लॉकडाउन में अब और भी गंभीरता दिखानी होगी
-प्रधानमंत्री ने जनता से पूरा सहयोग मांगा है
-3 मई तक लॉकडाउन को अब शत-प्रतिशत बनाएं कामयाब
गुरुग्राम। विधायक सुधीर सिंगला ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा लॉकडाउन को 3 मई तक बढ़ाए जाने की घोषणा के बाहर जिलावासियों से अपील की है कि वे इस पर और अधिक गंभीर हो जाएं। घरों से निकलना पूरी तरह से बंद कर दें। इमरजेंसी की बात अलग होती है, लेकिन बहुत कुछ सुविधाएं अब घर बैठे ही पा सकते हैं। इसलिए इस पर पूरी तरह से अमल करते हुए घरों में सुरक्षित रहें।
उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी देश के नागरिकों की सुरक्षा के लिए, कोरोना वायरस संक्रमण के खात्मे के लिए बहुत अधिक गंभीर हैं। उन्हें अपने देश की चिंता है। देशवासियों की चिंता है। उनकी ओर से कहे गए हर शब्द का हमें पालन करना है। लक्ष्मण रेखा रूपी लॉकडाउन की लकीर को हमें किसी भी कीमत पर पार नहीं करना है। यह हम सबकी सेहत की खातिर किया गया है। विधायक सुधीर सिंगला ने कहा कि प्रधानमंत्री ने पूरे देशवासियों को अब तक दिए गए साथ के लिए धन्यवाद तक दिया है। यह हमारी सक्रियता ही है कि बहुत अधिक इस संक्रमण को फैलने से हमने रोका है। सोशल डिस्टेंस का हमने बखूबी पालन किया है। सामाजिक कार्यकर्ताओं, पुलिस व अन्य समाजसेवियों ने देश के भीतर मोर्चा संभाल रखा है। हर कोई योद्धा है। हमें एक-दूसरे को सहयोग करना है। वंचित लोगों तक खाना, राहत सामग्री पहुंचानी है, ताकि वे भी मुख्यधारा में बने रहें। उन्हें किसी तरह की परेशानी ना आए।
विधायक सुधीर सिंगला ने समाजसेवी संस्थाओं से आग्रह किया है कि अब तक जैसे उन्होंने जनसेवा की है, आगे बढ़ाए गए लॉकडाउन के दिनों में भी वे ऐसे ही लगे रहें। ऐसी उनकी अपेक्षा भी है और जरूरत भी है। उन्होंने कहा कि हर पेट को खाना देना हमारी सामाजिक जिम्मेदारी है। इसे हमें निभाना है। उन्होंने कहा कि जिस तरह से रेडक्रॉस के साथ मिलकर बहुत सी संस्थाएं काम कर रही हैं। लोगों तक खाना, राशन पहुंचा रही हैं, यह क्रम बना रहना चाहिए। उन्होंने कारपोरेट जगत से भी आग्रह किया है कि वे अपनी सोशल रिस्पॉन्सिबिलिटी समझकर आगे आएं।
इन सबका धन्यवाद करना ना भूले जनता
विधायक ने आम जन से भी कहा है कि वे कोरोना संक्रमण के साथ युद्ध में डटे चिकित्सकों, नर्सिंग स्टाफ, पैरा-मेडिकल स्टाफ, जनता तक खाना-राशन पहुंचा रहे समाजसेवियों, वॉलंटियर्स, मीडिया कर्मियों, पुलिस कर्मियों समेत तमाम उन लोगों को सम्मान दें, जो कि इस दौर में अपनी ड्यूटी से बढ़कर काम कर रहे हैं। अब यह किसी की ड्यूटी ना कहकर सेवा हो गई है। ड्यूटी का समय होता है लेकिन सेवा कार्य का कोई समय नहीं होता। यह सच भी है कि 24 घंटे लोग काम में लगे रहते हैं। कभी चाय, कभी खाना आवंटित करने में समाजसेवी बढ़-चढ़कर काम कर रहे हैं।