जब बॉर्डर पर फौजी शहीद हो रहे हों,भाजपा को जश्न मनाने का कोई अधिकार नहीं: आफताब अहमद

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देश में अल्पसंख्यक और दलितों पर हमला कराकर राजनेतिक फायदा उठाने का प्रयास हो रहा है

केंद्र के अल्पसंख्यक मंत्रालय से मेवात को पिछले तीन साल से कोई पैसा नहीं मिल रहा है।

 

 

यूनुस अलवी

मेवात: एक तरह भारतीय जनता पार्टी की केंद्रीय सरकार अपने तीन साल का कार्यकाल पूरा होने पर देश भर में जश्र मना रही हैं वहीं प्रदेश के पूर्व परिवहन मंत्री एवं प्रदेश उपाध्यक्ष आफ़ताब अहमद ने भाजपा सरकार को फैल और जुमलो की सरकार बताते हुऐ शुक्रवार को नूंह स्थित कांग्रेस कार्यालय पर प्रेसवार्ता कर भाजपा की बखियां उधेडी।
 
  प्रत्रकारवार्ता में पूर्व परिवहन मंत्र आफताब अहमद ने कहा कि बॉर्डर पर फौजी शहीद हो रहे हे ऐसे में भाजपा सरकार को जश्न मनाने का कोई अधिकार नहीं है। भाजपा सरकार ने तीन साल में ऐसा कोई काम नहीं किया जो जश्र मनाने के काबिल हो। केंद्र सरकार ने पिछले तीन साल में विकास की बजाये लोगो में जातिवाद का जहर घोला है। जब से भाजपा सरकार सत्ता में आई है तब से देश में एक सुनयोजित तरीके से अल्पसंख्यक और दलितों को टारगेट कर निशाना बनाकर राजनेतिक फायदा उठाने की कौशिश की जा रही है। केंद्र और राज्य सरकार पिछले तीन सालों से गाय, तीन तलाक, जातिगत हिंसा और योगा में ही उलझी रही है। भाजपा ने विकास की बजाऐ अख़लाक़, पहलु, भुनेश्वर रेल मामला और अब सहारनपुर हिंसा और हाईवे पर चार महिलाओं के साथ गैंगरेप फिर मर्डर जैसे सेकड़ो कांड दिए है। जो यूपीए सरकार की योजनाएं थी उन्ही को अपना नाम देकर वाह वाई लूट रही है। पिछले तीन साल में केंद्र सरकार ने मेवात और प्रदेश को एक भी बड़ी योजना नहीं दी।
 
  उन्होने कहा द्ववेष भावना के चलते भूपेंद्र सिंह हुड्डा, सोनिया गांधी जैसे शीर्श कांग्रेस नेताओं पर झूठे मुकदमें दर्ज किये जा रहे हैं। उन्होंने  मोदी सरकार के तीन साल होने पर मेवात के साथ भेदभाव करने का आरोप लगाया है । मेवात में एक भी परियोजना मोदी सरकार ने नहीं शुरू की है,बल्कि कांग्रेस सरकार द्वारा मेवात के लिए दी गई परीयोजनाओं को ठण्डे बस्ते में डाल दिया है। यू पी ए सरकार ने मेवात के लिए रेल परियोजना मंजूर की थी जिसके आधे खर्चे को वहन करने की जिम्मेदारी हरियाणा सरकार के तत्कालीन मुख्यमंत्री चौधरी भुपेंदर सिंह हुड़ड़ा ने ली थी लेकिन केंद्र में सरकार बदलते ही मोदी सरकार ने मेवात रेल परियोजना को ठण्डे बस्ते में डाल दिया।
 
पिछली यू पी ऐ सरकार ने अपने शासनकाल में गुडगाँव अलवर रोड को राष्ट्रीय राजमार्ग 248 अ घोषित किया था जिससे पहले ही कांग्रेस की हुड़ड़ा सरकार द्वारा  गुडगाँव से नूह तक फोर लेन का काम भी पूरा हो चूका था। नूह से अलवर तक भी भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण ने फॉर लेन मंजूर की थी परन्तु  उसपर अभी तक बीजेपी सरकार ने कोई भी कार्य शुरू नहीं किया है। 2013 2014 में कांग्रेस की प्रदेश सरकार ने मेवात कैनाल परियोजना की मंजूरी के लिए केंद्र सरकार को दस्तावेज भेजे थे लेकिन बीजेपी सरकार बनते ही मोदी सरकार की नकारात्मक  मंशा ने परियोजना को ठण्डे बस्ते में डाल दिया ।केंद्र के अल्पसंख्यक मंत्रालय से मेवात के लिए  आने वाला पैसा भी पिछले तीन सालों से नहीं मिल रहा है। अगर सरकार को  नंबर दिये जाएं तो उसे माइन्स में नंबर मिलेंगे।
 
कांग्रेस की यू पी ऐ सरकार में  आधार, मनरेगा, आरटीआई, जवाहर लाल नेहरू राष्ट्रीय शहरी नवीनीकरण मिशन योजना (जेएनएनयूआरएम) ,पोलियो मुक्त भारत, डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर,  किसान कर्ज़ माफ़ी, अर्थव्यवस्था का उदारीकरण, स्टॉक बाजार सुधार,विस्सल ब्लोअर, खाद्य सुरक्षा, मोबाइल क्रांति, मंगलयान, चंद्रयान,  इन्टरनेट क्रांति,  शिक्षा सुधार,  जी एस टी जैसी अनेक परियोजना कांग्रेस पार्टी की मनमोहन सिंह सरकार की उपलब्धियां थी। लेकिन आज तीन साल में हमारे प्रधानमंत्री मोदी जी  की क्या उपलब्धियां हैं ? जुमलेबाजी, महंगाई, नवाज़ शरीफ़ का जन्मदिन मनाना,अल्पसंख्यकों, दलित और पिछड़ों पर हमले, पठानकोट हमला, दादरी, नेपाल को चीन का करीबी बनाना, सीमा पर लगातार गोलाबारी, कश्मीर समस्या, जातिय हिंसा मनमोहन सिंह सरकार में  अर्थव्यवस्था में सुधार हुआ, विकास प्रक्रिया में आम आदमी को शामिल किया गया,  बेहतर प्रशासन और कल्याणकारी कार्यक्रमों को लागू करना तथा  बदलती हुई दुनिया में अन्य देशों से अच्छे संबंध कायम करना बड़ी उपलब्धि थी। वहीं भाजपा ने तीन साल पहले लोगों को झूठे सब्जबाग दिखाकर सत्ता हासिल की थी। लेकिन तीन साल बीत जाने के बाद भी चाहे किसान, जवान, आम आदमी, गरीब, मजदूर, युवा, व्यापारी, नारी, कर्मचारी हो हर वर्ग खुद को ठगा हुआ मह्सूस कर रहा है। विकास को भुलाकर आज भाजपा सरकार देश को खुद का गढ़ा हुआ फ़र्ज़ी राष्ट्रवाद सीखा रही है। मोदी सरकार की गलत नीतियों के कारण कश्मीर के हालात और बिगड़े हैं। 1990 के बाद पहली बार इस कदर कश्मीर के हालात ख़राब हुए हैं। जवानो पर आतंकवादी हमले तेजी से बढे हैं।

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