अपना अस्तित्व बचाने के लिए इनेलो ने बसपा से किया गठबंधन : रमण मलिक

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गुरुग्राम : भारतीय जनता पार्टी हरियाणा के प्रदेश प्रवक्ता  ने कहा है कि  कभी हरियाणा की राजनीति में शिखर पर रहने वाली पार्टी का यह हाल हो गया है कि उसे अपना वर्चस्व बचाने के लिए बसपा के साथ गठबंधन करना पड़ रहा है। जो देवीलाल कभी राष्ट्रीय स्तर की राजनीति करा करते थे आज उन्हीं की पार्टी प्रदेश में अपना अस्तित्व बचाने के लिए बाहरी पार्टियों के साथ गठबंधन कर रही है। ऐसी पार्टी जिसका प्रदेश में ना ही कोई वोट बैंक है, नाही कोई नेता है, ना ही जिसे कोई जानता है।

मलिक ने कहा इनेलो बहुत अच्छी तरीके से जानती है कि 2019 के चुनावों में इनेलो का हाल 2014 से भी बुरा होने वाला है, जिसकी वजह से इनेलो के कार्यकर्ता पार्टी छोड़ छोड़ कर दूसरी जगहों पर जाने लगे हैं। पार्टी अपने बचे हुए कार्यकर्ताओं को किसी तरह एकजुट रखने के लिए उन को बहकाने का कार्य कर रही है बसपा के साथ गठबंधन कार्यकर्ताओं को बहकाने के अलावा और कुछ नहीं है।

आज जिस प्रकार से आईएनएलडी के सुप्रीमो अभय चौटाला जी ने प्रेस वार्ता करके अपने दल और बहुजन समाज पार्टी के गठबंधन की घोषणा करी, मैं उनको आने वाले समय के लिए शुभकामनाएं देता हूँ।मैं आशा करता हूं कि 15 साल से सत्ता से दूर रहने के बाद, इस बड़ी गलती पर उनके कार्यकर्ता उनको माफ कर सकें और उनकी करी हुई भूल का खामियाजा उनके कार्यकर्ताओं पर ना पड़े।

मलिक ने कहा गौरतलब बात यहां पर यह है कि लोकतंत्र के अंदर गठबंधन एक लोकतांत्रिक प्रक्रिया है, जो हर राजनीतिक दल करता है लेकिन सुचारु रुप से लोकतंत्र की रक्षा करने और देश की भलाई के लिए गठबंधन मूलतः दो तरीके से करा जाता है।
पहला गठबंधन चुनाव से पूर्व किया जाता है, जो कि कॉमन मिनिमम प्रोग्राम पर आधारित होता है और वह प्रदेश के अंदर एक प्रगतिशील शासन देने की प्रक्रिया होती है।
मलिक ने आरोप लगते हुए कहा की अगर आप इतिहास को खंगाले तो इन दोनों राजनीतिक दलों के इतिहास में दो चीजें बड़े प्रखर रूप से सामने आती हैं, एक तो भाय और दूसरा भ्रष्टाचार गौरतलब यह है दोनों परिवारों पे “आय से अधिक संपत्ति” के मामले चल रहे हैं, अब दूसरे गठबंधन की बात करें वह गठबंधन वह होता है जो जनता के दिए हुए निर्णय के उपरांत लोकतांत्रिक मर्यादाओं को जीवित रखने के लिए किया जाता है।
जहां तक मेरे को याद आता है स्वर्गीय जननायक देवी लाल जी जहाँ मुल कांग्रेस विरोधी विचारधारा के परिचायक थे लेकिन हाल फिलहाल में जिस प्रकार से देखा जाए तो आईएनएलडी ने भी अप्रत्यक्ष रूप से कांग्रेस की मदद करी और ली है।

यह देखते हुए मुझे कोई आश्चर्य नहीं होता की बसपा जो कि समय-समय पर सोनिया गांधी और कांग्रेस की मदद करती आई है आज वैचारिक और राजनीतिक दिवालियापन के चलते आईएनएलडी को टूटी हुई बैसाखी का सहारा लेना पड़ रहा है ।

मलिक ने कहा एक सवाल जिसका जवाब चौटाला परिवार को जरूर देना पड़ेगा वह यह है कि क्या एक समय पर जिन देवीलाल जी के नाम से हरियाणा विख्यात हो चला था आज उनकी यह दशा आ गई है की यह जानते हुए 300 से किसी भी चीज को गुणा करो तो उसका उत्तर सुने ही होगा यह जानते हुए भी अपने सभी कार्यकर्ताओं का भविष्य ताक पर रख दिया इसका जवाब उनको अपने कार्यकर्ताओं को देना पड़ेगा।

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