मध्य प्रदेश विधानसभा के संभावित चुनाव को लेकर कांग्रेस की चुनावी रणनीति
पूर्व मुख्या मंत्री द्विगिजय सिंह से दूरी बनाने के संकेत
सुभाष चौधरी/प्रधान संपादक
नई दिल्ली : मध्य प्रदेश में संभावित आगामी विधानसभा चुनाव को लेकर कांग्रेस ने संगठनात्मक फेरबदल कर अपनी चुनावी रणनीति का संकेत दिया है. पार्टी नेतृत्व ने पार्टी के वरिष्ठ नेता कमलनाथ को प्रदेश कांग्रेस मध्य प्रदेश इकाई का अध्यक्ष नियुक्त किया है. दूसरी तरफ उनके विरोधी ज्योतिरादित्य सिंधिया को चुनाव प्रचार अभियान समिति का अध्यक्ष नियुक्त किया है.
मध्यप्रदेश की राजनीति पर नजर रखने वाले विश्लेषकों का मानना है कि पार्टी ने दोनों नेताओं को अलग-अलग प्रकार की जिम्मेदारी देकर एक प्रकार का राजनीतिक संतुलन साधने की कोशिश की है. दोनों ही नेताओं के समर्थक मध्यप्रदेश में बड़ी संख्या में है. ये दोनों ही नेता लगातार अपने संसदीय क्षेत्र से जीतकर लोकसभा में पहुंचते रहे हैं. प्रदेश की राजनीति में कमलनाथ और ज्योतिरादित्य सिंधिया दोनों अपने अपने क्षेत्र में बेहद लोकप्रिय हैं. ऐसे में पार्टी के लिए दो में से किसी एक को अलग रखना जोखिम भरा होता, संभवतया वहाँ की परिस्थियों को ध्यान में रखते हुए ही कांग्रेस नेतृत्व ने यह निर्णय लिया है. तीसरा गुट पूर्व मुख्य मंत्री द्विगिजय सिंह का है जो अभी तक उपेक्षित है. समझा जाता है कि पार्ट्री कमलनाथ और सिधिया की साफ़ छवि का फायदा उठाना चाहती है जबकि विवादित बयानबाजी को लेकर मशहूर रहने वाले द्विगिजय सिंह से दुरी बनाए रखना चाहती है.
जहां तक मध्य प्रदेश में मुख्यमंत्री के उम्मीदवार के रूप में किसी एक को घोषित करने का सवाल है अभी तक पार्टी ने ऐसा कोई संकेत नहीं दिया है. लेकिन मध्य प्रदेश कांग्रेस के नेताओं व कार्यकर्ताओं की ओर से लगातार इसकी मांग उठती रही है कि मुख्यमंत्री पद का चेहरा घोषित किया जाए. इस प्रकार का द्विअर्थीय संदेश देकर कांग्रेस ने दोनों नेताओं के समर्थकों को यह संकेत दे दिया है कि अगर मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव में कांग्रेस पार्टी को बहुमत मिलती है तो इन दोनों नेताओं में से ही कोई एक आने वाले समय में सीएम बनाए जा सकते हैं. मध्य प्रदेश कांग्रेस इकाई का अध्यक्ष नियुक्त करने पर कमलनाथ ने कहा है कि वह पार्टी में आपसी तालमेल से भाजपा और साम्प्रदायिक ताकतों को हारने की पूरी कोशिश करेंगे.