नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज सुबह 10:00 बजे देश के नाम अपने संबोधन में कोरोना संक्रमण से लड़ने के लिए की गई व्यवस्था का विस्तार से उल्लेख किया। उन्होंने देशवासियों से हाथ जोड़कर लॉक डाउन का सख्ती से पालन करने की अपील की और लॉक डाउन को आगामी 3 मई तक बढ़ाने का एलान किया। पीएम मोदी ने लोगों से 7 बिंदुओं पर साथ देने का आग्रह किया। उन्होंने स्पष्ट किया कि आगामी 20 अप्रैल तक बेहद सख्त लॉक डाउन लागू किया जाएगा और उसके बाद की स्थिति का आकलन करते हुए कुछ क्षेत्रों में कामकाज और लोगों की आवाजाही की छूट दी जाएगी। उन्होंने कहा कि 15 अप्रैल को केंद्र सरकार की ओर से इस संबंध में विस्तृत गाइडलाइन जारी की जाएगी। उन्होंने लॉक डाउन के दौरान लोगों से धैर्य बनाए रखने की अपील की।
प्रधानमंत्री ने आज अपने संबोधन में आरंभ के दिनों की चर्चा करते हुए कहा कि भारत में कोरोना संक्रमण का एक केस मिलने के बाद ही एयरपोर्ट पर आने वाले यात्रियों की स्क्रीनिंग शुरू कर दी थी और स्थितियों को देखते हुए अन्य आवश्यक कदम भी उठाए गए । उन्होंने आश्वस्त किया कि हमारा देश दुनिया के अन्य देशों की अपेक्षा कहीं बेहतर स्थिति में है। उन्होंने कहा कि भारत के पास सीमित संसाधन है, बावजूद इसके कोरोना से लड़ने के लिए किए गए हमारे उपाय बेहतर रहे हैं और इसमें सभी देश वासियों का भरपूर साथ मिला है। सोशल डिस्टेंसिंग से ही हम इसे रोकने में काफी हद तक सफल रहे हैं।
प्रधानमंत्री ने कहा कि कोरोना संक्रमण की रोकथाम के लिए किए गए लॉक डाउन के दौरान सभी राज्य सरकारों ने पूरी ईमानदारी के साथ मेहनत की है और लोगों ने इसका पालन किया है। यही कारण है कि हम आज कोरोना वायरस को अपने देश में काफी हद तक रोकने में सफल रहे हैं। पीएम ने कहा की लगभग 10,000 कोरोना पॉजिटिव मरीजों की संख्या के लिए 1500 बेड की आवश्यकता होती है जबकि भारत अब तक एक लाख से अधिक बेड की व्यवस्था करने में सफल रहा है । उन्होंने कहा कि देश में 600 से अधिक ऐसे हॉस्पिटल हैं जो केवल कोरोना संक्रमित मरीजों के इलाज के लिए ही समर्पित है और इन व्यवस्थाओं को और अधिक विस्तार दिया जा रहा है।
उन्होंने अपने संबोधन में देश के युवा वैज्ञानिकों का आह्वान करते हुए कहा कि आप आगे आएं और विश्व कल्याण के लिए कोरोना रोकथाम की दृष्टि से रिसर्च करें और वैक्सीन का आविष्कार करें । देश को आपसे बड़ी उम्मीद है और हमें विश्वास है कि हमारे वैज्ञानिक इसमें सफल होंगी।
पीएम मोदी ने स्पष्ट किया कि इस मुद्दे पर पिछले दिनों राज्य सरकारों के साथ लगातार चर्चा की गई और देश व दुनिया के सभी विशेषज्ञों से भी परामर्श किया गया । सभी इस बात पर सहमत दिखे की कोरोना को रोकने के लिए लॉक डाउन को बढ़ाना बेहद जरूरी है। उन्होंने कहा कि दुनिया के देशों की स्थिति को ध्यान में रखते हुए हमने एक बार फिर लॉक डाउन को आगामी 3 मई तक बढ़ाने का फैसला लिया है । उन्होंने स्पष्ट किया कि आगामी 20 अप्रैल यानी लगभग 1 सप्ताह बाद देश में सभी जिले वह थाना क्षेत्रों की स्थिति का विश्लेषण करने के बाद कुछ क्षेत्रों में कामकाज करने की अनुमति खास शर्तों के साथ दी जाएगी। उन्होंने कहा की लॉक डाउन से सबसे अधिक प्रभावित होने वाले गरीब दिहाड़ी मजदूरों के कल्याण की दृष्टि से 20 अप्रैल से कुछ छूट दी जाएगी । इस संबंध में पूरी गाइडलाइन केंद्र सरकार की ओर से 15 अप्रैल को जारी की जाएगी जिसका पालन पूरे देश में किया जाएगा।
प्रधानमंत्री ने कहा कि 20 अप्रैल तक का लॉक डाउन बेहद सख्त होगा और हमें इस बात के लिए सतर्क रहना होगा कि किसी भी स्थिति में कोई नया कोरोना हॉटस्पॉट नहीं बने और पुराने हॉटस्पॉट से नए पॉजिटिव केस नहीं बढ़े। इसलिए इस लॉक डाउन में अनुशासन दिखाते हुए लोगों को सजग रहने की जरूरत है।
प्रधानमंत्री ने यह भी कहा कि 20 अप्रैल के बाद जिन क्षेत्रों में एक भी मरीज नया नहीं मिलेगा या नया हॉटस्पॉट नहीं बनेगा तब उन्हें कामकाज की छूट दी जाएगी और यह छूट कुछ सख्त प्रावधानों के साथ होगी। अगर इस छूट के दौरान एक भी नया मरीज बढ़ा तो उसे समाप्त कर दिया जाएगा । उन इलाके में दी गई छूट को रोक दिया जाएगा। पीएम ने कहा कि इस दौरान बाहर निकलने के नियम बेहद सख्त होंगे । अगर इसमें थोड़ी भी कोताही बरती गई तो पहले से भी सख्त नियमों के तहत लॉक डाउन करना पड़ेगा। इसलिए इस बात का हमें ध्यान रखना चाहिए कि ना तो हम किसी प्रकार की कोताही बरते और नहीं अन्य किसी को गैर जिम्मेदाराना हरकत करने दें। यह हम सब की सामूहिक जिम्मेदारी है।
उन्होंने कहा की कहीं पर भी अगर एक भी मरीज बढ़ता है तो हमारे लिए चिंता का विषय होना चाहिए। उनका कहना था कि अगर एक भी व्यक्ति की दुखद मृत्यु कोरोना संक्रमण के कारण होती है तो यह हमारे लिए अत्यंत चिंता का विषय होना चाहिए । इसलिए हमें बेहद संवेदनशीलता के साथ इस संक्रमण से बचने के लिए किए गए उपायों का पालन करना चाहिए।
प्रधानमंत्री ने अपने संबोधन के अंत में लोगों से सात बिंदुओं पर साथ मांगा। उन्होंने हाथ जोड़ कर अपील करते हुए उन सात बिंदुओं का उल्लेख किया। उन्होंने कहा कि आप अपने परिवार के बुजुर्गों का जो पहले से किसी बीमारी के शिकार हैं उनकी देखरेख सर्वाधिक करें, दूसरा लॉक डाउन और सोशल डिस्टेंसिंग की लक्ष्मण रेखा का पूरी तरह पालन करें औरअपने घर में बनाए मास्क का अवश्य उपयोग करें , तीसरा आयुष मंत्रालय द्वारा अपने शरीर की रोग से लड़ने की क्षमता को बढ़ाने के लिए बताए गए उपायों का अवश्य पालन करें जिनमें अक्सर गर्म पानी का सेवन करना या फिर इसी प्रकार के काढ़ा का उपयोग करना शामिल है, चौथा आरोग्य सेतु एप का अपने मोबाइल में अवश्य डाउनलोड करें और अन्य लोगों को भी इसे डाउनलोड करने के लिए प्रेरित करें, पांचवी बात अपने आसपास के गरीब परिवारों को जितना संभव हो सके जरूर मदद करें, छठी बात आप अपने व्यवसाय या उद्योग में लगे हुए लोगों के साथ संवेदना रखें ,उन्हें किसी भी परिस्थिति में अभी नौकरी से ना निकाले और सातवीं बात, देश में हमारे कोरोना योद्धाओं जिनमें डॉक्टर, नर्स, कंपाउंडर , गैर स्वास्थ्य कर्मी , सफाई कर्मी, पुलिसकर्मी जैसे प्रोफेशनल लोग शामिल हैं का सम्मान करें। उनका गौरव बढ़ाएं।