धर्मेन्द्र प्रधान , मुख़्तार अब्बास नकवी, पीयूष गोयल और निर्मला सीता रमण केबिनेट मंत्री बनाए गए
नई दिल्ली : नरेन्द्र मोदी ने मिशन 2019 की तैयारी और आगामी लोक सभा चुनाव से पहले सरकार की छवि को निखारने के दृष्टिकोण से आज रविवार को अपने कैबिनेट का विस्तार व फेर बदल किया . मोदी कैबिनेट में 9 नए लोगों के शामिल किया गया जबकि चार मंत्रियों को केबिनेट मंत्री बनाया गया. वर्तमान कैबिनेट में शामिल 6 सांसदों को दूसरी जिम्मेदारी देने की संभावना के तहत हटाया जाएगा. इन छह मंत्रियों से पहले ही इस्तीफा लिया जा चुका हैं. राष्ट्रपति ने पहले धर्मेन्द्र प्रधान , मुख़्तार अब्बास नकवी, पीयूष गोयल और निर्मला सीता रमण को केबिनेट मंत्री के रूप में शपथ दिलाई उसके बाद स्वतन्त्र प्रभार राज्य मंत्री एवं राज्य मंत्री के रूप में हरदीप पुरी, के जे अल्फॉन्स, अनंत कुमार हेगड़े, आर के सिंह, गजेंद्र सिंह शेखावत , सत्यपाल सिंह, शिव प्रताप शुक्ला, अश्विनी चौबे और वीरेंद्र कुमार को पद व गोपनीयता की शपथ दिलाई .
सुबह 10.30 बजे राष्ट्रपति भवन में शपथग्रहण कार्यक्रम का आयोजन किया गया और राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने सभी नए मंत्रियों को शपथ दिलाई. इससे पहले पीएम मोदी ने नए मंत्रियों को सुबह नाश्ते पर प्रधानमंत्री आवास पर बुलाया और उन्हें दी जा रही जिम्मेदारी के बारे में अवगत कराया .
इससे पूर्व नये मंत्रियों के लिए होने वाले शपथ ग्रहण समारोह की जानकारी राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने ट्वीट के जरिए दी थी . उन्होंने बताया था कि रविवार तीन सितंबर को राष्ट्रपति भवन में सुबह साढ़े दस बजे केन्द्र सरकार के नये मंत्रियों को पद एवं गोपनीयता की शपथ दिलायी जाएगी.
नए नाम जो आज मोदी कैबिनेट में शामिल किये गए : हरदीप पुरी, के जे अल्फॉन्स, अनंत कुमार हेगड़े, आर के सिंह, गजेंद्र सिंह शेखावत , सत्यपाल सिंह, शिव प्रताप शुक्ला, अश्विनी चौबे और वीरेंद्र कुमार
चार मंत्रियों को कैबिनेट मंत्री का दर्जा :
धर्मेंद्र प्रधान, पीयूष गोयल, निर्मला सीतारमण और मुख्तार अब्बास नकवी ने केंद्रीय कैबिनेट के लिए शपथ ली.
मोदी केबिनेट नए चेहरे :
आर.के. सिंह
आरा बिहार से लोकसभा सांसद आर.के.सिहं 1975 बैच (बिहार काडर) के पूर्व आईएएस अधिकारी है. सिंह ने दिल्ली के सेंट स्टीफेन कॉलेज से अंग्रेजी साहित्य में पढ़ाई की है फिर कानून में बैचलर डिग्री हासिल की वह नीदरलैंड की आरवीबी ड्वेल्फ यूनिवर्सटी से भी पढ़ाई कर चुके हैं. अपने करियर में वह कई अहम पदों पर रहे हैं. वह भारत के गृह सचिव भी रह चुके हैं.
अश्विनी चौबै
बक्सर, बिहार से लोकसभा सांसद अश्विनी चौबे लगातार 5 बार बिहार विधानसभा में विधायक रहे हैं. उन्होंने 8 साल तक स्वास्थ्य, शहरी विकास और जनस्वास्थ्य, इंजिनियरिंग जैसे विभागों की जिम्मेदारी संभाली. पटना यूनिवर्सिटी में छात्र संघ के अध्यक्ष रहे चौबे, जेपी आंदोलन में भी सक्रिय रहे.
सत्यपाल सिंह
उत्तर प्रदेश के बागपत से सत्यपाल सिंह लोकसभा सांसद हैं. सिंह महाराष्ट्र कैडर से 1980 बैच के आईपीएस हैं.सत्यपाल सिंह मुंबई, पुणे और नागपुर के पुलिस कमीश्नर भी रहे हैं.इन्हें 1990 के दौर में मध्यप्रदेश और आंध्र प्रदेश में नक्सली इलाकों में काम करने के लिए भारत सरकार की ओर से 2008 में में आंतरिक सुरक्षा सेवा मेडल से भी नवाजा गया है.
शिव प्रताप शुक्ला
शिव प्रताप शुक्ला उत्तर प्रदेश से राज्यसभा सांसद हैं. वह 1989 से 1996 तक लगातार चार बार विधायक रहे. यूपी सरकार में आठ साल तक कैबिनेट मंत्री रहे. उन्होंने गोरखपुर विश्वविद्यालय से कानून की पढ़ाई की है. 1970 के दशक में छात्र नेता के तौर पर राजनीति में शुरुआत की. वह आपातकाल के दौरान 19 महीने जेल में बंद रह चुके हैं.
अनंत कुमार हेगड़े
कर्नाटक के उत्तर कन्नड़ से अनंत कुमार हेगड़े सांसद हैं. हेगड़े पहली बार 28 साल की उम्र में सांसद बने थे. यह संसद में उनका पांचवा टर्म है.अनंत को ग्रामीण भारत का गहरा जानकार माना जाता है. वह कदंम्ब नाम के एनजीओ (गैर सरकारी संस्था) के संस्थापक भी रहे हैं. अपने सांसदीय कार्यकाल के दौरान हेगड़े कई संसदीय समितियों के सदस्य रहे हैं.
गजेंद्र सिंह शेखावत
राजस्थान के जोधपुर से गजेंद्र सिंह शेखावत लोकसभा सांसद है. वह वित्त मामलों पर बनी संसदीय समिति के सदस्य हैं और फेलोशिप कमिटी के चेयरमैन हैं. सोशल मीडिया पर खासे लोकप्रिय हैं. उन्होंने जय नारायण व्यास यूनिवर्सिटी से फिलॉस्फी में एमए और एमफिल की है. शेखावत खेलों में भी खासी रूचि रखते हैं.
अल्फोंज कन्ननाथनम
अल्फोंज कन्ननाथनम केरल कैडर के 1979 बैच के पूर्व आईएएस ऑफिसर हैं. अल्फोंज एक वकील भी हैं. अल्फोंज डीडीए के कमिश्नर भी रह चुके हैं. बतौर डीडीए कमिश्नर उन्होंने 15, 000 अवैध इमारतों का अतिक्रमण हटाया. इस कार्रवाई के बाद बाद वह दिल्ली के डिमॉलिशन मैन के रूप में मशहूर हो गए. अल्फोन्स ने ‘मेकिंग अ डिफरेंस’ नामक पुस्तक भी लिखी है, जो बेस्टसेलिंग किताब बनी.आईएएस से रिटायर होने के बाद अल्फोंज ने राजनीति में कदम रखा.
वीरेंद्र कुमार
मध्य प्रदेश के टीकमगढ़ से सांसद वीरेंद्र कुमार 6 बार से लोकसभा का प्रतिनिधित्व कर रहे हैं. वीरेंद्र कुमार दलित समुदाय से आते हैं. 70 के दशक में जेपी आंदोलन से जुड़े रह चुके हैं. श्रम मामलों पर संसद की स्थायी समिति के चेयरमैन रह चुके हैं. लेबर एंड वेलफेयर और एससी-एसटी वेलफेयर कमिटी के सदस्य भी रहे हैं.
हरदीप पुरी
हरदीप सिंह पुरी 1974 के बैच के पूर्व भारतीय विदेश सेवा (आईएफएस) के अधिकारी रह चुके हैं. पुरी को विदेश नीति और राष्ट्रीय सुरक्षा मामलों का जानकार माना जाता है. हरदीप पुरी पूर्व में विकासशील देशों के रिसर्च एंड इंफोर्मेशन सिस्टम (आरआईएस) थिंक टैंक के अध्यक्ष रह चुके हैं. इसके अलावा वह न्यू यॉर्क में अंतरराष्ट्रीय शांति संस्थान (आईपीआई) के उपाध्यक्ष भी रहे हैं.
पीएम मोदी के 4 P फॉर्मूले
मंत्रिमंडल का विस्तार पीएम मोदी के 4 P फॉर्मूले पैशन, प्रोफिसिएंशी, पॉलिटिकल एक्युमेन और प्रोफेशनल एक्युमे के आधार पर किया गया। यानी पीएम मोदी ने ऊर्जा, दक्षता, पेशेवर तथा राजनीतिक कार्यकुशलता को ध्यान में रखकर किया है ताकि नये भारत के विजन पर वे काम कर सकें। पीएम मोदी ने अपनी टीम के सदस्यों को उन्होंने गुण और भविष्य की क्षमता के आधार पर चुना है। उन्हें महत्वपूर्ण मंत्रालयों का प्रभार दिया जाएगा खासकर यह ध्यान में रखते हुए कि लोगों को सीधे तौर पर सेवा दी जा सकें। बताया जाता है कि प्रधानमंत्री नये भारत के अपने विजन के लिए प्रतिबद्ध हैं जो विकास और सुशासन पर आधारित होगा जिसमें गरीबों, हाशिये के लोगों और समाज के वंचित तबके का विशेष ख्याल रखा जाएगा।
जद यू के चेहरे क्यों नहीं ?
मंत्रिमंडल विस्तार को लेकर जेडीयू में फूट की खबर आ रही है. दरअसल मोदी कैबिनेट में दो पदों के लिए जदयू के 5 लोग दावेदार निकल आए और इसी को लेकर पार्टी के अंदर टेंशन है.
यह भी चर्चा :
चर्चा यह भी है कि पीएम मोदी की नई टीम में जदयू का कोई चेहरा इस लिए नहीं आया क्योंकि नीतीश कुमार रेल मंत्रालय मांग रहे थे. इस परभाजपा तैयार नहीं हुई. इसलिये बात नहीं बन पाई. इस मसले पर सहमति बनती है तो एक आने वाले दिनों में एक और कैबिनेट विस्तार देखने को मिला सकता है.
पीएम आवास पर बैठक
सभी संभावित मंत्रियों के साथ पीएम मोदी ने अपने निवास पर बैठक की . इस बैठक में पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह, निर्मला सीतारमण और धर्मेंद्र प्रधान ,मुख्तार अब्बास नकवी भी मौजूद थे.