युवा कार्य एवं खेल राज्य मंत्री ने ‘खेल सबके लिए’ राष्ट्रीय कार्यशाला का उद्घाटन किया
नई दिल्ली : आज एक राष्ट्रीय कार्यशाला ‘खेल सबके लिए’ का आयोजन किया गया इसमें भारतीय ओलंपिक एसोसिएशन, खेल विभाग, भारतीय खेल प्राधिकरण, राष्ट्रीय पर्यवेक्षक राष्ट्रीय खेल परिसंघ, एसजीएफआई और एआईयू तथा राज्यों और केन्द्र शासित प्रदेशों के खेल सचिव, खेल विकास बोर्ड और खेलो को बढ़ावा देने वाले स्वयंसेवी संगठनों के लगभग 80 प्रतिनिधियों ने हिस्सा लिया। खेल विकास-व्यक्तिगत विकास, सामुदायिक विकास, आर्थिक विकास, राष्ट्रीय विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। इस कार्यशाला का एक प्रमुख उद्देश्य सभी संगठनों के बीच इस संबंध में एक राय बनाना और खेलों के विभिन्न लाभों के बारे में एक दृष्टिकोण बनाना था।
कार्यशाला का उद्घाटन करते हुए युवा कार्य एवं खेल राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) कर्नल राज्यवर्धन सिंह राठौर ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के विजन के अनुरूप सरकार ने ‘खेलो इंडिया’ पहल का शुभारंभ किया है। इसके अंतर्गत समग्र खेल प्रणाली का विस्तृत कायाकल्प किया जाएगा। उन्होंने कहा कि ‘खेलो इंडिया’ योजना सिर्फ स्टेडियमों के विकास तक ही सीमित नहीं है इसके जरिए एथलीटों और देश का विकास किया जाएगा। खेलो इंडिया खेलो को विस्तृत पटल पर देखने का नजरिया है। इस अभियान के जरिए खेलने, प्रतियोगिताओं का सृजन करने, खेल प्रतिभाओं की खोज और शारीरिक चुस्ती और अच्छे स्वास्थ्य के प्रति जागरूकता फैलाना है।
कर्नल राठोर ने कहा कि प्रतियोगिताओं के कई स्तर बनाये जाने की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि जब हम यह सवाल करते है कि वे किस घरेलू राष्ट्रीय प्रतियोगिता के प्रतियोगी हैं तो उन्हें जवाब देने के लिए सोचना पड़ता है। भारतीय स्कूल खेल परिसंघ (एसजीएफआई) वर्षों से विद्यालय स्तरीय खेलो का आयोजन करती है लेकिन इस बारे में किसी को जानकारी नहीं है। उन्होंने कहा कि हम दिसंबर 2017 में खेलो इंडिया स्कूल गेम्स नामक नया कार्यक्रम आरंभ करने जा रहे हैं। यह विद्यालय स्तर पर सर्वोत्तम टूर्नामेंट होगा। यह खोज के लिए एक प्लेटफॉर्म बनेगा। उन्होंने कहा कि बेहतरीन प्रतिभाओं को ‘खेलो इंडिया स्कूल गेम्स’ में आना चाहिए और अपने खेलो का प्रदर्शन करना चाहिए।
श्री राठौर ने यह भी बताया कि इस अतिरिक्त हम 1,000 एथलीटों का चयन करेंगे और उन्हें प्रतिवर्ष 5 लाख रुपये तक के संसाधन मुहैया कराएंगे, यह सुविधा 8 वर्षों तक दी जाएगी ताकि देश की बेहतर प्रतिभाओं को निखार सकें। इस योजना के तहत हम हर साल 1,000 नये एथलीटों को जोड़ेंगे इससे देश में विभिन्न खेलो की छुपी प्रतिभाओं को निखरने का मौका मिलेगा और देश को अच्छे खिलाडि़यों और में बेहतरीन खिलाड़ी हासिल होंगे।
देश में छुपी खेल प्रतिभाओं की खोज के लिए सरकार ने हाल ही में राष्ट्रीय खेल प्रतिभा खोज पोर्टल शुभारंभ किया है। इसके लिए देश भर में कहीं से भी प्रतिभावान एथलीटों को अपने प्रदर्शन का एक वीडियों भेजना है बाद में इन एथलीटों को घरेलू और अंतर्राष्ट्रीय प्रतियोगिताओं में भाग लेने के लिए विशेषज्ञों से प्रशिक्षण दिलाया जाएगा।
मंत्री ने बताया सरकार केवल एथलीटों के कल्याण पर ही ध्यान नहीं दे रही बल्कि प्रशिक्षको पर भी पूरा ध्यान दिया जा रहा है। प्रशिक्षकों के प्रशिक्षण कौशल के अनुरूप उन्हें ग्रेड प्रदान किए जायेंगे और नियमित आधार पर उनकी सेवाएं ली जाएंगी। कर्नल राठौर ने कहा के मंत्रालय सूचना प्रौद्योगिकी पर आधारित ढांचा तैयार कर रहा है। इसके अंतर्गत डेटाबेस होगा। प्रतियोगिता आयोजित करने वाले इससे किसी भी खिलाड़ी के बारे में जानकारी हासिल कर सकते हैं।
इसका उद्देश्य एथलीटों को अपने कार्य पर पूरी तरह ध्यान केन्द्रित करना है। उन्होंने यह भी बताया सभी प्रशिक्षक, प्रबंधक और संस्थान इन एथलीटों को ध्यान रखेंगे और उनके प्रतिदिन उन्नति के बारे में मंत्रालय को जानकारी देंगे। मंत्री ने कहा कि खेलो के सभी शेयरधारकों को खेलो में पेशेवर, जिम्मेदारपूर्ण और जवाबदेही जैसे गुण लाने होंगे। सरकार विभिन्न श्रेणियों में खेल इकाइयों के गलत व्यवहार और गलत प्रशासन को सहन नहीं करेगी। ऐसे में सरकार श्रेष्ठ प्रदर्शन वाले प्रबंधकों को रखेगी जो पेशेवर तरीके से वांछित परिणाम दे सकें।