संसद का शीतकालीन सत्र 25 नवम्बर से : सत्ता पक्ष और विपक्ष के बीच तीखे तकरार की प्रबल आशंका

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सुभाष चन्द्र चौधरी /The Public World 

नई दिल्ली : संसद का शीतकालीन सत्र कल से यानी 25 नवम्बर से शुरू होगा जो  20 दिसम्बर तक चलेगा . इस सत्र में राजनीतिक तापमान चरम पर रहने के आसार हैं क्योंकि सत्ता पक्ष और विपक्ष के बीच वक्फ बोर्ड संशोधन बिल, अदानी घूसखोरी मामला और मणिपुर हिंसा सहित कई ज्वलंत मुद्दों पर तीखे तकरार देखने को मिल सकते हैं. इस सत्र में 15 से 17 विधेयक संसद में पारित करने के लिए रखने की संभावना है जिनमें 5 नए विधेयक भी शामिल हैं.  इस सत्र को लेकर केंद्र सरकार ने आज सर्वदलीय बैठक आयोजित की जिसमें 30 दलों के 42 से अधिक नेता शामिल हुए . बैठक की अध्यक्षत रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने की.

इस सत्र में पांच नए विधेयकों में से सहकारी विश्वविद्यालय की स्थापना संबंधी विधेयक शामिल है जबकि लंबित विधेयक में वक्फ संशोधन विधेयक है जिसे दोनों सदनों की संयुक्त समिति को विचार के लिए सौपा गया था. संसद की संयुक्त समिति इस सत्र में रिपोर्ट लोकसभा में पेश कर सकती है. समिति अपनी रिपोर्ट में अपने ऑब्जरवेशन और सुझाव शामिल कर सकती है जिसके आधार पर वक्फ संशोधन विधेयक में बदलाव किया जा सकते हैं. 

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इस बिल पर समिति की रिपोर्ट लोकसभा में पेश होने के बाद चर्चा होगी . उसके बाद ही फिर विचार के लिए सूची में शामिल किया जाएगा. हालांकि सरकार लगातार यह संकेत दे रही थी कि शीतकालीन सत्र में ही इस बिल को पारित करा लिया जाएगा लेकिन इस पर संशय बरकरार है. क्योंकि विपक्ष इसमें अपने मनोनुकूल बदलाव चाहता है जबकि सत्ता पक्ष का अपना मंतव्य है.  इस बिल को लेकर दोनों पक्षों में जबरदस्त तकरार होने के आसार हैं. 

इस सत्र में ही कोस्टल शिपिंग बिल और इंडियन कोस्ट बिल को भी संसद में पारित कराया जाएगा . इसे सूचीबद्ध करने की संभावना है. इसके अलावा आठ विधेयक लोकसभा में लंबित हैं जबकि राज्यसभा में दो विधेयक लंबित है जिन पर चर्चा हो सकती है. 

 

संसद के शीतकालीन सत्र को लेकर आज केंद्र सरकार ने सर्वदलीय बैठक बुलाई थी जिसमें कांग्रेस सहित सभी विपक्षी दलों के नेताओं नेअ पनी-अपनी मांगे रखी. खबर है कि कांग्रेस पार्टी ने लोकसभा में कथित अदानी घूस कांड, मणिपुर हिंसा और देश की राजधानी दिल्ली में बढ़ते जानलेवा प्रदूषण स्तर पर चर्चा करने की मांग की है. सर्व दलीय बैठक के बाद पत्रकारों से बातचीत में केंद्रीय संसदीय कार्य मंत्री किरण रिजीजू ने बताया कि सरकार सभी विषयों पर चर्चा करने के लिए तैयार है लेकिन25 नवंबर से 20 दिसंबर तक निर्धारित समय में जिन विषयों को समायोजि तकिया जा सकता है उन पर चर्चा जरूर होगी. उन्होंने स्पष्ट किया कि चर्चा के लिए विषयों का चयन लोकसभा अध्यक्ष और राज्यसभा के सभापति की अनुमति और संसद की बिजनेस एडवाइजरी कमिटी में विचार करने के बाद किया जाएगा. उनका कहाँ था कि संसद में किसी भी विषय पर चर्चा करने की यही परंपरा रही है. 

 

केंद्रीय मंत्री किरण रिजीजू ने कहा कि शीतकालीन सत्र के दौरान ही कई राष्ट्रीय महत्व के कार्यक्रम भी आयोजित किए जाएंगे. इस वर्ष भारतीय संविधान को स्वीकार करने का 75वां वर्ष पूरा हो रहा है. इसलिए 26 नवंबर को संविधान दिवस पर 75वां वर्षगांठ का आयोजन किया जाएगा.  इस अवसर पर संसद के दोनों सदनों की संयुक्त बैठक को राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू संबोधित करेगी. इसके अलावा इस अवसर पर संविधान निर्माण की प्रक्रिया से संबंधित महत्वपूर्ण पहलुओं को देश की जनता के सामने रखने के लिए कई पुस्तक प्रकाशित करने का विचारहै. संविधान दिवस को इस बार पूरे वर्ष पूरे देश मेंआयोजित किया जाएगा. 

 

केंद्रीय मंत्री ने कहा कि डॉ बी आर अंबेडकर का परिनिर्वाण दिवस का आयोजन और संसद पर हमले की वर्षगांठ के अवसर पर शहीद हुए सुरक्षा कर्मियों को श्रद्धांजलि देने के लिए सभा का आयोजन किया जाएगा. 

 

संसदीय मंत्री ने कहा कि सर्वदलीय बैठक में सकारात्मक माहौल में चर्चा हुई. बैठक में शामिल सभी दलों के नेताओं ने अपनी अपनी मांगे रखी हैं . उन मांगों को लोकसभा अध्यक्ष और राज्यसभा के सभापति के समक्ष रखा जाएगा . संसद की बिजनेस  एडवाइजरी कमेटी में चर्चा के लिए रखा जाएगा. उन्होंने स्पष्ट किया कि सरकार सभी मुद्दों पर चर्चा करने के लिए तैयार है और सभी विषय देश के लिए महत्वपूर्ण है. लेकिन निर्धारित समय सीमा में जो विषय शामिल किये जा सकेंगे उस पर चर्चा होगी. 

 

केंद्रीय मंत्री ने उम्मीद जताई कि शीतकालीन सत्र अच्छी तरह चलेगा . सत्ता पक्ष और विपक्ष तालमेल सी संसद में चर्चा करेंगे और परिणाम रचनात्मक निकलेगा. 

 

पत्रकारों के सवाल पर किरण रिजीजू ने कहा कि वक्फ संशोधन बिल पर जेपीसी के मामले में वह केवल इतना ही कह सकते हैं कि लोकसभा में पिछले सत्र में सदन ने समिति की रिपोर्ट प्रस्तुत करने के लिए शीतकालीन सत्र के पहले सप्ताह के आखिरी दिन से पहले का दिन तय किया था. उन्होंने कहा कि अगर किसी कारण से समिति अपनी रिपोर्ट लोकसभा में नहीं प्रस्तुत कर पाएगी तो सदन से अनुमति लेकर उसका समय बढ़ाया जा सकता है.

सर्वदलीय बैठक में केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्री जे पी नड्डा, किरन रिजीजू, राज्य मंत्री अर्जुनराम मेघवाल, डॉ मुरुगन , कांग्रेस पार्टी के नेता प्रमोद तिवारी, जयराम रमेश, सपा नेता राम गोपाल यादव सहित सभी दलों के संसदीय दल के नेता मौजूद थे.

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