निगम आयुक्त ने काल सेन्टर के माध्यम से आने वाली शिकायतों की समीक्षा
एस एम एस सेवा होगी जल्द शुरू
गुरूग्राम, 15 मार्च। आम जनता को मूलभूत सुविधाएं मुहैया करवाने तथा जनसामान्य से जुड़ी शिकायतों का समाधान करने की जिम्मेदारी हम सभी की है, इसलिए सभी अधिकारी बेहतर तालमेल और बेहतर तरीके से कार्य करें, ताकि जनता को बेहतर मूलभूत सुविधाएं मुहैया करवाई जा सकें।
उक्त विचार आज गुरूग्राम के नगर निगम आयुक्त यशपाल यादव ने सिविल लाईंस स्थित स्वतंत्रता सेनानी जिला परिषद हॉल में आयोजित बैठक में उपस्थित नगर निगम अधिकारियों को संबोधित करते हुए व्यक्त किए। यह बैठक कॉल सैंटर के माध्यम से प्राप्त होने वाली शिकायतों की समीक्षा के लिए आयोजित की गई थी। बैठक में कॉल सैंटर के प्रतिनिधियों ने बताया कि गुरूग्राम के नागरिकों द्वारा टोल फ्री नंबर 1800-180-1817 पर प्रात: 8 बजे से शाम 8 बजे तक सीवरेज, पानी, स्ट्रीट लाईट, सडक़, सफाई, अतिक्रमण संबंधी शिकायतें की जाती हैं। इन शिकायतों को संबंधित अधिकारियों के पास ई-मेल के माध्यम से निपटान हेतु भेजा जाता है। संबंधित अधिकारी इन शिकायतों का समाधान करके कॉल सैंटर को अवश्य सूचित करें, ताकि उन शिकायतों को लंबित सूची से हटाया जा सके। नगर निगम द्वारा जल्द ही एक एसएमएस सुविधा भी शुरू की जाएगी। इसके तहत कॉल सैंटर पर प्राप्त होने वाली शिकायत के बारे में संबंधित अधिकारी को एसएमएस के माध्यम से भी सूचना मिलेगी तथा शिकायतकर्ता को भी इस बारे में जानकारी एसएमएस के माध्यम से दी जाएगी।
बैठक में निगमायुक्त ने स्पष्ट रूप से कहा कि जन सामान्य से जुड़े कार्यों में किसी प्रकार की कोताही बर्दाश्त नहीं होगी तथा अगर कोई अधिकारी या कर्मचारी अपने कार्य में कोताही बरतता है, तो उसके खिलाफ कड़ी कार्रवाई अमल में लाई जाएगी। उन्होंने कहा कि उन्हें कड़ी कार्रवाई करने का मौका ना दें और अपने कार्य को बेहतर ढंग से और जवाबदेही के साथ करें, ताकि जनता के बीच आपकी एक बेहतर छवि बने। उन्होंने उपस्थित अधिकारियों एवं कर्मचारियों से कहा कि अतिक्रमण, अवैध निर्माण और अवैध विज्ञापनों के मामले में अगर किसी प्रकार की ढ़ील बरती जाती है, तो वे बर्दाश्त नहीं करेंगे। उन्होंने कहा कि शिकायतों का समाधान के लिए समयसीमा निर्धारित की जाए। उन्होंने यह भी कहा कि कॉल सैंटर तथा अन्य माध्यमों से प्राप्त होने वाली शिकायतों की समीक्षा के लिए संबंधित ब्रांचों के मुखिया हर माह की 5 तारीख तक समीक्षा करें तथा उसके बाद संबंधित संयुक्त निगमायुक्त को रिपोर्ट भेजें। संयुक्त निगमायुक्त 10 तारीख तक उनके पास रिपोर्ट भेजेंगे। उन्होंने कहा कि उन्हें बताया गया है कि सर्विसिज की जिम्मेदारी अधिकतर प्राईवेट एजेंसी को अलॉट की गई हैं। ऐसे में एजेंसी के कार्य की निगरानी बढ़ाएं तथा अगर एजेंसी सही तरीके से कार्य नहीं करती है, तो उस पर नियमानुसार कार्रवाई की जाए।
श्री यादव ने अधिकारियों से प्रो-एक्टिव होकर कार्य करने का आह्वान किया तथा कई मामलों में उनसे सुझाव भी मांगे। इनमें मल्टीलेवल पार्किंग स्थान चिन्हित करने, नगर निगम की जमीनों का बेहतर उपयोग करने, स्ट्रीट वैंडिंग, सीवरेज सफाई कार्य, अवैध मलबा एवं कचरा डंपिंग तथा कचरा जलाने की घटनाओं पर अंकुश लगाने, डेंजर्स बिल्डिंगों की पहचान, पानी की बर्बादी रोकने आदि शामिल थे। उन्होंने कहा कि अधिकारी इस बारे में अपने सुझाव दें तथा अगर कोई व्यक्ति अवैध रूप से कचरा या मलबा डालता है या कचरे को जलाता है, तो उसे रोकें। उन्होंने विभिन्न कार्यों जैसे स्वीपिंग और सीवरेज सफाई आदि के लिए बीट सिस्टम बनाने के निर्देश भी बैठक में दिए। इससे प्रत्येक व्यक्ति की जवाबदेही तय हो सकेगी। उन्होंने कहा कि हरपथ एप, सीएम विंडो, पीएम विंडो से प्राप्त होने वाली शिकायतों को भी प्राथमिकता के आधार पर निपटाएं। बैठक में नगर निगम के चीफ मैडीकल ऑफिसर डा. असरूद्दीन ने एक प्रैजेंटेशन के माध्यम से पानी, हवा और खाने से फैलने वाली बीमारियों के बारे में जानकारी दी तथा उनसे बचाव के बारे में बताया।
बैठक में एसीयूटी राहुल नरवाल, एडीशनल म्यूनिसिपल कमिशनर वाई एस गुप्ता, संयुक्त निगमायुक्त मुकेश कुमार, अनु एवं डा. गौरव अंतिल, सीटीपी आरके सिंह सहित नगर निगम की इंजीनियरिंग ब्रांच, टैक्स ब्रांच, मैडीकल ब्रांच, प्लानिंग ब्रांच, सैनीटेशन ब्रांच के अधिकारीगण उपस्थित थे।