मकान बनाने के नए नियमों के लिए आप दे सकते हैं सुझाव !

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चंडीगढ़, 22 सिंतबर :  हरियाणा सरकार ने हरियाणा भवन संहिता-2017 को अंतिम रूप देने से पहले इस पर आपत्तियां और सुझाव मांगने के उद्देश्य से इसके प्रारूप संशोधनों को स्वीकृति प्रदान की है। इस संबंध में सुझाव 30 दिन के अंदर अर्थात 19 अक्तूबर, 2017 तक निदेशक, नगर एवं ग्राम आयोजना, हरियाणा, चंडीगढ़ के पास ईमेल आईडी [email protected] तथा वास्तुकार, मुख्यालय, हरियाणा, चंडीगढ़ को [email protected]m  पर भेजे जा सकते हैं।
 
नगर एवं ग्राम आयोजना विभाग के एक प्रवक्ता ने आज यहां यह जानकारी देते हुए बताया कि महाविद्यालयों, विश्वविद्यालयों और स्कूलों जैसे शिक्षण संस्थानों के मामले में, छात्रावास घटक को अधिकतम स्वीकृत कवर्ड एरिया के 20 प्रतिशत तक प्रतिबंधित किया गया है।
 
उन्होंने बताया कि आवासीय घटक अर्थात प्राधानाचार्य, अध्यापकों, प्रोफेसरों और स्टाफ के लिए आवासीय सुविधा को अधिकतम स्वीकृत कवर्ड एरिया के 10 प्रतिशत तक प्रतिबंधित किया गया है जोकि छात्रावास घटक से अलग है। हालांकि सक्षम प्राधिकारी परियोजना की आवश्यकता पर विचार करने के बाद कारण दर्ज करके उपरोक्त प्रतिशतता के आवासीय घटक की अनुमति दे सकता है, बशर्ते कि फ्लोर एरिया रेशो (एफएआर) की अधिकतम सीमा 50 प्रतिशत हो।
 
प्रवक्ता ने बताया कि आवासीय प्लॉटिड कालोनी में स्थित प्लाटों के लिए पार्किंग के मामले में 500 वर्गमीटर से अधिक के लिए प्रत्येक आवासीय इकाई हेतु एक समान कार स्पेस (ईसीएस), 250 से 500 वर्गमीटर आकार के प्लाट के लिए प्रत्येक आवासीय इकाई हेतु 0.75 ईसीएस तथा 150 से 250 वर्गमीटर तक के आकार के प्लाट के लिए प्रत्येक आवासीय इकाई हेतु 0.5 ईसीएस मुहैया करवाना होगा। हालांकि, 150 वर्गमीटर तक के आकार के प्लाट के लिए किसी भी तरह के ईसीएस की आवश्यकता नहीं होगी।
 
उन्होंने बताया कि समूह आवास में, प्रत्येक आवासीय इकाई के लिए न्यूनतम 1.5 ईसीएस आवश्यक होगा। इसके अलावा, आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग (ईडब्ल्यूएस) वर्ग श्रेणी के फ्लैटों के लिए कुल कार पार्किंग एरिया का न्यूनतम 5 प्रतिशत उपलब्ध करवाना होगा। एकीकृत तथा बहुमंजिला वाणिज्यिक भवन, बिग बॉक्स रिटेल स्टोर्स, रेस्टोरेंट, मल्टीप्लेक्स, सिनेमा, थियेटर और शॉपिंग मॉल में कवर्ड एरिया के प्रत्येक 50 वर्गमीटर के लिए 1 ईसीएस आवश्यक होगा, जबकि कार्यालयों, साइबर पार्क, आईटी पार्क और साइबर सिटीज में कवर्ड एरिया के प्रत्येक 75 वर्गमीटर के लिए एक ईसीएस जरूरी होगा।
 
प्रवक्ता ने बताया कि सक्षम प्राधिकरण द्वारा विकसित किए जा रहे शॉपिंग एरिया तथा निर्धारित शॉपिंग मार्किंट में कुल स्थल क्षेत्र का 65 प्रतिशत पार्किंग प्रयोजन के लिए रखा जाएगा। अस्पतालों में पार्किंग प्रत्येक 2 बिस्तरों के लिए एक ईसीएस के तौर पर तथा विजिटर पार्किंग प्रत्येक चार बिस्तरों के लिए एक ईसीएस के तौर पर मुहैया करवाई जाएगी। उद्योगों के लिए कवर्ड एरिया के प्रत्येक 300 वर्गमीटर के लिए एक ईसीएस उपलब्ध करवाया जाएगा। इसी प्रकार, सभा भवनों अर्थात अकेले थियेटरों, सिनेमाघरों, कान्सर्ट हॉल, ऑडिटोरियम और सभा हॉल के लिए कवर्ड एरिया के प्रत्येक 40 वर्गमीटर के लिए एक ईसीएस उपलब्ध करवाया जाएगा।
 
उन्होंने बताया कि प्राथमिक तथा माध्यमिक स्कूलों के लिए पार्किंग प्रयोजन हेतु कुल स्थल क्षेत्र का 15 प्रतिशत, जबकि कॉलेज के लिए कवर्ड एरिया के प्रत्येक 200 वर्गमीटर के लिए एक ईसीएस मुहैया करवाया करवाया जाएगा। उन्होंने बताया कि सिविल या उच्च न्यायालय समेत सरकारी या अर्ध-सार्वजनिक कार्यालयों के लिए कवर्ड एरिया के प्रत्येक 75 वर्गमीटर के लिए एक ईसीएस जबकि होटल तथा मोटल के मामले में कवर्ड एरिया के प्रत्येक 75 वर्गमीटर के लिए एक ईसीएस उपलब्ध करवाया जाएगा।
 
प्रवक्ता ने बताया कि भू-तल या स्टिल्ट के ऊपर मल्टीलेवल पार्किंग के रूप में या बेसमेंट में कवर्ड पार्किंग को एफएआर माना जाएगा। हालांकि, अलग पार्किंग भवन खंड के फुट-प्रिंट को ग्राउंड कवरेज माना जाएगा। बेसमेंट फ्लोर या ऊपर की मंजिलों में मैकेनिकल पार्किंग के प्रावधान के मामले में बेसमेंट या फ्लोर की फ्लोर से छत तक की स्पष्ट ऊंचाई अधिकतम 4.75 मीटर हो सकती है। कवर्ड पार्किंग एरिया में किसी भी तरह की भंडारण या वाणिज्यिक गतिविधियों की अनुमति नहीं होगी। उन्होंने बताया कि कवर्ड पार्किंग स्पेस के दुरुपयोग के मामले में संबंधित श्रेणी में फालतू कवर्ड एरिया के लिए निर्धारित जुर्माना शुल्क का तीन गुणा जुर्माना लगाया जा सकता है।
 
उन्होंने बताया कि यदि प्लाटधारक न्यूनतम 230 मिमी चौड़ी सांझा चारदिवारी बनाना चाहता है तो उसे साथ लगते प्लाट मालिकों, जिनके प्लाट सांझा चारदिवारी से लगते हैं, की सहमति जमा करवानी होगी। यदि कोई प्लाटधारक अपने प्लाट की चारदिवारी के अंदर स्वतंत्र चारदिवारी बनाना चाहता है तो इसकी अनुमति केवल तभी दी जाएगी जब साथ लगते प्लाट खाली होंगे। प्लाट मालिक को यह सुनिश्चित करना होगा कि नींव तथा चारदिवारी का कोई हिस्सा साथ लगते प्लाट पर न बनाया जाए।
 
उन्होंने बताया कि गली या सडक़ को जोडऩे वाले बिल्डिंग प्लिंथ के रैंप या सीढिय़ों का कोई हिस्सा गली या सडक़ पर न पड़ता हो जिससे कि यातायात में रूकावट हो। हालांकि, मकान के प्रवेश के लिए प्लाट की चारदिवारी से रैंप या सीढिय़ां बनाई जा सकती हैं। इस तरह के रैंप की न्यूनतम चौड़ाई 1:4 होगी, जिसमें से एक मीटर आने-जाने के लिए और 3 मीटर वाहनों के लिए इस्तेमाल किया जा सकेगा।
 
उन्होंने बताया कि केवल भू-तल वाले सार्वजनिक भवन के मामले में विशेष रूप से सक्षम व्यक्तियों के लिए इसके प्लिंथ लेवल तक पहुंचने के लिए रैंप मुहैया करवाया जाएगा। एक मंजिला से अधिक के सार्वजनिक भवन के मामले में लिफ्ट या रैंप उपलब्ध करवाया जाएगा परन्तु भू-तल पर भवन के प्लिंथ लेवल तक पहुंचने के लिए रैंप उपलब्ध करवाया जाएगा। अस्पतालों में स्टै्रचर लाने ले जाने या सार्वजनिक इस्तेमाल के लिए रैंपों की न्यूनतम चौड़ाई 2.4 मीटर होगी। अस्पतालों के रैंप का इस्तेमाल वाहनों के लिए नहीं किया जाएगा।

Suvash Chandra Choudhary

Editor-in-Chief

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