दक्षिण अफ्रीका व मॉरीशस की तरह हरियाणा में होगा अनाज भण्डारण

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खाद्य मंत्री कर्णदेव कांबोज के साथ विधायक एवं अधिकारियों का शिष्टमंडल साउथ अफ्रीका  व मॉरीशस के दौरे पर 

अन्न भंडारण की बेहतर तकनीक का ले रहे हैं जायजा 

हाइटेक तकनीक के गोदाम बनेंगे 

दक्षिण अफ्रीका व मॉरीशस की तरह हरियाणा में होगा अनाज भण्डारण 2चंडीगढ़। खाद्य, नागरिक आपूर्ति एंव उपभोक्ता मामले मंत्री कर्णदेव कांबोज सहित विधायकों तथा अधिकारियों का शिष्टमंडल साउथ अफ्रीका तथा मॉरीशस के दौरे पर अन्न भंडारण (साइलॉज) की बेहतर तकनीक का अध्ययन कर रहे है। अब विदेशों की तर्ज पर हरियाणा का अनाज भी सुरक्षित रहेगा। मध्यप्रदेश में स्टील के साइलॉज बने हुए है, लेकिन विदेशों में यह फाइबर के भी बने हुए है। विदेश से लौटने के पश्चात जो तकनीक बेहतर होगी उसे हरियाणा में अपनाया जाएगा। मॉरीशस तथा साउथ अफ्रीका की कंपनियों की ओर से हरियाणा में उच्च तकनीक के साइलॉज बनाने की पेशकश की है। हरियाणा में भारतीय खाद्य निगम की ओर से साढ़े नौ लाख मिट्रिक टन के (साइलॉज) तकनीक आधारित गोदाम बनाने की मंजूरी मिल चुकी है। 

    मंगलवार को हरियाणा सरकार के शिष्टमंडल ने साउथ अफ्रीका में 14 देशों के लिए साइलॉज और बंकर बनाने वाली कृषि आधारित कंपनी एएफजीआरआई सहित विभिन्न जगहों पर जाकर नई तकनीक (फाइबर साइलॉज) का अध्ययन किया। शिष्टमंडल द्वारा 6 से 15 जुलाई तक दोनों देशों के दौरे के दौरान अन्न भंडारण की नई-नई जानकारियां हासिल की जाएगीं। गौरतलब है कि मॉरीशस विभिन्न प्रकार की खाद्य वस्तुएं जैसे कि अनाज, पशु आहार, सीमेंट इत्यादि के भंडारण व प्रसंकरण में विशेष पहचान रखता है।

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साउथ अफ्रीका और मॉरीशस की कंपनियों के प्रतिनिधियों ने शिष्टमंडल को आश्वासन दिया कि वे शीघ्र ही हरियाणा का दौरा करेंगे और साइलॉज बनाने के लिए सरकार का सहयोग करेगें। उल्लेखनीय है कि पिछली सरकारों ने अन्न भंडारण की तरफ कोई ध्यान नही दिया, लेकिन भाजपा की सरकार अन्न को सुरक्षित रखने के लिए गंभीर है। खाद्य, नागरिक आपूर्ति मंत्री श्री कर्णदेव कांबोज के वरिष्ठ सचिव केएस छिक्कारा ने बताया कि अभी तक हरियाणा में अन्न भंडारण की कमी को पूरा करने के लिए तथा अनाज के एक-एक दाने को बचाने के लिए आधुनिक तकनीक अपनाने की दिशा में कदम उठाया है।

 

इसके लिए विभाग के मंत्री तथा अधिकारियों ने पिछले दिनों मध्यप्रदेश और छत्तीसगढ़ का दौरा कर अनाज को सुरक्षित रखने की तकनीक के बारे में जानकारी हासिल की थी, यहां पर स्टील के साइलॉज बनाए गए है। मॉरीशस और दक्षिण अफ्रीका में स्टील के अलावा फाइबर से बने साइलॉज बड़ी मात्रा में है। साइलॉज में निश्चित तापमान और तकनीक होती है जिसमें अनाज का एक-एक दाना सुरक्षित रहता है। इसलिए जो भी बेहतर और अच्छी तकनीक होगी उसके द्वारा ही हरियाणा में साइलॉज का निर्माण किया जाएगा। 

    उन्होंने बताया कि साढ़े छह लाख मिट्रिक टन क्षमता के साइलॉज सरकार बनाएगी और तीन लाख मिट्रिक टन क्षमता के गोदाम एफसीआई तैयार करेगी। इसकी अप्रूवल भी हरियाणा सरकार को मिल चुकी है। बता दे कि हरियाणा में लंबे समय से परम्परागत गोदाम बने है और काफी मात्रा में अनाज खुली जगह में भी लगाया जाता रहा है। साइलॉज बनने पर पूरा अनाज सुरक्षित रहेगा। इस शिष्टमंडल में हरियाणा खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता मामले विभाग के मंत्री श्री कर्णदेव कांबोज, विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव एसएसप्रसाद, विधायक सुभाष सुधा, विधायक भगवान दास कबीरपंथी सहित विभाग के अन्य अधिकारी मौजूद है। 

Suvash Chandra Choudhary

Editor-in-Chief

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