वेब की दुनिया में केएसडीएसयू की पहली उड़ान

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— शब्दों की शक्ति के बारे में डा0 शशिनाथ झा का व्याख्यान यूट्यूब पर लोड
— संस्कृत व्याकरण की दुनिया के लिए अनोखी पहल

दरभंगा। डिजिटलाइजेशन की दौर में सूबे के एकलौते ऐतिहासिक कामेश्वर सिंह दरभंगा संस्कृत विश्वविद्यालय ने भी गुरुवार को वेब की दुनिया में पहली दूरगामी उड़ान भर दी है। अब संस्कृत व्याकरण में रुचि रखने वाले छात्र व शिक्षक इंटरनेट सुविधा के सहारे यूट्यूब पर जाकर स्थानीय स्नातकोत्तर व्याकरण विभाग के अध्यक्ष डा0 शशिनाथ झा के शब्दों की शक्ति पर संस्कृत में दिए गए सारगर्भित व्याख्यान को सुन सकते हैं।

उक्त जानकारी देते हुए पीआरओ निशिकांत प्र0 सिंह ने बताया कि प्राच्य विषयों की पढ़ाई व इस पर व्याख्यान तो यहां बर्षों से होते रहे हैं लेकिन उसे मौजूदा आधुनिक शिक्षण व्यवस्था के अनुरूप सहेजा व सवांरा नहीं जाता था लेकिन संस्कृत सम्बर्धन के सच्चे हिमायती नव नियुक्त कुलपति डा0 सर्वनारायण झा की आधुनिक सोच व कार्य प्रणाली ने कुछ ही दिनों में तस्वीर बदलनी शुरू कर दी है। जानकर सुखद आश्चर्य होगा कि यहां के विद्वानों के विचार पत्र- पत्रिकाओं में तो छपते रहे हैं लेकिन पहली बार कुलपति डा0 झा के कारण ही विभागाध्यक्ष डा0 झा के व्याख्यान को यूट्यूब पर दुनियाभर के लोग सुनेंगे व मनन करेंगे। सूचना वैज्ञानिक डा0 नरोत्तम मिश्र द्वारा बताया गया कि यूट्यूब पर केएसडीएसयू लेक्चर या फिर शब्दशक्तिविमर्ष: अंग्रेजी में टाइप करने पर व्याख्यान को उपलोड किया जा सकता है। इसके अलावा इसका लिंक संस्कृत विवि के वेबसाईट केएसडीएसयू डॉट ईडीयू डॉट इन पर भी उपलब्ध है।

मालूम हो कि व्याकरण के दृष्टिकोण से किसी शब्द का अर्थ हम कैसे समझ जाते हैं यानी सार्थक हर शब्द में अपनी शक्ति होती है और उसी के अनुरूप उसका अर्थ निकलता है और उपयोग भी होता है। इन्हीं विन्दुओं को व्याख्यान में फोकस किया गया है। बुधवार को कुलपति डा0 झा ने अपनी उपस्थिति में धर्मशास्त्र विभाग के सभाकक्ष में उक्त व्याख्यान को विद्वानों की मौजूदगी में रिकार्ड कराया था। इसी क्रम में उन्होंने नई व्यवस्था भी दी है कि माह में दो बार किसी विषय पर शिक्षक व्याख्यान देंगे फिर यही कार्य छात्र भी करेंगे ताकि यहां की भावना व सोच विश्व स्तर पर प्रचारित व प्रसारित हो सके और संस्कृत की व्यापकता भी बढ़े।

वाकई यूट्यूब पर पहली बार घर के विद्वानों की आवाज सुनकर सभी आह्लादित हैं और रोमांचित भी।

Suvash Chandra Choudhary

Editor-in-Chief

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