नकदी की मांग और आपूर्ति में 1.9 लाख करोड़ रुपए का अंतर रहा
सरकार और रिज़र्व बैंक का दावा नोट की कमी नहीं
नई दिल्ली : देश कई राज्यों में पिछले कई दिनों से बैंक के एटीएम में पैसों की कमी पर सरकार और बेंक के बयान में विरोधाभास दिख रहा है. एक तरफ केंद्र सरकार और रिजर्व बैंक ने दावा किया है कि नकदी की कोई कमी नहीं है जबकि स्टेट बैंक की ओर से जारी रिपोर्ट में एटीएम में पैसे नहीं होने की वजह नकदी की कमी होना बताया गया है। मिडिया रिपोर्ट्स के अनुसार स्टेट बैंक ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि देश में 70,000 करोड़ रुपए की नकदी की कमी है. रिपोर्ट में इस बात का संकेत दिया गया है कि डिजिटल लेनदेन बढ़ने से नकदी की आवश्यकता का अनुमान गलत लगाया गया जिससे यह स्थिति पैदा हुयी है।
खबर में यह कहा गया है कि इस वर्ष मार्च में चलन में 19.4 लाख करोड़ रुपए की नकदी होनी चाहिए, लेकिन 17.5 लाख करोड़ रुपए की नकदी ही उपलब्ध थी । जाहिर है नकदी की मांग और आपूर्ति में 1.9 लाख करोड़ रुपए का अंतर रहा जिससे ए टी एम् खाली दिखने लगे .
दूसरी तरफ देश में केंद्र सरकार एवं राज्य सरकारों की लाख कोशिश के बावजूद डिजिटल लेनदेन में गिरावट देखने को मिली। रिपोर्ट्स के अनुसार मार्च में 1.2 लाख करोड़ रुपए के डिजिटल लेनदेन हुए जो आरम्भ से भी कम रहे।
कहा जा रहा है कि चौथी तिमाही में इकोनॉमिक ग्रोथ में तेजी आई जिससे एटीएम से ज्यादा पैसे निकाले गए। बताया जाता है कि कई बैंकों के एटीएम में 200 रुपए के नोटों के आकार के हिसाब आवश्यक परिवर्तन नहीं किये गए जबकि 2000 और 500 के नोटों के बजाय 200 और 50 रु. के नोटों की छपाई रिज़र्व बैंक ने तेज कर दी. दूसरी छमाही में भी एटीएम से 12.2% कैस ज्यादा निकाले गए .
बैंक की रिपोर्ट के अनुसार वर्तमान में नकदी का स्तर 17.84 लाख करोड़ है।