरी मे देरी इन दोनों योजनाओं के उद्देश्यों को प्रभावित कर रही है।
एडीसी ने कहा कि प्रदेश के सभी जिलों में सरकार द्वारा प्रायोजित स्कीमों में सहयोग ना करने वाले बैंकों को चिन्हित किया जा रहा है। उन्होंने जिला में एचडीएफसी बैंक, यस बैंक व आईसीआईसीआई बैंक में ऋण आवेदनों पर बेवजह की जा रही देरी पर नाराजगी जाहिर करते हुए कहा कि वे जल्द ही इस विषय में मुख्यालय को पत्र लिखेंगे कि भविष्य में इन बैंकों को ब्लैकलिस्ट कर सरकार द्वारा पोषित किसी भी योजना में शामिल ना किया जाए। श्री मीणा ने अन्य सभी बैंकर्स का आह्वान करते हुए कहा कि सभी बैंक सरकार द्वारा प्रायोजित स्कीमों के आवेदनों पर प्राथमिकता से कार्य करते हुए तय समय में उनका निपटान करें। एडीसी श्री मीणा ने बैठक में नाबार्ड द्वारा वित्तीय वर्ष 2023-24 के लिए तैयार की गयी सम्भाव्यतयुक्त ऋण योजना का भी विमोचन किया।*
बैठक में अग्रणी जिला प्रबंधक अशोक कुमार जुलाहा ने सभी बैंकों की प्रगति रिपोर्ट प्रस्तुत करते हुए बताया कि पिछले वित वर्ष की दूसरी तिमाही की तुलना में इस वर्ष दूसरी तिमाही के अंत तक जिला में विभिन्न बैंकों द्वारा अपनी 11 नई शाखाएं खोली गई हैं। अब जिला में विभिन्न बैंकों की कुल 809 शाखाएं अपने सेवाएं दे रही हैं। इसी प्रकार मौजूदा वित्त वर्ष में सितंबर माह के अंत तक एग्रीकल्चर सेक्टर में ₹ 844 करोड़ राशि के लोन दिए गए है जोकि इस वर्ष के निर्धारित लक्ष्य ₹1156 करोड़ का 73 प्रतिशत है। एमएसएमई क्षेत्र में ₹ 5885 करोड़ के निर्धारित लक्ष्य की तुलना में 213 प्रतिशत की बढ़ोतरी के साथ ₹ 12558 करोड़ की राशि के लोन जिला में उपलब्ध कराए गए हैं।


इसी प्रकार राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन के तहत मौजूदा वित्त वर्ष 2022-23 के लिए 500 ऋण आवेदनों का लक्ष्य निर्धारित है जिसकी तुलना में अक्टूबर माह के अंत तक 110 आवेदनों को स्वीकृति दी जा चुकी है वहीं 09 आवेदन अभी स्वीकृति की प्रक्रिया में हैं। इसके साथ ही राष्ट्रीय शहरी आजीविका मिशन के तहत इस वर्ष की पहली छह माही में 64 ऋण आवेदनों का लक्ष्य रखा गया है जिसमें अभी तक कुल 38 को स्वीकृति मिल चुकी है व 14 स्वीकृति की प्रकिया में हैं। इसी प्रकार प्रधानमंत्री रोजगार सृजन कार्यक्रम के तहत 19 नवंबर तक 193 लाख रुपए तक की राशि के 80 ऋण आवेदन बैंकर्स को भेजे गए थे जिसमें से करीब कुल ₹ 43 लाख रूप्ये तक की राशि के 19 आवेदनों को मंजूरी मिल चुकी है, 36 अभी पैंडिंग है व 25 आवेदनों को रिजेक्ट किया गया है।


श्री जुलाहा ने बताया कि हरियाणा महिला विकास निगम के तहत इस वर्ष 99 (49 व्यक्तिगत व 50 विधवा) आवेदनों का लक्ष्य निर्धारित है, जिनके विरुद्ध अभी तक कुल 99 आवेदन प्राप्त हुए हैं। इसमें से 33 को स्वीकृति मिल चुकी है व 37 अभी बैंक के स्तर पर पैंडिंग है। उन्होंने जिला में पीएम जनधन खातों के आंकड़ा प्रस्तुत करते हुए कहा कि वर्तमान में जिला में कुल 843273 जनधन खाते एक्टिव हैं।


वहीं जिला के नागरिकों को वित्तिय विषयों के प्रति जागरूक करने के लिए 30 सितंबर 2022 तक 129 जागरूकता कार्यक्रम आयोजित किए गए थे जिसमें करीब 4832 नागरिकों ने अपनी उपस्थिति दर्ज कराई। इसी प्रकार रुड़सेट संस्थान से स्वरोजगार का प्रशिक्षण प्राप्त 58 प्रार्थियों को बैंकों द्वारा ऋण स्वीकृत किए गए है। उन्होंने बताया कि जिला में प्रधानमंत्री किसान क्रेडिट कार्ड योजना के तहत प्रत्येक शुक्रवार को पशुपालन व मत्स्यपालन विभाग द्वारा आयोजित किए जा रहे कैंपो में 959 ऋण आवेदन प्राप्त हुए हैं। इसमें से 556 को स्वीकृत किया जा चुका है व 380 को रिजेक्ट किया गया है।


बैठक में नाबार्ड के क्लस्टर हेड विनय कुमार त्रिपाठी ने बताया की गुरुग्राम ज़िले में सभी हितधारकों से विचार विमर्च कर वर्ष 2023-24 के लिए प्राथमिक क्षेत्र के लिए कुल ₹ 19012 करोड़ के बैंक ऋण की संभाव्यता का आंकलन किया गया है। इसमें फसली ऋण सहित डेयरी, पॉल्ट्री, मछली पालन व भंडारण आदि के लिए ₹ 2437 करोड़, सूक्ष्म, लघु व माध्यम उद्यम के लिए ₹ 14438 करोड़ और अन्य प्राथमिक क्षेत्र की गतिविधि जैसे निर्यात, शिक्षा, आवास, नवीकरणीय ऊर्जा आदि के लिए ₹ 2138 करोड़ की संभाव्यता व्यक्त की गयी है।


श्री त्रिपाठी ने बैंको से आग्रह किया कि केंद्र सरकार की योजनाओं जिसमें कृषि अव्संधारना निधि, एग्री क्लिनिक एवं एग्री बिज़नस सेंटर एवं न्यू एग्रीकल्चर मार्केटिंग इंफ्रास्ट्रक्चर, प्रधानमंत्री फॉर्मलाइजेशन ऑफ माइक्रो फूड प्रोसेसिंग एंटरप्राइजेज योजनाओं में किसानों को ज्यादा से ज्यादा बैंक लोन देने का प्रयास करें। उन्होंने कहा कि सभी बैंक महिलाओं, कृषि मजदूरों, अल्प जोत वाले किसानों को संयुक्त देयता समूह एवं स्वयं सहायता समूह के माध्यम से ऋण प्रदान करने का प्रयास करें।


इस दौरान बैठक में आरबीआई चंडीगढ़ के एजीएम विक्रम ढांडा ने सभी बैंकर्स को आरबीआई की नई गाइडलाइंस की जानकारी सांझा करने के साथ साथ निजी क्षेत्र के बैंकों से आह्वान किया कि वे सरकारी बैंकों की तर्ज पर सरकार द्वारा प्रायोजित स्कीम्स में भाग लेकर सरकार द्वारा चिन्हित लाभार्थियों को सरल माध्यम से ऋण उपलब्ध करवाएं। उन्होंने कहा कि सभी बैंक ऋण की पूरी प्रक्रिया को एक महीने में पूरा करने का प्रयास करें।

बैठक में जिला के सरकारी व गैर सरकारी बैंकों के प्रतिनिधियों सहित संबंधित सरकारी विभाग के अधिकारियों व कर्मचारियों ने भाग लिया।

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